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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

बिटक्वॉइन और क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित महत्त्वपूर्ण बिंदु

  • 24 Oct 2017
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?

वर्तमान में बिटक्वॉइन बाज़ार में उल्लेखनीय वृद्धि देखी जा रही है। विदित हो कि इस वर्ष अब तक सभी क्रिप्टोकरेंसियों की कीमत 10 गुना बढ़कर 170 अरब डॉलर से अधिक हो गई है। हालाँकि, मुख्यधारा के संस्थागत निवेशक इस अपरिपक्व बाज़ार से दूरी बनाए हुए हैं।

संस्थागत निवेशकों की उदासीनता के कारण

सबसे बड़ी और सबसे ज़्यादा जानी-पहचानी क्रिप्टोकरेंसी बिटक्वॉइन ने वर्ष 2014 को छोड़कर साल 2011 से विश्व की सभी परंपरागत करेंसियों से बेहतर प्रदर्शन किया है। लेकिन अब भी बहुत से निवेशक इसे अपारदर्शी मानते हैं। दरअसल, संस्थागत निवेशकों का मानना है कि यह नियमित नहीं है और इसमें उतार-चढ़ाव की संभावना अधिक है। इसके अलावा इन प्रतिभूतियों को बेचकर तत्काल नकदी हासिल करना भी मुश्किल है।

क्रिप्टोकरेंसी की वैधता के संबंध में वर्तमान स्थिति

“नॉन-फिएट” क्रिप्टोकरेंसी (“non-fiat” cryptocurrency) को लेकर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा गठित एक समूह, क्रिप्टोकरेंसी को वैधानिक मान्यता देने के मसले पर गंभीरता से विचार कर रहा है। आरबीआई ने संकेत दिया है कि केंद्रीय बैंक को ‘फिएट क्रिप्टोकरेंसी’ से किसी तरह की कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन वह “नॉन-फिएट” क्रिप्टोकरेंसी जैसे कि बिटक्वॉइन को लेकर खासा चिंतित है।

फिएट क्रिप्टोकरेंसी’ और ‘नॉन-फिएट क्रिप्टोकरेंसी’ में अंतर

नॉन फिएट’ क्रिप्टोकरेंसी उदाहरण के लिये बिटक्वॉइन, एक निजी क्रिप्टोकरेंसी है, जबकि ‘फिएट क्रिप्टोकरेंसी’ एक डिजिटल मुद्रा है, जिसे भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी किया जाएगा।

भारत में क्रिप्टोकरेंसी की वैधता

आरबीआई समय-समय पर बिटक्वॉइन के संभावित खतरों के प्रति आगाह करता आया है। हालाँकि, असली तस्वीर तब सामने आएगी जब आरबीआई डिजिटल करेंसी जारी करेगी, जिसे भौतिक मुद्रा के तौर पर संचित करने के बजाय साइबर स्पेस में रखा जा सकता है। जहाँ तक ‘नॉन फिएट’ क्रिप्टोकरेंसी का सवाल है तो आरबीआई इसे लेकर सहज नहीं है। गौरतलब है कि केंद्रीय बैंक ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अभी तक अपनी किसी योजना का खुलासा नहीं किया है।

क्या है बिटक्वॉइन? 

दरअसल, बिटक्वॉइन एक डिजिटल करेंसी है जिसका इस्तेमाल दुनिया भर में लोग लेन-देन के लिये करते हैं। उल्लेखनीय है कि यह ‘मुख्य वित्तीय सिस्टम’ और ‘बैंकिंग प्रणाली’ से बाहर रहकर काम करती है। यही कारण है कि इसके स्रोत और सुरक्षा को लेकर गंभीर प्रश्न उठते रहते हैं।

इस डिजिटल मुद्रा को किसी भी सरकार का साथ नहीं मिला है और लगातार इसे फ्रॉड,म हवाला मनी और आतंकी गतिविधियों को पोषित करने वाली मुद्रा के रूप में संबोधित किया जाता रहा है।

हाल ही में ‘जेपी मार्गन चेज एंड कंपनी’ के चीफ एग्ज़ीक्यूटिव जैमी डिमॉन ने इसे फ्रॉड तक कह डाला और कहा कि बिटक्वॉइन का गुब्बारा जल्द ही फूटेगा।

चीन ने भी बिटक्वॉइन एक्सचेंजों पर सख्ती करते हुए उन पर प्रतिबंध लगाने की सूचना जारी कर दी है। हालाँकि, बिटक्वाइन बाज़ार में पिछले एक साल में ज़बरदस्त उछाल दर्ज़ किया गया है।

निष्कर्ष

पिछले कुछ वर्षों में क्रिप्टोकरेंसी बड़ी तेज़ी से लोकप्रिय हुई है। वर्तमान में, भारत सहित कई देशों में यह न तो अवैध है और न ही वैध। क्रिप्टोकरेंसी का बाज़ार वर्तमान में 100 अरब डॉलर के आँकड़े को पार कर चुका है। यह आवश्यक है कि क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कुछ नियमाकीय प्रावधान किये जाएँ। यहाँ यह जानना आवश्यक है कि सभी क्रिप्टोकरेंसी बिटक्वॉइन नहीं हैं, जबकि सभी बिटक्वॉइन क्रिप्टोकरेंसी हैं। बिटक्वॉइन (bitcoin), एथ्रॉम (ethereum) और रिप्पल (ripple) कुछ लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी हैं।

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