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प्रारंभिक परीक्षा

प्रीलिम्स फैक्ट्स : 27 नवंबर, 2018

  • 27 Nov 2018
  • 8 min read

आदि महोत्‍सव (Aadi Mahotsav)


जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा आयोजित ‘आदि महोत्‍सव’ दिल्‍ली हाट, नई दिल्‍ली में पूरे उल्‍लास से मनाया जा रहा है।

  • आदि महोत्‍सव के चौथे संस्‍करण का आयोजन संस्‍कृति मंत्रालय और ट्राइफेड के सहयोग से जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है।
  • यह एक राष्‍ट्रीय जनजातीय उत्‍सव है। इसे जनजातीय संस्‍कृति, शिल्‍प, व्‍यंजन और वाणिज्‍य की भावना के साथ जश्‍न के रूप में आयोजित किया जाता है।
  • यह उत्‍सव 30 नवंबर, 2018 तक दिल्‍ली हाट, आईएनए (INA) में मनाया जाएगा।
  • इस महोत्‍सव में 23 राज्‍यों के 600 जनजातीय कारीगर, 20 राज्‍यों के 80 आदिवासी शेफ (chef) और 200 से अधिक कलाकारों के 14 सांस्‍कृतिक समूह (Cultural group) भाग ले रहे हैं।
  • इस जनजातीय महोत्‍सव में मुख्‍य आकर्षण के केंद्र महुए से बना पेय (Drink), इमली की कैंडी और चटनी तथा लाख के कंगन हैं।
  • इसके अलावा, इस महोत्‍सव में वारली, पिथौरा, गोंड और सोरा नामक चार विभिन्‍न शैलियों की पेंटिंग, जनजातीय वस्त्रों और सामानों का प्रदर्शन किया जाएगा।
  • इस उत्‍सव में जनजातीय कलाकार, दस्‍तकार और कारीगर अपने उत्‍पादों को बेचकर अधिकतम लाभ अर्जित कर सकेंगे।

ट्राइफेड (TRIFED)

    • बहुराज्यीय सहकारी समिति अधिनियम, 1984 के तहत राष्ट्रीय स्तर के शीर्षस्थ निकाय के रूप में वर्ष 1987 में भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास ‘ट्राइफेड’ (Tribal Co-Operative Marketing Development Federation of India Ltd. - TRIFED) की स्थापना की गई।
    • बहुराज्यीय सहकारी समिति अधिनियम, 2007 के अधिनियमित होने के बाद ट्राइफेड को इस अधिनियम में पंजीकृत कर इसे राष्ट्रीय सहकारी समिति के रूप में अधिनियम की दूसरी अनुसूची में अधिसूचित किया गया।
    • यह संगठन विपणन विकास और कौशल तथा उत्पादों के निरंतर उन्नयन के माध्यम से देश के जनजातीय समुदायों के आर्थिक विकास को बढ़ावा देने का प्रयास करता है।

पैसा-पोर्टल (Paisa – Portal)


हाल ही में दीनदयाल अंत्‍योदय योजना-राष्‍ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (Day-NULM) के तहत सस्‍ते क्रेडिट और ब्‍याज अनुदान तक पहुँच बनाने के लिये एक केंद्रीकृत प्लेटफॉर्म, ‘पैसा पोर्टल’ (“Paisa – Portal for Affordable Credit & Interest Subvention Access”) की शुरुआत की गई है।

    • वर्ष के अंत तक सभी 35 राज्‍यों/केंद्रशासित प्रदेशों और सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों, आरआरबी/सहकारी बैंकों को ‘पैसा’ पोर्टल से जोड़ने की संभावना है।
    • इलाहाबाद बैंक ने इस वेब प्‍लेटफॉर्म को डिज़ाइन कर विकसित किया है, जो इसका नोडल बैंक है।
    • इस पोर्टल पर सेवाएँ प्रदान करने में अधिक पारदर्शिता और दक्षता सुनिश्चित की गई है। ‘Day-NULM’ के तहत अनुदान का मासिक आधार पर प्रत्‍यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT) किये जाने से छोटे उद्यमियों को समय-समय पर आवश्‍यक वित्तीय सहायता उपलब्‍ध होगी।
    • पूरे देश से राज्‍यों, शहरी-स्‍थानीय निकाय, शहर योजना कार्यालयों और बैंकों के 300 से अधिक प्रतिनिधियों ने इस कार्यशाला में भाग लिया।

संविधान दिवस (Constitution day)


26 नवंबर, 2018 को राष्‍ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने संविधान को अपनाने की वर्षगाँठ के अवसर पर सर्वोच्‍च न्‍यायालय, नई दिल्‍ली द्वारा आयोजित संविधान दिवस समारोह का उद्घाटन किया।

    • संविधान दिवस के अवसर पर राष्‍ट्रपति ने कहा कि संविधान, स्‍वतंत्र भारत का आधुनिक ग्रंथ है। इसका स्‍थान सर्वोच्‍च है और यह धाराओं तथा नियमों/उपनियमों का संग्रह मात्र नहीं है।
    • राष्‍ट्रपति ने कहा, “भारत के नागरिक ही संविधान के संरक्षक हैं। देश के नागरिकों में ही संप्रभुता समाहित है और नागरिकों के नाम पर ही संविधान को अंगीकृत किया गया है। संविधान भारत के नागरिकों को सशक्‍त बनाता है।”
    • राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद के अनुसार, न्‍याय को समाज के विकास, बदलती मान्‍यताएँ, जीवनशैली और प्रौद्योगिकी के व्‍यापक संदर्भ में देखा जाना चाहिये।
    • राष्‍ट्रपति ने कहा कि भारत में सामाजिक न्‍याय के विचार को विस्‍तार देते हुए इसमें स्‍वच्‍छ हवा, कम प्रदूषित शहर व नदियाँ, स्‍वच्‍छता तथा हरित व पर्यावरण अनुकूल विकास जैसे आधुनिक समाज के मानदंडों को शामिल किया गया है।

हौसला-2018 (HAUSLA-2018)


हाल ही में बाल देखभाल संस्थानों (CCIs) के बच्चों हेतु महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के राष्ट्रीय बाल समारोह- हौसला-2018 का नई दिल्‍ली में उद्घाटन किया गया।

  • इस समारोह में 18 राज्‍यों के बाल देखभाल संस्थानों के 600 से अधिक बच्चे विभिन्‍न कार्यक्रमों जैसे- पेंटिंग प्रतियोगिता, खेलकूद, फुटबॉल, शतरंज प्रतियोगिता और भाषण लेखन आदि में भाग लेंगे।
  • इस कार्यक्रम का उद्देश्‍य देश भर के बाल देखभाल संस्थानों के बच्‍चों को राष्‍ट्रीय मंच प्रदान करना है, ताकि वे अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर सकें।
  • इस तरह के कार्यक्रमों से बच्‍चों की देखरेख करने वाले संस्‍थानों के बच्‍चों को प्रेरणा मिल सकती है और वे अपनी क्षमताओं को प्रदर्शित करने के लिये राष्‍ट्रीय मंच तक पहुँच सकते है।
  • इस कार्यक्रम का विषय ‘बच्‍चों की सुरक्षा’ (Child Safety) है।
  • बच्‍चे विभिन्‍न कार्यक्रमों जैसे- वाद-विवाद, पेंटिंग, खेलकूद, फुटबॉल, शतरंज प्रतियोगिता और सुरक्षित पड़ोसी दिवस आदि विभिन्‍न कार्यक्रमों में हिस्‍सा लेंगे।
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