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भारत-दक्षिण कोरिया के मध्य व्यापार ढाँचे में सुधार पर सहमति

  • 11 Jul 2018
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति मून जे इन नई दिल्ली में आयोजित द्विपक्षीय बैठक में शामिल हुए।

प्रमुख बिंदु 

  • इस दौरान दोनों देशों के बीच व्यापार में वृद्धि के लिये महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों की पहचान करने के उद्देश्य से 'प्रारंभिक फसल('Early Harvest’)पैकेज को लेकर व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (सीईपीए) पर चर्चा हेतु संयुक्त रूप से सहमति व्यक्त की गई।
  • दोनों पक्षों ने 11 समझौतों और ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किये।
  • इन समझौतों में प्रमुख रूप से अधिक सैन्य आदान-प्रदान हेतु प्रतिबद्धता और रक्षा परियोजनाओं को एक साथ मिलकर आगे बढ़ाना शामिल रहा।
  • दोनों देश अफगानिस्तान में "त्रिपक्षीय" आधार पर एक परियोजना की शुरुआत के साथ ही तीसरे देशों के विकासात्मक सहयोग हेतु भी सहमत हुए हैं।
  • दक्षिण कोरिया की ‘नई दक्षिणी नीति’ और भारत की ‘पूर्व की ओर देखो नीति’ से दक्षिण-पूर्वी क्षेत्रों में शांति कायम करने में योगदान देने के लिये दोनों देशों ने एक-दूसरे की प्रशंसा की। 

भारत-दक्षिण कोरिया प्रौद्योगिकी विनिमय केंद्र

  • भारत के केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम(एमएसएमई)उद्यम राज्यमंत्री(स्वतंत्र प्रभार)गिरिराज सिंह तथा दक्षिण कोरिया गणराज्य के एसएमई व स्टार्टअप मंत्री होंग जोंग हॉल ने भारत-दक्षिण कोरिया प्रौद्योगिकी विनिमय केंद्र का उद्घाटन किया।
  • उल्लेखनीय है कि  भारत-कोरिया प्रौद्योगिकी विनिमय केंद्र की स्थापना नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय लघु उद्यम निगम के परिसर में की गई है।
  • इस केंद्र के माध्यम से उद्यमी आधुनिकतम तकनीक, प्रबंधकीय विशेषज्ञता, उत्पाद विकास तथा तकनीकी अनुप्रयोग साझा कर सकते हैं।
  • इस केंद्र का उद्देश्य भारत और दक्षिण कोरिया के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों के लिये एक साझा मंच उपलब्ध कराना है।
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