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भारतीय अर्थव्यवस्था

बीमा मार्केटिंग के लिये नए मानदंड

  • 07 Aug 2019
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (Insurance Regulatory and Development Authourity Of India-IRDAI) ने बीमा मार्केटिंग फर्मों (Insurance Marketing Firms-IMF) को संचालित करने वाले नियमों में बदलावों को अधिसूचित किया है।

प्रमुख बिंदु

  • वर्ष 2015 में अधिसूचित विनियमों में संशोधन का उद्देश्य बढ़ती बीमा पैठ (Insurance Penetration) को एक सक्षम वातावरण प्रदान करना है।
  • नए नियमों के अनुसार नीति आयोग द्वारा परिभाषित आकांक्षी ज़िला या आर्थिक रूप से पिछड़े ज़िलों में संचालन के लिये आवेदन करने वाली बीमा मार्केटिंग फर्मों के लिये निवल मूल्य (Net Worth) 5 लाख रुपए होगा। जबकि अन्य मामलों में यह निवल मूल्य (Net Worth) न्यूनतम 10 लाख रुपए होगा।
  • IMF को एक राज्य में तीन ज़िलों के लिये पंजीकरण करने की अनुमति होगी तथा इन तीन ज़िलों में से कम-से-कम एक आकांक्षी ज़िला होना आवश्यक है।
  • नए नियम IMF को एग्रीकल्चर इंश्योरंस कंपनी ऑफ इंडिया (Agriculture Insurance Company of India) और निर्यात ऋण गारंटी निगम (Export Credit Guarantee Corporation) के साथ जुड़ने की अनुमति देते हैं।
  • ये नियम मौजूदा मानदंडों के अतिरिक्त उन्हें दो जीवन बीमा, दो सामान्य बीमा और दो स्वास्थ्य बीमाकर्त्ताओं के साथ व्यापार करने की अनुमति देते हैं।
  • IMF के उत्पादों में गैर-ऋणी किसानों के लिये फसल बीमा और संयुक्त उत्पादों के साथ सभी प्रकार के व्यक्तिगत अथवा रिटेल उत्पाद शामिल होंगे।
  • संपत्ति, समूह व्यक्तिगत दुर्घटना, समूह स्वास्थ्य, GSLI (Group Savings-Linked Insurance Scheme) और सूक्ष्म, लघु और मध्यम के लिये बीमा पॉलिसी इस सूची का हिस्सा हैं।
  • IMF के उपयोग के लिये बीमाकर्त्ताओं को IRDAI के साथ अपनी नीतियों को दर्ज करने के लिये एक नया उपबंध भी शामिल किया गया है।

बीमा मार्केटिंग फर्म (Insurance Marketing Firms-IMF)

  • IRDAI द्वारा वर्ष 2015 में बीमा मार्केटिंग फर्मों का नया वितरण चैनल शुरू किया गया।
  • IMF का उद्देश्य क्षेत्र-वार पंजीकरण के माध्यम से देश में बीमा की पैठ (Insurance Penetration) को बढ़ाना है।
  • वर्ष 2007 में गठित एन.एम. गोवर्धन समिति ने बीमा मार्केटिंग फर्मों को शुरू करने की अनुशंसा की थी।
  • हाल के सुधार
  • वर्तमान सुधार वर्ष 2018 में सुरेश माथुर की अध्यक्षता में गठित 9 सदस्यीय समिति की अनुशंसाओं के आधार पर किये गए हैं।
  • इस समिति ने निवल मूल्य में कमी, IMF संचालन क्षेत्र के विस्तार और उत्पाद बास्केट (Basket Of Products) आदि के आधार पर सिफारिशें की हैं।

स्रोत : द हिंदू

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