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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 26 फरवरी, 2020

  • 26 Feb 2020
  • 6 min read

कॉमनवेल्थ निशानेबाज़ी और तीरंदाज़ी चैंपियनशिप

जनवरी 2022 में कॉमनवेल्थ निशानेबाज़ी और तीरंदाज़ी चैंपियनशिप की मेजबानी के लिये चंडीगढ़ (भारत) को चुना गया है। इन दो प्रतिस्पर्द्धाओं का आयोजन अलग से भारत में किया जाएगा। बर्मिंघम में होने वाले खेलों में इसके पदकों को ‘प्रतिस्पर्द्धी देशों की रैंकिंग’ के लिये शामिल किया जाएगा। कॉमनवेल्थ गेम्स महासंघ (Commonwealth Games Federation-CGF) ने इसकी जानकारी देते हुए कहा है कि इन दोनों प्रतिस्पर्द्धाओं के पदकों को कॉमनवेल्थ गेम्स के समापन के एक सप्ताह बाद अंतिम तालिका में जोड़ा जाएगा। CGF के इस फैसले को भारत की जीत के रूप में देखा जा रहा है क्योंकि भारत ने निशानेबाज़ी को कॉमनवेल्थ गेम्स से हटाए जाने के बाद वर्ष 2022 में होने वाले बर्मिंघम गेम्स के बहिष्कार की चेतावनी दी थी। ध्यातव्य है कि इन दोनों स्पर्द्धाओं का आयोजन कॉमनवेल्थ गेम्स से 6 महीने पहले जनवरी 2022 में भारत में होगा, जबकि कॉमनवेल्थ गेम्स का आयोजन 27 जुलाई से 7 अगस्त तक बर्मिंघम में होगा।

बिहार विधानसभा में NRC के विरुद्ध प्रस्ताव पारित

बिहार विधानसभा में बजट सत्र के दौरान राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के विरुद्ध प्रस्ताव पारित किया गया है। साथ ही वहीं राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) में संशोधन के लिये भी सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया है। NPR को लेकर पारित प्रस्ताव के तहत वर्ष 2010 के आधार पर NPR बनाने का निर्णय लिया गया है, यानी इसमें माता-पिता संबंधी विवरण देना ज़रूरी नहीं होगा। NRC वह रजिस्टर है जिसमें सभी भारतीय नागरिकों का विवरण शामिल है। इसे वर्ष 1951 की जनगणना के पश्चात् तैयार किया गया था। रजिस्टर में उस जनगणना के दौरान गणना किये गए सभी व्यक्तियों के विवरण शामिल थे। वहीं NPR ‘देश के सामान्य निवासियों’ की एक सूची है। गृह मंत्रालय के अनुसार, ‘देश का सामान्य निवासी’ वह व्यक्ति है जो कम-से-कम पिछले छह महीनों से स्थानीय क्षेत्र में रहता है या अगले छह महीनों के लिये किसी विशिष्ट स्थान पर रहने का इरादा रखता है।

नेशनल वॉर मेमोरियल की पहली वर्षगाँठ

25 फरवरी, 2020 को नेशनल वॉर मेमोरियल (National War Memorial) की पहली वर्षगाँठ मनाई गई। इस अवसर पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने सशस्त्र सेवाओं के सभी तीनों विंग्स के अधिकारियों के साथ शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की। ज्ञात हो कि नेशनल वॉर मेमोरियल का उद्घाटन 25 फरवरी, 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया था। यह स्मारक देश के लिये शहीद होने वाले सैनिकों के सम्मान में समर्पित है। नेशनल वॉर मेमोरियल में उन 25,942 सैनिकों के नाम उकेरे गए हैं, जो आज़ादी के पश्चात् शहीद हुए हैं। यह मेमोरियल उन सभी सैनिकों को समर्पित है जिन्होंने भारत-चीन युद्ध (1962), भारत-पाकिस्तान युद्ध (1947-48, 1965, 1971 और 1999) तथा श्रीलंका में भारतीय शांति सेना के संचालन के दौरान अपने प्राण न्योछावर कर दिये।

मोहम्मद होस्नी मुबारक

मिस्र के पूर्व राष्ट्रपति और तीस वर्ष तक सत्ता में रहे मोहम्मद होस्नी मुबारक का 91 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है। मिस्र के पूर्व वायुसेना अध्यक्ष मोहम्मद होस्नी मुबारक 14 अक्तूबर, 1981 को देश के उपराष्ट्रपति बने और मात्र 8 दिन बाद एक सैन्य परेड के दौरान पूर्व राष्ट्रपति अनवर सादात की इस्लामी विद्रोहियों द्वारा हत्या किये जाने के पश्चात् उन्होंने राष्ट्रपति पद की शपथ ली। लगभग तीन दशक तक सत्ता में बने रहने के बाद मोहम्मद होस्नी मुबारक को देश भर में 18 दिन चले विरोध प्रदर्शनों के पश्चात् 11 फरवरी, 2011 को इस्तीफा देना पड़ा। बाद में मुबारक को गिरफ्तार कर लिया गया और 18 दिन चले विद्रोह के दौरान प्रदर्शनकारियों की मौत तथा भ्रष्टाचार के मामले में उन पर मुकदमा चलाया गया। उन्हें 2012 में आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई गई किंतु वर्ष 2017 तक उन्हें सभी आरोपों से बरी कर दिया गया। मोहम्मद होस्नी मुबारक का जन्म 4 मई, 1928 को मिस्र के एक गाँव में हुआ था।

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