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नासा का नया अंतरिक्षयान: NEA स्काउट

  • 20 Jul 2021
  • 8 min read

प्रिलिम्स के लिये 

राष्ट्रीय वैमानिकी एवं अंतरिक्ष प्रशासन (NASA), नियर-अर्थ  एस्टेरॉयड स्काउट ,  स्पेस लॉन्च सिस्टम, लो-अर्थ ऑर्बिट

मेन्स के लिये 

नियर-अर्थ एस्टेरॉयड स्काउट का संक्षिप्त परिचय एवं इसका महत्त्व, क्षुद्रग्रह के प्रकार  

चर्चा में क्यों?

हाल ही में राष्ट्रीय वैमानिकी एवं अंतरिक्ष प्रशासन (NASA) ने घोषणा की है कि उसके नए अंतरिक्षयान (नियर-अर्थ  एस्टेरॉयड स्काउट या NEA स्काउट) ने सभी आवश्यक परीक्षण पूरे कर लिये हैं तथा इसे स्पेस लॉन्च सिस्टम (SLS) रॉकेट के अंदर सुरक्षित रूप से स्थापित कर दिया गया है।

प्रमुख बिंदु 

NEA स्काउट के बारे में :

  • नियर-अर्थ एस्टेरॉयड स्काउट या NEA स्काउट, एक छोटा अंतरिक्षयान है, जिसे क्यूबसैट (CubeSat) के रूप में जाना जाता है, इसे नासा के एडवांस्ड एक्सप्लोरेशन सिस्टम (AES) प्रोग्राम के तहत विकसित किया गया है।
    • AES तेज़ी से विकसित प्रोटोटाइप सिस्टम, प्रमुख क्षमताओं का प्रदर्शन तथा लो-अर्थ ऑर्बिट से परे भविष्य के मानव मिशनों के लिये परिचालन अवधारणाओं को मान्य करने हेतु नए दृष्टिकोणों का अग्रदूत है।
  • इसका मुख्य उद्देश्य नियर-अर्थ  एस्टेरॉयड से उड़ान भरना और डेटा एकत्र करना है।
    • इसे क्षुद्रग्रह तक पहुँचने में लगभग दो वर्ष लगेंगे और क्षुद्रग्रह से संपर्क के दौरान यह पृथ्वी से लगभग 93 मिलियन मील दूर होगा।
  • यह विशेष सौर सेल प्रणोदन का उपयोग करने वाला अमेरिका का पहला अंतरग्रहीय मिशन भी होगा।
    • अब तक अंतरिक्षयान सौर ऊर्जा का उपयोग करके उन्हें बिजली देने तथा महत्त्वपूर्ण कार्यों को निष्पादित करने के लिये करता रहा है। 
    • यह पहली बार होगा जब कोई अंतरिक्षयान जोर या थ्रस्ट (Thrust)  उत्पन्न करने और आगे बढ़ने के लिये हवा के रूप में इसका इस्तेमाल करेगा।
  • यह कई पेलोड में से एक है जो आर्टेमिस-I (Artemis I) पर उड़ान भरेगा, जिसे नवंबर 2021 में लॉन्च किये जाने की संभावना है।
    • आर्टेमिस I ओरियन अंतरिक्षयान और SLS रॉकेट की एक मानव रहित परीक्षण उड़ान होगी।
    • यह तीव्र गति से उड़ने वाली जटिल मिशनों की शृंखला में पहला है जो चंद्रमा और मंगल पर मानव अन्वेषण को सक्षम करेगा।
  • NEA स्काउट (NEA Scout) को वर्ष 2021 में आर्टेमिस 1 पर सवार अन्य छोटे उपग्रहों के बेड़े के साथ चंद्रमा के लिये लॉन्च किया गया।
    • NEA स्काउट चंद्रमा पर अपने 86-वर्ग-मीटर सौर सेल को तैनात कर धीरे-धीरे सर्पिलाकार गति करते हुए चंद्रमा की कक्षा से बाहर हो जाएगा।
    • यह एक नियर-अर्थ क्षुद्रग्रह की यात्रा करेगा और सतह की नज़दीकी छवियों को कैप्चर करते हुए धीमी गति से उड़ान भरेगा।

महत्त्व:

