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सामाजिक न्याय

'ज़ीरो हंगर' लक्ष्य: SDG-2

  • 05 Aug 2021
  • 5 min read

प्रिलिम्स के लिये

सतत् विकास लक्ष्य

मेन्स के लिये

'ज़ीरो हंगर' लक्ष्य संबंधी चुनौतियाँ और समाधान 

चर्चा में क्यों?

संयुक्त राष्ट्र की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, सतत् विकास लक्ष्य-2 (SDG-2) यानी 'ज़ीरो हंगर' को प्राप्त करने का लक्ष्य कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी के मद्देनज़र प्रभावित हुआ है।

  • 'ज़ीरो हंगर' का लक्ष्य कई अन्य लक्ष्यों जैसे- गरीबी उन्मूलन (SDG-1), बेहतर स्वास्थ्य और कल्याण (SDG-2) तथा स्वच्छ पेयजल (SDG-6) के साथ मिलकर काम करता है।

प्रमुख बिंदु

अन्य SDG लक्ष्यों के साथ संबंध

  •  SDG-2 और SDG-1:
    • खाद्य सुरक्षा न केवल खाद्य उपलब्धता पर निर्भर करती है, बल्कि खाद्य पहुँच पर भी निर्भर करती है।
    • यदि खाद्य सुरक्षा और गरीबी को एक ही लड़ाई के हिस्से के रूप में देखा जाए, तो गरीबी को कम करने के लिये न केवल कम खाद्य कीमतों के माध्यम से बल्कि उच्च आय के माध्यम से भी मांग की जानी चाहिये।
  • SDG-2 और SDG-3:
    • पोषण बेहतर स्वास्थ्य की कुंजी है, इसलिये SDG-2 और SDG-3 के बीच का संबंध भी सहक्रियात्मक है।
    • अधिक सतत् कृषि के माध्यम से पर्यावरणीय स्वास्थ्य भी SDG-2 और SDG-3 के बीच संबंध स्थापित करता है।
      • कृषि गतिविधियाँ वैश्विक प्रदूषण में महत्त्वपूर्ण योगदान देती हैं: बायोमास जलने से वायु प्रदूषण होता है।
      • कृषि अमोनिया उत्सर्जन मानव स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है। यह वैश्विक स्तर पर प्रतिवर्ष कई लाख मौतों का कारण है।
  • अन्य SDGs: इसी प्रकार शिक्षा (SDG-4), लैंगिक समानता (SDG-5), अच्छा कार्य और आर्थिक विकास (SDG-8), असमानता में कमी (SDG-10), स्थायी शहर व समुदाय (SDG-11), शांति, न्याय और मजबूत संस्थान (SDG-16) एवं साझेदारी के लिये लक्ष्य (SDG-17) खपत पैटर्न और स्वस्थ आहार विकल्प को भी प्रभावित करते हैं।
    • लैंगिक असमानता तथा महिलाओं की खाद्य असुरक्षा: महिला श्रमिक कृषि कार्यबल का एक बड़ा हिस्सा है परंतु उन्हें भूमि, पशुधन, शिक्षा, विस्तार और वित्तीय सेवाओं तक पहुँचने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
    • अच्छा कार्य व आर्थिक विकास (SDG-8) तथा असमानता में कमी (SDG-10) भी SDG-1 से आगे जाकर और आर्थिक संसाधन प्रदान कर बेहतर पोषण का समर्थन कर सकते हैं।

चुनौतियाँ:

  • खाद्य प्रणाली के सबसे व्यापक रूप से अध्ययन किये गए प्रतिकूल पर्यावरणीय प्रभावों में से एक जलवायु परिवर्तन में इसका योगदान है।
    • खाद्य प्रणाली मानवजनित ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में 34% का योगदान करती है।
  • जल संसाधनों का अत्यधिक उपभोग कृषि के सामने एक और महत्त्वपूर्ण चुनौती है।
    • सिंचाई वैश्विक जल निकासी के लगभग 70% का प्रतिनिधित्व करती है और आने वाले दशकों में इस मांग में वृद्धि की उम्मीद है।
  • नाइट्रोजन (N) तथा फास्फोरस (P) का अत्यधिक उपयोग स्थलीय और समुद्री पारिस्थितिक तंत्र के लिये हानिकारक है।
    • नाइट्रोजन की अधिकता मिट्टी तथा मीठे पानी के अम्लीकरण का कारण बनती है और नाइट्रस ऑक्साइड (N2O) जलवायु-वार्मिंग उत्सर्जन एवं समतापमंडलीय ओज़ोन रिक्तीकरण का कारण बनता है।

सुझाव:

  • सतत् कृषि के लिये नए निवेश, अनुसंधान और नवाचार को सुगम बनाना।
  • खाद्यान्न के नुकसान को कम करना।
  • प्राकृतिक संसाधनों पर दबाव को कम करके और स्वास्थ्य लाभों को बढ़ावा देकर SDG परिणामों का अधिक लाभ उठाने के लिये हमारे उपभोग पैटर्न को बदलना।

स्रोत: डाउन टू अर्थ

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