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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 25 अप्रैल, 2020

  • 25 Apr 2020
  • 7 min read

हरियाणा में पत्रकारों को बीमा

हाल ही में हरियाणा सरकार ने कोरोना वायरस (COVID-19) महामारी के दौरान रिपोर्टिंग कर रहे सभी पत्रकारों को 10 लाख रुपए का बीमा कवर प्रदान करने का निर्णय लिया है। इस संबंध में सूचना देते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि सरकार उन सभी पत्रकारों के कार्य की सराहना करती है जो इस महामारी के दौरान भी अपनी जान जोखिम में डालते हुए इसकी रिपोर्टिंग कर रहे हैं। इसीलिये इस दौरान कार्य रहे सभी मान्यता प्राप्त व संबद्ध पत्रकारों को बीमा कवर प्रदान करने का निर्णय लिया गया है। उल्लेखनीय है कि यदि कोरोना वायरस के कारण उस पत्रकार की मृत्यु हो जाती है तो 10 लाख रुपए की बीमा राशि उसके आश्रितों को प्रदान की जाएगी। हरियाणा पत्रकार संघ (Haryana Patarkar Sangh) ने राज्य सरकार के इस निर्णय का स्वागत किया है। हरियाणा पत्रकार संघ के अनुसार, सभी पत्रकारों को 10 लाख रुपए का बीमा कवर देकर न केवल पत्रकार, बल्कि उनके परिवार के लोगों की भी मदद की जा सकेगी। ध्यातव्य है कि हरियाणा में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल 280 मामले सामने आ चुके हैं और राज्य में इस वायरस के कारण अब तक 3 लोगों की मृत्यु हो चुकी है।

‘वाइटल’ वेंटिलेटर

अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) के इंजीनियरों ने विशेष रूप से COVID-19 रोगियों के उपचार के लिये ‘वाइटल’ (VITAL) नाम से एक नया हाई प्रेशर वेंटिलेटर बनाया है। यहाँ  ‘वाइटल’ (VITAL) का अर्थ ‘वेंटिलेटर इंटरवेंशन टेक्नोलॉजी एक्सिसेबल लोकली’ (Ventilator Intervention Technology Accessible Locally) से है। इस वेंटिलेटर की विशेषता यह है कि इसे आसानी से बनाया जा सकता है। यह वेंटिलेटर मामूली लक्षणों वाले रोगियों के उपचार के लिये तैयार किया गया है। वर्तमान में अमेरिका के फूड एंड ड्रंग एडमिनिस्ट्रेशन (Food and Drug Administration-FDA) द्वारा इस वेंटिलेटर के आपात प्रयोग हेतु इसकी समीक्षा की जा रही है। वाइटल वेंटिलेटर के निर्माताओं के अनुसार, इस वेंटिलेटर से सामान्य लक्षणों वाले मरीज़ों का इलाज किया जाएगा, ताकि अमेरिका में सीमित मात्रा में मौज़ूद परंपरागत वेंटिलेटरों से कोरोना वायरस के गंभीर मरीज़ों को सुरक्षा प्रदान की सके। नासा द्वारा विकसित यह वेंटीलेटर परंपरागत वेंटीलेटरों से काफी सस्ता भी है। ‘वाइटल’ वेंटिलेटर को दक्षिणी कैलिफोर्निया (Southern California) स्थित नासा की जेट प्रपलसन लैबोरेट्री (Jet Propulsion Laboratory) में विकसित किया गया है। ध्यातव्य है कि वैश्विक स्तर पर अमेरिका कोरोना वायरस महामारी के कारण सर्वाधिक प्रभावित हुआ है और अमेरिका में संक्रमित लोगों की संख्या 9 लाख के भी पार जा चुकी है। 

विश्व मलेरिया दिवस

प्रत्येक वर्ष 25 अप्रैल को मलेरिया के रोकथाम एवं नियंत्रण के लिये निरंतर निवेश की आवश्यकता को उजागर करने तथा इस संबंध में राजनीतिक प्रतिबद्धता को बढ़ावा देने हेतु विश्व मलेरिया दिवस (World Malaria Day) का आयोजन किया जाता है। वर्ष 2020 के लिये विश्व मलेरिया दिवस की थीम ‘ज़ीरो मलेरिया स्टार्ट्स विद मी’ (Zero Malaria Starts With Me) है। विश्व मलेरिया दिवस एक उच्च स्तरीय अभियान है जिसका उद्देश्य राजनीतिक एजेंडे में मलेरिया को उच्च स्थान प्रदान करना, अतिरिक्त संसाधन जुटाना, आम लोगों को मलेरिया की रोकथाम और इसके देखभाल के प्रति जागरूक बनाना है। ध्यातव्य है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation-WHO) द्वारा जारी की जाने वाली ‘विश्व मलेरिया रिपोर्ट (World Malaria Report) के अनुसार, वर्ष 2014 से 2018 के मध्य मलेरिया के रोकथाम में कोई भी वैश्विक प्रगति नहीं की जा सकी है। विश्व मलेरिया दिवस की शुरुआत विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की निर्णय निर्माता संस्था विश्व स्वास्थ्य असेंबली (World Health Assembly) के 60वें अधिवेशन में मई, 2007 में की गयी थी। मलेरिया प्लास्मोडियम परजीवियों (Plasmodium Parasites) के कारण होने वाला मच्छर जनित रोग है।

WHO को चीन की अतिरिक्त सहायता

चीन ने कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिये विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization-WHO) को 3 करोड़ डॉलर की अतिरिक्त सहायता प्रदान करने की घोषणा की है। उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व चीन ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को 2 करोड़ डॉलर की धन राशि प्रदान की थी। चीन के अनुसार, मौज़ूदा समय में कोरोना वायरस महामारी से जूझ रही वैश्विक स्वास्थ्य प्रणाली को और अधिक मज़बूत बनाने की आवश्यकता है। विदित हो कि हाल ही में अमेरिका ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) पर कोरोना वायरस के कुप्रबंधन का आरोप लगते हुए उसकी फंडिंग पर रोक लगा दी थी। अमेरिका का मत है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) अपने दायित्त्वों का निर्वाह करने में विफल रहा है और संगठन ने वायरस के बारे में चीन के ‘दुष्प्रचार’ को बढ़ावा दिया है, जिसके कारण संभवतः वायरस ने और अधिक गंभीर रूप धारण कर लिया है। चीन द्वारा की गई घोषणा से कोरोना वायरस के विरुद्ध वैश्विक लड़ाई को और अधिक मज़बूती प्रदान की जा सकेगी।

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