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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

वर्तमान पाठ्यक्रम में बदलाव लाएगी एनसीईआरटी

  • 22 Apr 2017
  • 3 min read

समाचारों में क्यों?
देश के सभी स्कूलों में पहली से 12वीं कक्षा तक के सभी विषयों के पाठ्यक्रम में बदलाव होने जा रहा है। केंद्र सरकार के दिशा-निर्देश के तहत एनसीईआरटी की टीम विषयों की समीक्षा करने में जुट गई है। एनसीईआरटी की टीम को एक साल में समीक्षा रिपोर्ट सौंपनी होगी। गौरतलब है कि पाठ्यक्रम को बाज़ार की मांग और कौशल विकास के आधार पर तैयार करना होगा, जिससे विद्यार्थियों को किताबी ज्ञान के साथ रोज़गार भी मिल सके। पाठ्यक्रम में नोटबंदी, जीएसटी जैसे महत्त्वपूर्ण फैसलों के चलते जीडीपी वृद्धि दर आदि को भी शामिल किया जाएगा। 

महत्त्वपूर्ण बिंदु

  • ज्ञात हो कि एनसीईआरटी ने इसके लिये बाकायदा टीम गठित कर दी है और  इसके साथ ही देशभर के सभी राज्यों के सचिवों को पत्र लिखकर उनसे राय भी मांगी जा रही है। एक से लेकर 12 वीं कक्षा तक सभी विषयों में एक साथ बदलाव पहली बार होने जा रहा है।
  • विशेषज्ञों की टीम पाठ्यक्रम में से उन विषयों को हटा देगी, जिसकी ज़रूरत नहीं है। ऐसे विषय शामिल करने पर सहमति बनी है, जिनसे छात्रों को सिर्फ पास होने तक ही नहीं, बल्कि आगे रोज़गार से जुड़ने में भी मदद मिल सके।
  • गौरतलब है कि इससे पहले एनसीईआरटी ने करीब दस साल पहले पाठ्यक्रम में बदलाव किया था। हालाँकि इससे पहले पाठ्यक्रम में किसी विषय या पाठ में कोई आपत्तिजनक सामग्री शामिल होने की शिकायत के आधार पर बदलाव किया जाता रहा है।
  • राजनीति शास्त्र, विज्ञान, अर्थशास्त्र और गणित में सबसे अधिक बदलाव देखने को मिलेंगे। क्योंकि राजनीति शास्त्र में देश सहित, दुनिया के राजनीतिक बदलावों को शामिल किया जाएगा।
  • जबकि अर्थशास्त्र में छात्रों के लिये  कालेधन पर अंकुश लगाने के लिए मोदी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि ‘नोटबंदी’ को भी शामिल करने की योजना है। जीएसटी बिल पास होने के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था पर उसके प्रभाव की बात भी पाठ्यक्रम में शामिल होगी।
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