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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

प्रीलिम्स फैक्ट्स : 6 फरवरी, 2018

  • 06 Feb 2018
  • 9 min read

भाषा सम्मान 

भाषा के विकास के लिये बड़े पैमाने पर काम करने वाले मगही भाषा के लेखक शैश आनंद मधुकर को इस साल के साहित्य अकादमी भाषा सम्मान (Sahitya Akademi Bhasha Samman award) से सम्मानित किया गया है। इस सम्मान को प्राप्त करने वाले वह मगही भाषा के दूसरे लेखक हैं।

भाषा सम्मान

  • साहित्य अकादमी द्वारा वर्तमान में 24 क्षेत्रीय भाषाओं के लेखकों का सम्मान किया जाता है, लेकिन भाषा सम्मान के तहत उन भाषाओं की पहचान की जाती है जो देश के विभिन्न हिस्सों में समान रूप से बोली जाती हैं।
  • यह पुरस्कार अन्य भाषाओं के लेखकों को समान रूप से महत्त्वपूर्ण समझे जाने का एक प्रयास है।
  • इस पुरस्कार के तहत 1 लाख रुपए और एक स्मृति चिन्ह प्रदान किया जाता है।

मगही भाषा

  • मगही भाषा को मगधी भाषा के रूप में भी जाना जाता है, यह बिहार और झारखंड के पूर्वी भाग में बोली जाने वाली भाषा है।
  • मगही का उद्भव मागधी प्राकृत से माना जाता है। एक मान्यता के अनुसार, गौतम बुद्ध द्वारा मागधी प्राकृत भाषा का ही प्रयोग किया जाता था। 
  • यह मौर्य अदालत की आधिकारिक भाषा थी। इसी भाषा में अशोक के शिलालेख भी लिखे गए हैं।

पेलिकन बर्ड त्योहार (Pelican Bird Festival)

हाल ही में कोल्लेरू झील (Kolleru lake) पर 'पेलिकन बर्ड फेस्टिवल 2018' आयोजित किया गया। इस फेस्टिवल का आयोजन आंध्र प्रदेश पर्यटन प्राधिकरण (Andhra Pradesh Tourism Authority-APTA) और कृष्णा ज़िला प्रशासन (Krishna district administration) द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।

  • हज़ारों पेलिकन, पेंटेड स्टॉर्कस और बहुत से दूसरे पक्षी सर्दियों के मौसम में यहाँ आते हैं। हाल ही में, अधिकारियों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, अटापका (Atapaka) दुनिया में सबसे बड़ी पेलिकनरी (largest Pelicanry) है।

कोल्लेरू झील 

  • कोल्लेरू झील (Kolleru lake) देश की सबसे बड़ी ताजे़ पानी की झीलों में से एक है। यह कृष्ण और गोदावरी डेल्टा के बीच स्थित है।
  • इसे वर्ष 1999 में वन्यजीव अभयारण्य (wildlife sanctuary) घोषित किया गया था। 
  • यह एक रामसर स्थल है।
  • इतना ही नहीं इसे एक महत्त्वपूर्ण बर्ड एरिया (Bird Area) के रूप में भी सूचीबद्ध किया गया है।
  • ग्रे पेलिकन यह झील ग्रे पेलिकन (एक बड़े शानदार पक्षी) के घोंसले और ब्रीडिंग के लिये प्रसिद्ध है। 1973 के बाद से ग्रे पेलिकन को तकरीबन 35 वर्षों बाद दिसंबर 2006 में इस झील पर देखा गया था।
  • ग्रे पेलिकन (Grey Pelican) को स्पॉट बिल्ड पेलीकन (Spot Billed Pelican) भी कहा जाता है, इसे वन्यजीव संरक्षण अधिनियम (Wildlife Protection Act) की अनुसूची-I के साथ-साथ रेड डाटा बुक (Red Data Book) में भी सूचीबद्ध किया गया है।
  • इसे "वल्नरेबल" (vulnerable) श्रेणी  के तहत "ग्लोबली थ्रेटएंड स्पीशीज़" (globally threatened species) भी माना जाता है।

डेमेट्रिओस गैलानॉस (Demetrios Galanos)