  • NEA स्काउट द्वारा एकत्र की गई छवियाँ क्षुद्रग्रह के भौतिक गुणों जैसे- कक्षा, आकार, मात्रा, रोटेशन, इसके आसपास की धूल और मलबे के क्षेत्र, साथ ही इसकी सतह के गुणों के बारे में महत्त्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेंगी।
  • अंतरिक्षयान सौर क्रूज़र के लिये मार्ग प्रशस्त करेगा, जो वर्ष 2025 में उड़ान भरते समय 16 गुना बड़े पाल (Sail) का उपयोग करेगा।
  • नियर-अर्थ क्षुद्रग्रहों का अध्ययन एक प्रभाव की स्थिति में होने वाले संभावित क्षति को कम करने के लिये रणनीति विकसित करने में मदद कर सकता है।
  • डेटा का उपयोग यह निर्धारित करने के लिये किया जा सकता है कि जोखिम को कम करने, प्रभावशीलता बढ़ाने और रोबोटिक तथा मानव अंतरिक्ष अन्वेषण के डिज़ाइन एवं संचालन में सुधार हेतु क्या आवश्यक है।

नियर-अर्थ ऑब्जेक्ट्स (NEOs):

  • ‘नियर अर्थ ऑब्जेक्ट’ ऐसे पिंड/क्षुद्रग्रह या धूमकेतु होते हैं जो पृथ्वी पर खतरा उत्पन्न करते हुए उसकी कक्षा के करीब से गुज़रते हैं। ये क्षुद्रग्रह ज़्यादातर बर्फ और धूल कण से मिलकर बने होते हैं।
  • NEO कभी-कभी पृथ्वी के करीब पहुँचते हैं क्योंकि वे सूर्य की परिक्रमा करते हैं।
  • नासा का सेंटर फॉर नियर-अर्थ ऑब्जेक्ट स्टडी (CNEOS) क्षुद्रग्रह वॉच विजेट के माध्यम से उस स्थिति में इन ऑब्जेक्ट्स का समय और दूरी निर्धारित करता है, जब ये पृथ्वी के नज़दीक होते हैं।

क्षुद्रग्रह 

  • ये सूर्य की परिक्रमा करने वाले चट्टानी पिंड हैं जो ग्रहों की तुलना में काफी छोटे होते हैं। इन्हें लघु ग्रह (Minor Planets) भी कहा जाता है।
  • नासा के अनुसार, अब तक ज्ञात क्षुद्रग्रहों (4.6 बिलियन वर्ष पहले सौरमंडल के निर्माण के दौरान के अवशेष) की संख्या 9,94,383 है।
  • क्षुद्रग्रहों को तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है:
    • पहली श्रेणी में वे क्षुद्रग्रह आते हैं जो मंगल तथा बृहस्पति के बीच क्षुद्रग्रह बेल्ट/पट्टी में पाए जाते हैं। अनुमानतः इस बेल्ट में 1.1-1.9 मिलियन क्षुद्रग्रह मौजूद हैं। 
    • दूसरी श्रेणी के तहत ट्रोजन्स को शामिल किया गया है। ट्रोजन्स ऐसे क्षुद्रग्रह हैं जो एक बड़े ग्रह के साथ कक्षा (Orbit) साझा करते हैं। 
    • तीसरी श्रेणी पृथ्वी के निकट स्थित क्षुद्रग्रहों यानी नियर अर्थ एस्टेरॉयड्स (NEA) की है जिनकी कक्षा ऐसी होती है जो पृथ्वी के निकट से होकर गुज़रती है। वे क्षुद्रग्रह जो पृथ्वी की कक्षा को पार कर जाते हैं उन्हें अर्थ क्रॉसर (Earth-crosser) कहा जाता है।
      • इस तरह के 10,000 से अधिक क्षुद्रग्रह ज्ञात हैं जिनमें से 1,400 को संभावित खतरनाक क्षुद्रग्रह (Potentially Hazardous Asteroid- PHA) के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
      • PHA ऐसे क्षुद्रग्रह होते हैं जिनके पृथ्वी के करीब से गुज़रने से पृथ्वी पर खतरा उत्पन्न होने की संभावना बनी रहती है। 
      • PHA की श्रेणी में उन क्षुद्रग्रहों को रखा जाता है जिनकी  ‘न्यूनतम कक्षा अंतर दूरी’ (Minimum Orbit Intersection Distance- MOID) 0.05 AU या इससे कम हो। साथ ही ‘निरपेक्ष परिमाण’ (Absolute Magnitude-H) 22.0 या इससे कम हो। 
        • पृथ्वी और सूर्य के बीच की दूरी को खगोलीय इकाई (Astronomical Unit-AU) से इंगित करते हैं।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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