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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

फार्मा कंपनियों द्वारा आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस का उपयोग

  • 04 Jul 2017
  • 5 min read

संदर्भ
आज दुनिया तकनीक के माध्यम से तेज़ी से बदल रही है। विकास की गति को आगे बढ़ाने और लोगों को बेहतर सुख-सुविधाएँ उपलब्ध करने हेतु प्रत्येक क्षेत्र में अत्याधुनिक तकनीक का भरपूर उपयोग किया जा रहा है। बढ़ते औद्योगीकरण, नगरीकरण और भूमंडलीकरण ने जहाँ एक तरफ विकास की गति को तेज़ किया है, वहीं दूसरी तरफ हमारे सामने नित-नई समस्याओं को भी जन्म दिया है, जैसे दिन-प्रतिदिन बढ़ती नई-नई बीमारियाँ। अत: यह ज़रूरी हो जाता है कि लोगों को इन बीमारियों से बचाने के लिये तुरंत नए-नए समाधानों की भी तलाश की जाए। इसी क्रम में विश्व की अग्रणी दवा कंपनियाँ कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence ) का उपयोग नई दवाओं को विकसित करने के लिये कर रही हैं। हाल ही में ग्लेक्सोस्मिथक्लाइन दवा कम्पनी ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता के क्षेत्र में 43 मिलियन डालर का निवेश करने की योजना बनाई है।

कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence)

  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जनक जॉन मैकार्थी के अनुसार यह बुद्धिमान मशीनों, विशेष रूप से बुद्धिमान कंप्यूटर प्रोग्राम को बनाने का विज्ञान और अभियांत्रिकी है। दूसरे शब्दों में यह मशीनों द्वारा प्रदर्शित की गई इंटेलिजेंस है।
  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक कंप्यूटर द्वारा नियंत्रित रोबोट या फिर मनुष्य की तरह इंटेलिजेंस तरीके से सोचने वाला एक सॉफ़्टवेयर बनाने का तरीका है।
  • यह इसके बारे में अध्ययन करता है कि मानव मस्तिष्क कैसे सोचता है और समस्या को हल करते समय कैसे सीखता है, कैसे निर्णय लेता है और कैसे काम करता।

महत्त्वपूर्ण बिंदु 

  • मार्क एंड कंपनी, जॉनसन एंड जॉनसन और सोनोफी सहित अन्य फार्मास्युटिकल कंपनियाँ भी दवा की खोज करने के लिये कृत्रिम बुद्धि का प्रयोग करने की दिशा में आगे बढ़ रही हैं।
  • इसका उद्देश्य अणुओं के व्यवहार को समझने और ये अणु कैसे उपयोगी दवा बनाने के लिये उपयोगी हो सकते हैं, के लिये आधुनिक सुपर कंप्यूटर और मशीन लर्निंग प्रणाली की क्षमताओं का उपयोग करना है, ताकि अनावश्यक परीक्षणों में लगने वाले समय और धन की बचत की जा सके।
  • कृत्रिम बुद्धि सिस्टम अन्य हाई-टेक क्षेत्रों जैसे – चालक रहित कारों को विकसित करने और चेहरे की पहचान (Facial Recognition) से संबंधित सॉफ्टवेयर के विकास में एक केंद्रीय भूमिका निभा रहा है।
  • अनेक बड़ी फार्मा कंपनियाँ ने भी कृत्रिम बुद्धिमत्ता के उपयोग की दिशा में कार्य करना शुरू कर दिया है ताकि दक्षता को सुधारने में मदद मिल सके। अन्य कंपनियों में यू.एस. की बर्ग, नुमेरेट, टूएक्स.ए.आर. और एटमवाइज़ के साथ- साथ ब्रिटेन की नेवोलेएन्टएआई शामिल हैं।
  • कृत्रिम बुद्धि सिस्टम में पारंपरिक तरीकों से इतर विद्यमान दवा का लगभग एक-चौथाई दवा और एक-चौथाई की लागत पर लोगों को दवा उपलब्ध कराने की क्षमता।
  • यह पहली बार नहीं है, जब दवा निर्माताओं ने अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिये उच्च तकनीकी समाधानों का उपयोग किया हो, बल्कि लाखों यौगिकों को तेज़ी से जाँचने के लिये रोबोट का उपयोग ‘उच्च थ्रूपूट स्क्रीनिंग’ (high throughput screening) के लिये वर्ष 2000 की शुरुआत में ही किया जा चुका है, लेकिन यह अनुसंधान प्रक्रिया की अक्षमताओं को हल करने में विफल रहा।
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