लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



डेली न्यूज़

प्रारंभिक परीक्षा

प्रीलिम्स फैक्ट्स: 17 जुलाई, 2018

  • 17 Jul 2018
  • 10 min read

प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम

अल्पसंख्यक समुदायों के शैक्षणिक सशक्तीकरण और रोजगार उन्मुख कौशल विकास को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने बहु-क्षेत्रीय विकास कार्यक्रम (Multi-sectoral Development Programme-MsDP) का नाम बदलकर प्रधान मंत्री जन विकास कार्यक्रम (PMJVK) के रूप में इसका पुनर्गठन किया है।

  • इस कार्यक्रम का उद्देश्य अल्पसंख्यक समुदायों के लिये स्कूल, कॉलेज, पॉलिटेक्निक, लड़कियों के लिये छात्रावास, आईटीआई, कौशल विकास केंद्र आदि जैसे सामाजिक-आर्थिक और बुनियादी सुविधाओं को विकसित करना है।
  • पीएमजेवीके के तहत 80 प्रतिशत संसाधनों को शिक्षा, स्वास्थ्य एवं कौशल विकास से संबंधित परियोजनाओं के लिये रखा गया है।
  • पीएमजेवीके के तहत करीब 33 से 40 प्रतिशत संसाधन विशेषतौर पर महिला केंद्रित परियोजनाओं को आवंटित किये गए हैं।
  • इससे पहले केवल उन्हीं गाँवों के समूहों को इसके तहत लिया जाता था जहाँ कम-से-कम 50 प्रतिशत आबादी अल्पसंख्यक समुदायों की होती थी। लेकिन अब आबादी के इस मानदंड को घटाकर 25 प्रतिशत कर दिया गया है ताकि समावेशी विकास सुनिश्चित हो सके।
  • पुनर्गठित कार्यक्रम का लक्ष्य अल्पसंख्यक समुदायों को विशेष रूप से शिक्षा, स्वास्थ्य और कौशल विकास के क्षेत्र में बेहतर सामाजिक-आर्थिक आधारभूत सुविधाएँ प्रदान करना है।
  • यह संशोधित योजना पिछड़ेपन के मानदंडों पर राष्ट्रीय औसत और अल्पसंख्यक समुदायों के बीच खाई को कम करेगी।
  • MsDP को अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय द्वारा 2008-09 में लॉन्च किया गया था।
  • पहचान किये गए पिछड़े अल्पसंख्यक क्षेत्रों में विकास के अंतराल/घाटे को विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों की मौजूदा केंद्र प्रायोजित योजनाओं (Centrally Sponsored Schemes -CSS) के माध्यम से कम किया जा रहा है।
  • अन्य योजनाएँ जिनका उद्देश्य अल्पसंख्यक समुदायों का समावेशी विकास करना है :
    ♦ सीखो और कमाओ
    ♦ उस्ताद
    ♦ गरीब नवाज़ कौशल विकास योजना
    ♦ नई मंज़िल
    ♦ नई रोशनी
    ♦ बेगम हज़रत महल गर्ल्स स्कॉलरशिप

थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति 4 वर्षों के उच्चतम स्तर पर

थोक मूल्‍य सूचकांक (WPI) आधारित मुद्रास्‍फीति की वार्षिक दर जून, 2018 के दौरान (जून, 2017 की तुलना में) 5.77 % रही, जबकि मई 2018 में यह 4.43 प्रतिशत थी। दिसंबर 2013 के बाद यह सर्वोच्च थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति है।  

  • यह वृद्धि बड़े पैमाने पर बढ़ती खाद्य मुद्रास्फीति के साथ-साथ ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण हुई है।

थोक मूल्य सूचकांक 

  • थोक मूल्य सूचकांक (WPI) लेन-देन के शुरुआती चरण में थोक बिक्री के लिये वस्तुओं की कीमतों में औसत परिवर्तन को मापता है।
  • WPI बास्केट में सेवाओं को शामिल नहीं किया जाता है।
  • भारत में WPI को हेडलाइन मुद्रास्फीति दर के रूप में भी जाना जाता है।
  • भारत में WPI की गणना आर्थिक सलाहकार कार्यालय (Office of Economic Advisor -OEA), औद्योगिक नीति और संवर्द्धन विभाग, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा की जाती है।
  • सकल घरेलू उत्पाद (GDP) और औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) जैसे अन्य समष्टिगत आर्थिक संकेतकों के आधार वर्ष के साथ इसे संरेखित करने के लिये मई 2017 में अखिल भारतीय WPI का आधार वर्ष 2004-05 से बदलकर 2011-12 किया गया है।
  • वित्तीय नीति के प्रभाव को दूर करने के लिये थोक मूल्य सूचकांक की नई परिभाषा में कर को शामिल नहीं किया गया है।
  • डॉ. सौमित्र चौधरी की अध्यक्षता में वर्किंग ग्रुप की ओर से आधार वर्ष में बदलाव की सिफारिश की गई थी।