इंदिरा गांधी नेशनल सेंटर फॉर आर्ट्स (Indira Gandhi National Centre for the Arts) द्वारा 'डेमेट्रिओस गैलानॉस एंड हिज़ लेगसी' (Demetrios Galanos and His Legacy)’ पर एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। 

  • ग्रीस के लोक संगीत और प्रदर्शनी के साथ’ इस सम्मेलन को दिल्ली और वाराणसी में आयोजित किया जा रहा है।
  • इस सम्मेलन का आयोजन आईजीएनसीए के दीर्घकालिक अकादमिक कार्यक्रम भारत विद्या प्रयोजना (Bharat Vidya Prayojana) के तहत किया जा रहा है।
  • इस सम्मेलन का उद्देश्य भारत और ग्रीस के बीच (डेमेट्रिओस गैलानॉस के समय के बाद से आधुनिक समय तक के) दोनों देशों के विद्वानों तथा कलाकारों द्वारा शैक्षिक एवं सांस्कृतिक विचारों और सभ्यताओं के आदान-प्रदान पर ध्यान केंद्रित करना है, ताकि संस्कृति के इस अमूल्य हिस्से को सुरक्षित रखा जा सके।

डेमेट्रिओस गैलानॉस कौन थे?

  • डेमेट्रिओस गैलानॉस (1760 -1833) का उन्नीसवीं शताब्दी के यूरोपीय भारतीयों के बीच एक विशेष स्थान है। उन्होंने अपने जीवन के बहुमूल्य 47 साल भारत में बिताए, जिनमें से 40 साल वे वाराणसी में रहे। 
  • यहाँ उन्होंने स्थानीय विद्वानों से संस्कृत, हिंदी और फारसी भाषा में महारथ हासिल की।
  • उन्होंने कई अन्य संस्कृत ग्रंथों के साथ-साथ भगवदगीता का ग्रीक भाषा में अनुवाद किया। उनका सबसे प्रमुख योगदान 9000 शब्दों के संस्कृत-इंग्लिश-यूनानी शब्दकोष का संकलन करना है।

डिजिटल जेंडर एटलस (Digital Gender Atlas)

9 मार्च, 2015 को केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा बालिकाओं की शिक्षा की प्रगति के संदर्भ में एक डिजिटल जेंडर एटलस जारी किया गया। डिजिटल जेंडर एटलस को संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) के सहयोग से विकसित किया गया है।

प्रमुख बिंदु

  • इस एटलस की सहायता से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा मुस्लिम अल्पसंख्यकों जैसे हाशिये वाले समूहों में शिक्षा के संबंध में जेंडर आधारित प्रदर्शन को प्रदर्शित किया गया है। 
  • इसका उद्देश्य विकलांग बालिकाओं सहित असुरक्षित बालिकाओं हेतु एक समान शिक्षा सुनिश्चित कराना है।
  • इस एटलस की सहायता से नीति निर्माताओं को न केवल शिक्षा नीति बनाने बल्कि उन्हें लागू करने में भी सहायता मिलेगी।
  • जेंडर एटलस में एकीकृत ज़िला सूचना शिक्षा हेतु जनगणना, 2011 और ज़िला स्तरीय स्वास्थ्य सर्वेक्षण 2007-08 के आँकड़ों का प्रयोग किया गया है।
  • डिजिटल जेंडर एटलस के प्रमुख अवयव हैं-
    ► समग्र जेंडर रैंकिंग। 
    ► लिंग परीक्षण के रुझान के आधार पर विश्लेषण।
    ► वामपंथी उग्रवादी ज़िलों और शैक्षिक रूप से पिछड़े ब्लॉकों की अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अल्पसंख्यक आबादी में शैक्षणिक सुधार की स्थिति।
    ► कम लिंगानुपात वाले ज़िलों में ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ कार्यक्रम का क्रियान्वयन। 
    ► विकलांग बच्चों (विशेषकर लड़कियों) के संबंध में संकेतकों द्वारा निष्पादन की वास्तविक स्थिति।
  • भारत ने स्कूली शिक्षा के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्तर पर लड़कियों के नामांकन के संबंध में उच्च दर हासिल की है। उच्च प्राथमिक स्तर पर कुल नामांकन में लड़कियों का प्रतिनिधित्व 48.66% है, जबकि माध्यमिक स्तर पर नामांकन दर 47.29% है।
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