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डेली न्यूज़

अंतर्राष्ट्रीय संबंध

प्रीलिम्स फैक्ट्स : 9 दिसंबर, 2017

  • 09 Dec 2017
  • 6 min read

हरित पर्यावास (green habitat)

केरल सरकार पर्यावरण के अनुकूल तथा पुन: प्रयोज्य भवन निर्माण सामग्री, प्राकृतिक जल भंडारण और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन को बल देने के लिये “हरित पर्यावास” की अवधारणा को बढ़ावा देने पर विचार कर रही है। इस अवधारणा का उद्देश्य निर्माण क्षेत्र में अधिकतम पर्यावरण-अनुकूल तथा पुन: प्रयोज्य सामग्रियों के इस्तेमाल को प्रोत्साहित करना है।

“ग्रीन पर्यावास” की विशेषताएँ

  • इस अवधारणा के तहत इमारतों को कुछ इस तरह से डिज़ाइन करने की योजना बनाई गई है कि प्राकृतिक रूप से सूर्य के प्रकाश और पवन का अधिकतम उपयोग किया जा सके।
  • इसका लाभ यह होगा कि बिजली का कम से कम उपयोग करना पड़ेगा।
  • इस प्रकार की इमारतों की एक अन्य प्रमुख विशेषता वर्षा जल संचयन या प्राकृतिक जल भंडारण प्रणाली होगी। 
  • जहाँ रसोई और जल निकासी के पानी का पुनर्नवीनीकरण करके उसे अन्य घरेलू उद्देश्यों के लिये पुन: उपयोग में लाया जा सकता है।
  • मात्र कानून बनाने या विधायी तंत्र को इसके प्रति जागरूक करने से हरित पर्यावास की अवधारणा को लागू नहीं किया जा सकता है। 
  • इसके लिये सबसे महत्त्वपूर्ण पक्ष यह है कि आम जनों के मध्य इसके प्रति जागरूकता पैदा की जानी चाहिये तथा नीति-निर्माताओं द्वारा नीतियों, कार्यक्रमों इत्यादि की रूपरेखा तैयार करते समय इस अवधारणा को भी शामिल किया जाना चाहिये।

साइकॉन 2017

हाल ही में खेलकूद औषध एवं खेल विज्ञान पर प्रथम अंतर्राष्‍ट्रीय सम्‍मेलन ‘साइकॉन’ (Sports Medicine and Sports Sciences – SAICON) 2017 का उद्घाटन किया गया। खेलकूद औषध चिकित्‍सक तथा वैज्ञानिक एथलिटों के कार्य निष्‍पादन में विशेष योगदान देते हैं क्‍योंकि वह उनकी प्रतिभा तथा कौशल को निखारने का काम करते हैं। 

प्रमुख बिंदु

  • भारत सरकार के खेल मंत्रालय द्वारा शुरू किये गए ‘खेलो भारत कार्यक्रम’ के अंतर्गत खेलकूद विज्ञान का बहुत महत्त्वपूर्ण स्थान है। 
  • ‘खेलो भारत कार्यक्रम’ को स्‍कूल तथा कॉलेज स्‍तर पर प्रतिभाओं की खोज करने के लिये तैयार किया गया है।
  • ‘खेलो भारत कार्यक्रम’ के अंतर्गत 17 वर्ष से कम आयु वर्ग के खिलाड़ियों के लिये अगले वर्ष 31 जनवरी से 8 फरवरी तक राष्‍ट्रीय स्‍कूल खेलकूद आयोजित किये जाएंगे। इस बार पहली बार खेलकूद उद्घोषक द्वारा राष्‍ट्रीय स्‍कूली खेलकूद का सीधा प्रसारण किया जाएगा।
  • इस उत्‍सव में शीर्ष 1 हज़ार एथलिट 8 वर्ष के लिये 5 लाख रुपए की छात्रवृत्ति प्राप्‍त करने के पात्र होंगे। 
  • मंत्रालय द्वारा हर वर्ष 1 हज़ार नए एथलिटों को इसमें शामिल किया जाएगा, ताकि युवा प्रतिभाओं का एक पूल निर्मित किया जा सके।

सार्वजनिक खरीद पोर्टल ‘एम.एस.एम.ई. संबंध’

हाल ही में सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम मंत्रालय (Ministry of Micro, Small & Medium Enterprises) द्वारा एक सार्वजनिक खरीद पोर्टल ‘एम.एस.एम.ई. संबंध’ (MSME Sambandh) की शुरुआत की गई। इस पोर्टल का उद्देश्‍य केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों द्वारा एम.एस.एम.ई. से सार्वजनिक खरीद के कार्यान्‍वयन की निगरानी करना है।

  • कृषि क्षेत्र के बाद एम.एस.एम.ई. क्षेत्र सबसे ज़्यादा रोज़गार पैदा कर सकता है। उद्योग क्षेत्र में 80 प्रतिशत नौकरियाँ एम.एस.एम.ई. द्वारा केवल 20 प्रतिशत निवेश के साथ प्रदान की जाती हैं। 
  • यह पोर्टल न केवल व्‍यवसाय को आसान बनाने का काम करेगा, बल्कि सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल को भी बढ़ावा प्रदान करने में प्रमुख भूमिका निभाएगा। 

सार्वजनिक वितरण प्रणाली

  • सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) सरकार द्वारा प्रायोजित उचित मूल्य की दुकानों की श्रृंखला है, जिनसे ज़रूरतमंद लोग आवश्यक वस्तुओं को उचित मूल्य पर प्राप्त कर सकते हैं। इस प्रकार यह प्रणाली भारत में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने का कार्य करती है। 
  • सार्वजनिक वितरण प्रणाली को केंद्र सरकार और राज्य सरकारों द्वारा समवर्ती सूची के अंतर्गत सामूहिक रूप से संचालित किया जाता है। 
  • इस संदर्भ में केंद्र सरकार की भूमिका आवश्यक वस्तुओं की खरीद (Food Corporation of India के माध्यम से), उनका भंडारण तथा ‘स्थूल वितरण’ (Bulky Distribution) की होती है। 
  • राज्य सरकारों की भूमिका आवश्यक वस्तुओं को उठाने (offtake), राशन की दुकानों तक पहुँचाने तथा उपभोक्ताओं तक वितरण की होती है।
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