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने घटाया भारत के विकास दर का अनुमान

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने साल 2018 और 2019 के लिये भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर अनुमान में कटौती कर दी है। 

  • अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने अपने नवीनतम वर्ल्ड आउटलुक में साल 2018 के विकास दर में 0.1 प्रतिशत की कमी करते हुए इसके 7.3 प्रतिशत और साल 2019 के लिये 0.3 प्रतिशत की कटौती करते हुए इसके 7.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है।
  • इसके बावजूद भारत दुनिया की तेज़ी से उभरती हुई अर्थव्यस्था वाले देशों में शामिल रहेगा।
  • भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर अनुमान में कटौती का कारण कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि तथा डॉलर के मुकाबले रुपये की गिरावट और महंगाई जैसे कारकों की वजह से मौद्रिक सख्ती जैसे कदम हैं।
  • IMF ने साल 2018 तथा 2019 के लिये वैश्विक विकास दर 3.9 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है।

वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक 

  • वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक (WEO) एक सर्वेक्षण है जिसका आयोजन तथा प्रकाशन  अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष द्वारा किया जाता है।
  • यह भविष्य के चार वर्षों तक के अनुमानों के साथ निकट और मध्यम संदर्भ में वैश्विक अर्थव्यवस्था को चित्रित करता है।
  • IMF वैश्विक वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (Global Financial Stability Report) भी प्रकाशित करता है।
  • WEO पूर्वानुमान में सकल घरेलू उत्पाद, मुद्रास्फीति, चालू खाता और दुनिया भर के 180 से अधिक देशों के वित्तीय संतुलन जैसे महत्त्वपूर्ण आर्थिक संकेतक शामिल हैं।

बाणसागर नहर परियोजना

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिर्ज़ापुर में बाणसागर नहर परियोजना राष्ट्र को समर्पित की और साथ ही मिर्ज़ापुर में चिकित्सा महाविद्यालय तथा 100 जन औषधि केंद्रों का शिलान्यास किया।
  • उन्होंने चुनार के बालुघाट में गंगा नदी पर बने एक पुल को भी राष्ट्र को समर्पित किया जो मिर्ज़ापुर एवं वाराणसी के बीच संपर्क सुगम बनाएगा।
  • इसकी अवधारणा लगभग चार दशक पूर्व की थी और 1978 में इसका शिलान्यास किया गया था।
  • यह मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार राज्यों की संयुक्त परियोजना है।
  • इसके तहत कुल नहर नेटवर्क 171 किमी लंबा है।
  • मध्य प्रदेश के शहडोल ज़िले से एडवा बैराज, मेज़ा बांध और जिरगो जलाशय के लिये इस नहर के द्वारा जल लाया जाएगा।
  • इस परियोजना से मिर्ज़ापुर और इलाहाबाद ज़िलों के 1 लाख 70 हज़ार किसानों को फायदा होगा।

M-777

भारतीय सेना ने हाल ही में यह घोषणा की है कि पोखरण परमाणु रेंज से जल्द ही इन तोपों का पुनः परीक्षण शुरू किया जाएगा।

  • नवंबर 2016 में भारत ने अमेरिकी सरकार के साथ 145 एम777 बंदूकों के लिये विदेशी सैन्य बिक्री (Foreign Military Sales-FMS) कार्यक्रम के तहत सौदा किया था।
  • इसके बाद, भारत में दो तोपें परीक्षण के लिये वितरित की गईं और फायरिंग के दौरान तोप की नली फटने के बाद पिछले वर्ष सितंबर में इसके परीक्षणों को रोक दिया गया था।
  • होवित्जर 155 एमएम की अकेली ऐसी तोप है, जिसका वज़न 4200 किलो से कम है।
  • इस तोप को हेलीकॉप्टर या विमान के ज़रिये भी बार्डर पर ले जा सकता है।
  • इसकी रेंज लगभग 25 किलोमीटर से 40 किलोमीटर तक है।
  • एम 777 होवित्जर तोपों को दुनिया के अत्याधुनिक हथियारों में गिना जाता है।
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2