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डेली न्यूज़

भारतीय अर्थव्यवस्था

WTO पैनल की सिफारिश को लागू करने के लिये बाध्य नहीं भारत

  • 21 Mar 2020
  • 5 min read

प्रीलिम्स के लिये:

विश्व व्यापार संगठन, निर्यात संबंधी योजनाएँ, संयुक्त राज्य अमेरिका के व्यापार प्रतिनिधि

मेन्स के लिये:

अंतर्राष्ट्रीय व्यापार विवाद संबंधी मुद्दे

चर्चा में क्यों?

हाल ही में संसद को सूचित किया गया है कि भारत अपनी निर्यात प्रोत्साहन योजनाओं पर WTO के विवाद निपटान पैनल की सिफारिशों को लागू करने के लिये बाध्य नहीं है, क्योंकि भारत ने पैनल के इस आदेश को उच्च स्तर पर चुनौती दी है।

प्रमुख बिंदु

  • बीते वर्ष 31 अक्तूबर, 2019 को विश्व व्यापार संगठन (World Trade Organisation-WHO) के विवाद निपटान पैनल ने निर्णय दिया था कि भारत की निर्यात संबंधी योजनाएँ (Export-Related Schemes) “सब्सिडी एवं प्रतिकारी उपाय समझौते” के तहत निषिद्ध सब्सिडी (Prohibited Subsidies) की प्रकृति में आती हैं और विश्व व्यापार संगठन के मानदंडों के साथ असंगत हैं।
  • WTO के विवाद निपटान पैनल ने भारत को विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) योजना को वापस लेने के लिये 180 दिनों की समय-सीमा प्रदान की है।

क्या है विवाद?

  • दरअसल 14 मार्च, 2018 को संयुक्त राज्य अमेरिका के व्यापार प्रतिनिधि (United States Trade Representative-USTR) कार्यालय ने विश्व व्यापार संगठन (WTO) में भारत की निर्यात संवर्द्धन योजनाओं को चुनौती दी थी। 
  • USTR का तर्क था कि इन योजनाओं के कारण असमान अवसर पैदा हो रहे हैं, जिससे अमेरिकी कंपनियों को नुकसान हो रहा है। USTR के अनुसार, भारत सब्सिडी एवं प्रतिकारी उपाय समझौते (Agreement on Subsidies and Countervailing Measures- SCM Agreement) के तहत  की गई अपनी प्रतिबद्धताओं का उल्लंघन कर रहा है।
  • USTR ने इस संदर्भ में भारत की 5 निर्यात प्रोत्साहन योजनाओं (निर्यात उन्मुख इकाइयों की योजनाएँ व क्षेत्र-विशिष्ट योजनाएँ) का उल्लेख किया है, जोकि निम्नलिखित हैं-
    • इलेक्ट्रॉनिक्स हार्डवेयर प्रौद्योगिकी पार्क योजना (Electronics Hardware Technology Parks Scheme)
    • भारत से मर्चेंडाइज़ निर्यात के लिये योजना (Merchandise Exports from India Scheme)
    • निर्यात संवर्द्धन कैपिटल गुड्स संबंधी योजना (Export Promotion Capital Goods Scheme)
    • विशेष आर्थिक क्षेत्र (Special Economic Zones)
    • शुल्क मुक्त आयात अधिकार-पत्र योजना (Duty free Import Authorization Scheme)
  • USTR का मुख्य तर्क यह है कि भारत की उपरोक्त पाँच निर्यात संवर्द्धन योजनाएँ, SCM समझौते के प्रावधान 3.1 (A) और 3.2 का उल्लंघन करती हैं, क्योंकि ये दोनों प्रावधान निर्यात सब्सिडी देने पर रोक लगाते हैं।

व्यापार विवाद और भारत

  • संसद में दी गई सूचना के अनुसार, भारत वर्तमान में WTO में कुल 15 व्यापार विवादों में शामिल है, जिनमें से अधिकांश अमेरिका के साथ हैं। इन विवादों में से 4 में भारत शिकायतकर्त्ता है जबकि 11 विवादों में भारत प्रतिवादी है।

विश्व व्यापार संगठन (WTO)

  • विश्व व्यापार संगठन (World Trade Organization) विश्व में व्यापार संबंधी अवरोधों को दूर कर वैश्विक व्यापार को बढ़ावा देने वाला एक अंतर-सरकारी संगठन है, जिसकी स्थापना वर्ष 1995 में मराकेश संधि के तहत की गई थी।
  • इसका मुख्यालय जिनेवा में है। वर्तमान में विश्व के 164 देश इसके सदस्य हैं।
  • 29 जुलाई, 2016 को अफगानिस्तान इसका 164वाँ सदस्य बना था।
  • सदस्य देशों का मंत्रिस्तरीय सम्मेलन इसके निर्णयों के लिये सर्वोच्च निकाय है, जिसकी बैठक प्रत्येक दो वर्षों में आयोजित की जाती है।

संयुक्त राज्य व्यापार प्रतिनिधि (USTR)

  • संयुक्त राज्य व्यापार प्रतिनिधि (USTR) एक अमेरिकी संस्था है, जो अमेरिका के राष्ट्रपति को व्यापार की नीति विकसित करने और अनुशंसा करने तथा द्विपक्षीय और बहुपक्षीय स्तरों पर व्यापार वार्ता के आयोजन तथा सरकार के भीतर व्यापार नीति के समन्वयन के लिये ज़िम्मेदार है।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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