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डेली न्यूज़

अंतर्राष्ट्रीय संबंध

महासागरीय पूर्वानुमान प्रणाली

  • 29 Aug 2017
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में पापुआ न्यू गिनी (Papua New Guinea) के पोर्ट मोरेस्बी (Port Moresby) में आयोजित रिम्स (Regional Integrated Multi-Hazard Early Warning System for Asia and Africa - RIMES) की तीसरी मंत्रिस्तरीय बैठक में पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (Ministry of Earth Sciences) के भारतीय राष्ट्रीय महासागरीय सूचना सेवा केंद्र  (Indian National Centre for Ocean Information Services INCOIS) द्वारा कोमोरोस (Comoros), मेडागास्कर (Madagascar) और मोजाम्बिक (Mozambique)  के लिये एक महासागरीय पूर्वानुमान प्रणाली (Ocean Forecasting System) का उद्घाटन किया गया। 

मुख्य बिंदु

  • यह कोमोरोस, मेडागास्कर और मोजाम्बिक के क्षेत्रों में आने वाली उच्च लहरों, धाराओं, हवाओं, ज्वार, उप-सतही महासागरीय स्थितियों, मछुआरों, तटीय जनसंख्या, पर्यटन क्षेत्रों, तटीय रक्षा अधिकारियों, समुद्री पुलिस, बंदरगाहों, अनुसंधान संस्थानों और अपतटीय उद्योगों के संबंध में महासागरीय भविष्यवाणी तथा पूर्व चेतावनी सूचनाएँ प्रदान करेगा। 
  • ये सभी सागरीय सेवाएँ समुद्र की सुरक्षा हेतु व्यवस्थित की गई हैं।
  • यह प्रणाली तेल के रिसाव के संबंध में सलाहकार सेवाएँ, उच्च लहर चेतावनी, बंदरगाह चेतावनी, सुनामी और तूफान की चेतावनी के अलावा जहाज मार्गों हेतु मौसम पूर्वानुमान एवं खोज तथा बचाव कार्यों में सहायता की पेशकश भी करेगी।
  • ध्यातव्य है कि INCOIS पहले से ही मालदीव, श्रीलंका और सेशेल्स को इस प्रकार की परिचालन सेवाएँ प्रदान कर रहा है।

भारत के लिये लाभ

  • हिंद महासागरीय देशों के लिये विकसित महासागरीय पूर्वानुमान प्रणाली (Ocean Forecast System) और इस क्षेत्र के वास्तविक समय के आँकड़े भारतीय तट के लिये महासागरीय पूर्वानुमान तथा पूर्व चेतावनी प्रणाली को सुधारने में सहायता प्रदान करते हैं।
  • वर्ष 2016 में 28 जुलाई से 3 अगस्त तक के लिये केरल और पश्चिम बंगाल में हुई लहर महोर्मि (Wave surge) तथा तटीय बाढ़ की घटना के संबंध में की गई लगभग सटीक भविष्यवाणी के लिये सेशेल्स के वास्तविक समय के आँकड़ों का इस्तेमाल किया गया था, जो बेहद फायदेमंद साबित हुए थे।
  • इसका कारण यह था कि इन मज़बूत तरंगों वाली लहरों की उत्पत्ति हिन्द महासागर के दक्षिणी एवं पश्चिमी हिस्से में हुई थी। स्पष्ट रूप से इस संबंध में सटीक भविष्यवाणी करने में सेशेल्स से प्राप्त आँकड़ों ने बहुत मदद की।  

पृष्ठभूमि

  • महासागरीय पूर्वानुमानों और पूर्व चेतावनी सेवाओं का सुरक्षित नेविगेशन (navigation) एवं समुद्र में संचालन बहुत महत्त्वपूर्ण स्थान है।
  • ये हिंद महासागरीय क्षेत्र के रिम देशों (Indian Ocean rim countries) और द्वीप राष्ट्रों (island nations) के समुद्री आर्थिक विकास के लिये भी बेहद महत्त्वपूर्ण है।

रिम्स के बारे में

  • अफ्रीका और एशिया के लिये क्षेत्रीय समेकित बहु-ख़तरा प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली (Regional Integrated Multi-Hazard Early Warning System for Africa and Asia - RIMES) एक अंतर्राष्ट्रीय (international) एवं अंतर-सरकारी (intergovernmental) संस्था है, जो एक पूर्व-चेतावनी सूचना के निर्माण और अनुपालन के संबंध में कार्य करती है।
  • इसके स्वामित्व और प्रबंधन का अधिकार इस क्षेत्र के सदस्य राज्यों के पास है। 
  • यह क्षेत्रीय स्तर पर पूर्व-चेतावनी सेवाएँ प्रदान करने का काम करता है।
  • स्पष्ट रूप से यह तंत्र पूर्व-चेतावनी प्रणाली के माध्यम से इस क्षेत्र के सभी सदस्य राज्यों को सुनामी और जल-मौसम संबंधी खतरों (hydro-meteorological hazards) से निपटने में भी सक्षम बनाता है।
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