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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

यौन हमलों से बचाव करने में सक्षम सेंसर का विकास

  • 28 Jul 2017
  • 3 min read

संदर्भ
हाल ही में एम.आई.टी. के एक भारतीय वैज्ञानिक ने स्टीकर की तरह दिखने वाले एक ऐसे  सेंसर का विकास किया है जिसे पहनने से यौन हमलों जैसी घटनाओं को नियंत्रित किया जा सकता है| यह सेंसर उचित समय में यौन अपराध की घटना का पता लगा सकने में तो सक्षम है ही, साथ ही पीड़ित के मित्रों, परिवार के सदस्यों और आस-पास के लोगों को पीड़ित के विषय में सचेत करने की क्षमता भी रखता है|

सेंसर की विशेषता

  • इस सेंसर को किसी भी कपड़े पर स्टीकर की तरह चिपकाया जा सकता है|
  • सेंसर में इस तरह की प्रोग्रामिंग की जा सकेगी कि व्यक्ति द्वारा स्वयं कपड़े उतारने या फिर ज़बरदस्ती किसी अन्य के द्वारा उसके कपड़े उतारने/उतरवाने के मध्य अंतर किया जा सके| 
  • सेंसर उस स्थिति में अपराध के प्रमाणों का पता लगाने में सक्षम हो सकेगा जब पीड़ित अचेतन अवस्था में हो अथवा आक्रमण करने वाले से संघर्ष करने की स्थिति में न हो|

कार्य पद्धति

  • यह सेंसर दो मोड में कार्य करता है- निष्क्रिय एवं सक्रिय|
  • निष्क्रिय मोड- इसे पहनने वाले को बहुत सचेत रहने की आवश्यकता होगी| वह स्वयं के द्वारा वस्त्र निकालते समय इसके उच्च अलार्म अथवा संकट के समय होने वाली कॉल को स्वयं बंद कर सकता है|
  • सक्रिय मोड में- यह सेंसर बाह्य परिवेश से भी संकेतों का पता लगाने का प्रयास करने में सक्षम है| उदाहरण के लिये, यदि कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति को निर्वस्त्र करने का प्रयास करता है तो तत्काल ही व्यक्ति के स्मार्टफोन में एक सन्देश जाएगा कि क्या इसके लिये उस व्यक्ति की सहमति ली गई है अथवा नहीं|
  • यदि स्मार्टफोन के उपयोगकर्ता 30 सेकंड के भीतर उत्तर नहीं देते हैं तो फोन नज़दीकी लोगों को सचेत करने के लिये एक तेज़ ध्वनि का उत्सर्जन करेगा|
  • यदि पीड़ित एक पूर्वनिर्धारित पासवर्ड का उपयोग करके 20 सेकेंड के भीतर इस अलार्म को बंद नहीं करता है तो स्मार्टफोन एप स्वतः ही उसके परिवार अथवा मित्रों (जिनके नंबर एप में पहले से ही चिन्हित किये गए हैं), को पीड़ित के स्थान की जानकारी के साथ संकट के संकेत भेज देगा|
  • इस सेंसर की सबसे महत्त्वपूर्ण बात यह है कि इस तकनीक को मौजूदा वस्त्रों में भी लगाया जा सकता है ताकि हमले के आरंभिक संकेतों का पता लगाया जा सके|
  • इन प्रस्तावित समाधानों का उद्देश्य बाल यौन शोषण, कॉलेज परिसर में होने वाले हमलों और बुजुर्गों और विकलांगों के साथ होने वाले दुर्व्यवहार को नियंत्रित करना है|
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