लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



डेली न्यूज़

भारतीय अर्थव्यवस्था

सरकार ने लगाया आयातित सौर सेल पर 25 प्रतिशत सुरक्षात्मक शुल्क

  • 01 Aug 2018
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

भारत ने चीन और मलेशिया से आयातित सौर सेल पर दो साल के लिये सुरक्षात्मक शुल्क लगाया है। उल्लेखनीय है कि सरकार द्वारा यह कदम बड़ी मात्रा में हो रहे आयात को देखते हुए घरेलू कंपनियों के हितों की रक्षा के लिये उठाया है।

प्रमुख बिंदु

  • वित्त मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार, यह शुल्क 12 महीने तक (30 जुलाई, 2018 से 29 जुलाई 2019) 25 प्रतिशत, उसके अगले 6 महीने तक (30 जुलाई 2019 से 29 जनवरी 2020) 20 प्रतिशत और उसके बाद 6 महीने तक (30 जनवरी 2020 से 29 जुलाई 2020) 15 प्रतिशत लगाया गया है।
  • आयातित सौर सेल पर सुरक्षात्मक शुल्क लगाने की सिफारिश वाणिज्य मंत्रालय के अधीन आने वाले व्यापार उपचार महानिदेशालय (Directorate General of Trade Remedies -DGTR) ने की थी।
  • इस शुल्क का सबसे अधिक असर चीन से आने वाले सोलर पैनलों पर पड़ेगा क्योंकि भारत की सौर ऊर्जा क्षमता में 85 प्रतिशत से ज़्यादा चीन के पैनलों की भूमिका है।

सुरक्षात्मक शुल्क का प्रभाव

  • हालाँकि, इस कदम का उद्देश्य घरेलू सौर सेल विनिर्माण क्षेत्र की मदद करना है लेकिन यह सस्ते आयात पर निर्भर मौजूदा परियोजनाओं को प्रभावित कर सकता है।
  • इस शुल्क के लागू होने से सौर ऊर्जा के दाम लगभग 3 रुपए/यूनिट हो जाएँगे जिसके कारण हाल में बोली लगाई गई परियोजनाओं के साथ ही निर्माणाधीन परियोजनाओं की बिजली दरों में बदलाव करना पड़ेगा।
  • शुल्क में बदलाव की वज़ह से  नियामकीय प्रक्रिया और बिजली दर महँगी होने पर राज्यों द्वारा बिजली खरीद समझौते को रद्द किया जा सकता है जिसका असर 7,000 मेगावॉट क्षमता की परियोजनाओं पर पड़ सकता है। साथ ही शुल्क लगाए जाने से सौर ऊर्जा परियोजना की लागत बहुत बढ़ जाएगी।
  • सुरक्षात्मक शुल्क का बोझ खरीदारों पर डाला जा सकता है और परियोजना डेवलपर बिजली की बिक्री के अंतिम मूल्य में इसका समायोजन कर सकते हैं।

पृष्ठभूमि

  • इंडियन सोलर मैन्युफैक्चरिग एसोसिएशन (ISMA) ने पाँच भारतीय उत्पादकों- मूंदड़ा सोलर प्राइवेट लिमिटेड, इंडोसोलर लिमिटेड, जुपिटर सोलर पावर, वेबसोल एनर्जी सिस्टम तथा हेलिओर फोटो वोल्टिक की तरफ से DGTR को आवेदन दिया था। आवेदन में दावा किया गया था कि सेल के आयात में वृद्धि से घरेलू कंपनियाँ प्रभावित हो रही हैं।
  • महानिदेशालय द्वारा की गई जाँच में भी पाया कि सौर सेल का आयात बढ़ने से घरेलू उत्पादों को नुकसान हुआ है।
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2