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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 14 अप्रैल, 2020

  • 14 Apr 2020
  • 6 min read

डिजिटल स्टेथोस्कोप

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-बॉम्बे (IIT-B) की एक टीम ने ‘डिजिटल स्टेथोस्कोप’ (Digital Stethoscope) विकसित किया है, जो कोरोनावायरस से संक्रमित व्यक्ति के सीने की आवाज को दूर से सुनने और उसे रिकॉर्ड करने में मदद करेगा। डिजिटल स्टेथोस्कोप का मुख्य उद्देश्य संक्रमित व्यक्ति के उपचार के दौरान डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। डिजिटल स्टेथोस्कोप से पीड़ित के सीने का ऑस्कल्टेटेड (Auscultated) साउंड ब्लूटूथ (Bluetooth) के माध्यम से डॉक्टर तक पहुँचेगा, जिससे उन्हें मरीज़ों के नज़दीक जाने की आवश्यकता नहीं होगी। ध्यातव्य है कि IIT-बॉम्बे की टीम को इस डिवाइस का पेटेंट भी प्राप्त हो चुका है। इस स्टेथोस्कोप को IIT टेक्नोलॉजी बिज़नेस इनक्यूबेटर द्वारा संचालित स्टार्टअप 'आयुडिवाइस' (AyuDevice) द्वारा तैयार किया गया है। IIT-बॉम्बे की टीम ने 1000 डिजिटल  स्टेथोस्कोप देश भर के विभिन्न अस्पतालों में भेजे हैं। विदित है कि कोरोनोवायरस से संक्रमित रोगियों को अक्सर सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है, ऐसी स्थिति में डॉक्टर पारंपरिक स्टेथोस्कोप का प्रयोग करते हैं जिसके कारण वे डॉक्टर भी इस वायरस से संक्रमित हो जाते हैं। नवीनतम आँकड़ों के अनुसार, देश में कोरोनावायरस से मरने वाले लोगों को संख्या 339 पर पहुँच गई है, और अब तक देश में इस वायरस से लगभग 10000 लोग संक्रमित हो गए हैं।

अशोक देसाई

हाल ही में पूर्व अटॉर्नी जनरल अशोक देसाई का 77 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। अशोक देसाई का जन्म 24 जून, 1942 को हुआ था। मुंबई से लॉ की शिक्षा और लंदन स्कूल ऑफ इकॉनोमिक्स (LSE) से परास्नातक के पश्चात् उन्होंने वर्ष 1956 में बॉम्बे उच्च न्यायालय में अपनी प्रैक्टिस शुरू की। अशोक देसाई 9 जुलाई, 1996 से 6 मई, 1998 तक देश के अटॉर्नी जनरल (Attorney General) रहे। इससे पूर्व, 18 दिसंबर, 1989 से 2 दिसंबर, 1990 तक वह सॉलिसिटर जनरल (Solicitor General) रहे। अशोक देसाई को वर्ष 2000 में राष्ट्रीय कानून दिवस पुरस्कार और वर्ष 2001 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। उल्लेखनीय है कि अशोक देसाई ने समलैंगिकता को अपराध के दायरे से बाहर रखने, नर्मदा बांध प्रकरण और गैर-कानूनी प्रवासी (अधिकरण द्वारा निर्धारण) कानून जैसे जनहित के अनेक मामलों में उच्चतम न्यायालय में बहस की। 

सियाचिन दिवस

13 अप्रैल, 2020 को भारतीय सेना ने सियाचिन के वीर शहीदों को याद करते हुए 36वां सियाचिन दिवस मनाया। सियाचिन दिवस पर भारतीय सेना के सैनिकों द्वारा दुनिया में सबसे ऊँचे और सबसे ठंडे युद्धक्षेत्र को सुरक्षित करने के लिये उनके अदम्य साहस को याद किया जाता है। दरअसल 13 अप्रैल, 1984 को भारतीय सेना द्वारा ‘ऑपरेशन मेघदूत’ को लॉन्च किया था। इस ऑपरेशन के तहत भारतीय सैनिकों ने संपूर्ण सियाचिन ग्लेशियर पर सफलतापूर्वक नियंत्रण हासिल कर लिया था। उल्लेखनीय है कि ‘ऑपरेशन मेघदूत’ का नेतृत्त्व लेफ्टिनेंट जनरल प्रेम नाथ हून ने किया था।  सियाचिन दिवस के अवसर पर प्रत्येक वर्ष उन सियाचिन योद्धाओं को सम्मानित किया जाता है, जो दुश्मन की तमाम रणनीतियों को सफलतापूर्वक विफल करते हुए अपनी मातृभूमि की सेवा कर रहे हैं। सियाचिन उत्तर-पश्चिम भारत में काराकोरम पर्वतमाला (Karakoram Mountain Range) में स्थित है। सियाचिन ग्लेशियर 76.4 किमी लंबा है और लगभग 10,000 वर्ग किमी. क्षेत्र को कवर करता है।

COVID-19 के परीक्षण हेतु ट्रूनाट

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (Indian Council of Medical Research-ICMR) ने दवा प्रतिरोधी तपेदिक (Drug-Resistant Tuberculosis) का परीक्षण करने हेतु उपयोग में लाई जाने वाली डायग्नोस्टिक ​​मशीनों को अब COVID-19 के परीक्षण हेतु अनुमोदित किया है। ICMR ने COVID-19 के स्क्रीनिंग टेस्ट हेतु ICMR द्वारा मान्यता प्राप्त ट्रूलैब (Truelab) पर ‘ट्रूनाट बीटा सीओवी’ (Truenat beta CoV) के परीक्षण की सिफारिश की है। इसके अलावा ICMR ने आपातकालीन परीक्षण के लिये रियल टाइम पॉलिमरेज़ चेन रिएक्शन (Real Time Polymerase Chain Reaction) प्रणाली को भी अनुमोदित किया है। ट्रूनाट की निर्माता कंपनी ‘मोलबायो डायग्नोस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड’ (MolBio Diagnostics Pvt Ltd) के अनुसार, कंपनी ने पहले से ही देश भर में 800 से अधिक ट्रूनाट मशीनें स्थापित की हैं, जो मुख्य रूप से दवा प्रतिरोधी तपेदिक का पता लगाने हेतु उपयोग में लाई जाती है।

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