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डेली न्यूज़

अंतर्राष्ट्रीय संबंध

न्यू स्टार्ट संधि

  • 21 Oct 2020
  • 7 min read

प्रिलिम्स के लिये: 

न्यू स्टार्ट, मध्यम दूरी परमाणु शक्ति संधि

मेन्स के लिये: 

न्यू स्टार्ट को लेकर लिये रूस का प्रस्ताव 

चर्चा में क्यों?

हाल ही में रूसी राष्ट्रपति ने फरवरी 2021 में समाप्त हो रही संयुक्त राज्य अमेरिका और रूस के मध्य हुई न्यू स्टार्ट संधि (New START- Strategic Arms Reduction Treaty) में एक वर्ष का विस्तार करने का प्रस्ताव दिया है। 

प्रमुख बिंदु: 

  •  न्यू स्टार्ट संधि:
    • नई सामरिक शस्त्र न्यूनीकरण संधि (Strategic Arms Reduction Treaty- START) संयुक्त राज्य अमेरिका और रूस के बीच सामरिक हथियारों में कमी लाने तथा उन्हें सीमित करने संबंधी एक संधि है। 
    • यह संधि 5 फरवरी, 2011 को लागू हुई थी।
    • यह नई स्टार्ट संधि शीत युद्ध के अंत में वर्ष 1991 में हुई स्टार्ट संधि की अनुवर्ती है। वर्ष 1991 की संधि दोनों पक्षों के लिये रणनीतिक परमाणु वितरण वाहनों की संख्या को 1,600 और वारहेड्स की संख्या को 6,000 तक सीमित करती है।
      • न्यू स्टार्ट संधि ने वर्ष 1991 की स्टार्ट-1 (Strategic Arms Reduction Treaty-1) को प्रतिस्थापित किया था। इसके अलावा इसने वर्ष 2002 की सामरिक आक्रामक कटौती संधि (Strategic Offensive Reductions Treaty-SORT) को भी समाप्त कर दिया था।
    • यह 700 रणनीतिक लॉन्चर और 1,550 ऑपरेशनल वारहेड्स की मात्रा को दोनों पक्षों के लिये सीमित कर अमेरिकी और रूसी रणनीतिक परमाणु शस्त्रागार को कम करने की द्विपक्षीय प्रक्रिया को जारी रखती है।
    • यदि इस संधि को पाँच वर्ष की अवधि के लिये विस्तारित नहीं किया जाता है तो यह संधि फरवरी 2021 में व्यपगत हो जाएगी। 
  • हालिया प्रस्ताव:
    • रूस ने इस संधि को लेकर संयुक्त राज्य अमेरिका के निष्क्रिय व्यवहार संबंधी चिंताओं के मद्देनज़र यह प्रस्ताव रखा है। 
    • गौरतलब है कि वर्ष 2019 में संयुक्त राज्य अमेरिका ने रूस के साथ ‘मध्यम दूरी परमाणु शक्ति संधि’ (Intermediate-Range Nuclear Force Treaty- INF Treaty) को भी निलंबित कर दिया है।
      • संयुक्त राज्य अमेरिका 2 अगस्त, 2019 को इस संधि से बाहर हो गया।

मध्यम दूरी परमाणु शक्ति संधि (INF Treaty):

  • वर्ष 1987 में हुई यह संधि अमेरिका और यूरोप तथा सुदूर पूर्व में उसके सहयोगियों की सुरक्षा में मदद करती है।
  • यह संधि अमेरिका तथा रूस की 300 से 3,400 मील दूर तक मार करने वाली ज़मीन से छोड़ी जाने वाले क्रूज़ मिसाइल के निर्माण को प्रतिबंधित करती है। इसमें ज़मीन आधारित सभी मिसाइलें शामिल हैं।
  • वर्ष 1987 में अमेरिका के राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन और उनके तत्कालीन यूएसएसआर समकक्ष मिखाइल गोर्बाचेव ने मध्यम दूरी और छोटी दूरी की मारक क्षमता वाली मिसाइलों का निर्माण नहीं करने के लिये INF संधि पर हस्ताक्षर किये थे।
  • यह संधि प्रतिबंधित परमाणु हथियारों और गैर-परमाणु मिसाइलों की लॉन्चिंग को रोकती है किंतु अमेरिका की नाराज़गी रूस की एसएस-20 की यूरोप में तैनाती के कारण थी। इसकी रेंज 500 से 5,500 किलोमीटर तक है।
  • इस संधि के तहत वर्ष 1991 तक करीब 2700 मिसाइलों को नष्ट किया जा चुका है। इस संधि के तहत दोनों देश एक-दूसरे की मिसाइलों के परीक्षण और तैनाती पर नज़र रख सकते हैं।
  • संयुक्त राज्य अमेरिका का पक्ष: संयुक्त राज्य अमेरिका चाहता था कि किसी भी प्रतिस्थापन संधि में चीन को शामिल किया जाना चाहिये।
  • साथ ही संधि में रूस के न सिर्फ ‘स्ट्रैटेजिक’ (Strategic) हथियारों (जिन्हें न्यू स्टार्ट के तहत शामिल किया गया) को बल्कि रूस के छोटे ‘टैक्टिकल’ (Tactical) परमाणु हथियारों को भी शामिल किया जाना चाहिये। 
    • रूस ने संयुक्त राज्य अमेरिका की इन मांगों को अस्वीकार कर दिया और चीन ने भी इस वार्ता में भाग लेने से इनकार कर दिया।
  • संयुक्त राज्य अमेरिका ने न्यू स्टार्ट संधि के विस्तार को लेकर रूस के हालिया प्रस्ताव पर बातचीत के लिये सहमति व्यक्त की है।

आगे की राह:

  • दोनों पक्षों के वार्ताकारों को अभी भी एक सत्यापन प्रणाली पर कार्य करने और एक वारहेड की विस्तृत परिभाषा पर सहमति बनाने की आवश्यकता है। 
  • यदि इस संधि को विस्तारित या प्रतिस्थापित नहीं किया जाता है तो दुनिया की दो सबसे बड़ी परमाणु शक्तियाँ उस दौर में वापस लौट आएंगी जहाँ शस्त्रागार पर कोई प्रतिबंध नहीं था।
  • इस संधि के विस्तार से अमेरिका-रूस संबंधों में एक नया मोड़ आएगा जो वैश्विक शांति के लिये अहम साबित होगा।
  • न्यू स्टार्ट के विस्तार को लेकर प्रस्तावित समय का उपयोग भविष्य में परमाणु मिसाइल हथियारों पर नियंत्रण के लिये द्विपक्षीय वार्ता करके एक व्यापक रणनीति बनाने में किया जा सकता है। 

स्रोत: द हिंदू

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