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जैव विविधता और पर्यावरण

भारत का पहला ई-कचरा क्लिनिक

  • 07 Oct 2019
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

घरेलू और व्यावसायिक इकाइयों के कचरे के पृथक्करण, प्रसंस्करण और निपटान के लिये भारत का पहला ई-कचरा क्लिनिक जल्द ही मध्य प्रदेश के भोपाल में स्थापित किया जाएगा।

प्रमुख बिंदु:

  • इसकी स्थापना के लिये केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Central Pollution Control Board- CPCB) और भोपाल नगर निगम ( Bhopal Municipal Corporation- BMC) के बीच समझौता ज्ञापन (Memorandum of Understanding- MoU) पर हस्ताक्षर किये गए।
  • यह तीन महीने की पायलट परियोजना है। अगर यह सफल होती है, तो इसे पूरे देश में लागू किया जायेगा।
  • इलेक्ट्रॉनिक कचरे को या तो डोर-टू-डोर एकत्रित किया जाएगा या व्यक्तियों द्वारा सीधे क्लिनिक में जमा कराया जा सकता है।
  • CPCB इस परियोजना में तकनीकी सहायता प्रदान करेगा तथा एकत्र कचरे को फिर से रीसाइक्लिंग के लिये बेंगलूरू भेजा जाएगा।
  • यह घरों और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों से उत्पन्न इलेक्ट्रॉनिक कचरे के वैज्ञानिक हैंडलिंग और निपटान को सुनिश्चित करेगा।
  • क्लिनिक की परिकल्पना सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स, 2016 (Solid Waste Management Rules, 2016) के अनुपालन में की जा रही है।
  • ये नियम कचरे के स्रोत स्तर पर ही कचरे के पृथक्करण पर भी ध्यान केंद्रित करते हैं।
  • वर्तमान में एक सुरक्षित निपटान तंत्र की अनुपस्थिति के कारण, अन्य घरेलू कचरे के साथ इलेक्ट्रॉनिक अपशिष्ट का निपटान करना जटिल बनता जा रहा है, अतः ऐसे क्लिनिक को स्थापित करना आवश्यक है जिससे कुशलतापूर्वक और सुरक्षित तरीके से इलेक्ट्रॉनिक अपशिष्ट को अलग किया जा सके।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड:

(Central Pollution Control Board- CPCB):

  • केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का गठन एक सांविधिक संगठन के रूप में जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1974 के अंतर्गत सितंबर 1974 को किया गया।
  • इसके पश्चात् केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1981 के अंतर्गत शक्तियाँ व कार्य सौंपे गए।
  • यह बोर्ड पर्यावरण (सुरक्षा) अधिनियम, 1986 के प्रावधानों के अंतर्गत पर्यावरण एवं वन मंत्रालय को तकनीकी सेवाएँ भी उपलब्ध कराता है।
  • केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के प्रमुख कार्यों को जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1974 तथा वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1981 के तहत वर्णित किया गया है।

स्रोत : द हिंदू

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