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डेली न्यूज़

भारतीय अर्थव्यवस्था

विशेष डेटा प्रसार मानक (SDDS)

  • 02 Sep 2019
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetory Fund- IMF) ने 'वर्ष 2018 के लिये विशेष डेटा प्रसार मानक की वार्षिक अवलोकन रिपोर्ट' (Annual Observance Report of the Special Data Dissemination Standard for 2018) जारी की जिसके अनुसार, भारत SDDS में निर्धारित कई मानकों का पालन करने में विफल रहा है।

प्रमुख बिंदु

  • IMF द्वारा जारी इस रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2018 में भारत की ओर से विभिन्न श्रेणियों का डेटा जारी में कई देरी हुई।
  • भारत के अन्य समकक्ष BRICS देशों- ब्राज़ील, चीन, दक्षिण अफ्रीका और रूस ने लगातार डेटा-प्रसार संबंधी सभी मानकों को पूरा किया है।
  • रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2016 तक भारत की ओर से जारी किये जाने वाले आँकड़ों में निरतंरता थी। लेकिन वर्ष 2017 और 2018 के दौरान यह विभिन्न श्रेणियों के डेटा जारी करने में विफल रहा।
  • भारत ने माना है कि IMF के मानकों का पालन न करने का कारण राष्ट्रीय सारांश डेटा पेज (NSDP) के वेब पेज में तकनीकी खराबी है।
  • नेशनल समरी डेटा पेज (NSDP) आर्थिक और वित्तीय डेटा के एकल व्यापक स्रोत तक त्वरित पहुँच प्रदान करता है।
  • रिपोर्ट में SDDS से तीन प्रकार के विचलन को सूचीबद्ध किया गया है:
    • पहले प्रकार का विचलन तब होता है जब सदस्य देश SDDS में डेटा प्रसार हेतु निर्धारित अवधि के बजाय देरी से डेटा प्रसार करते हैं।
    • दूसरे प्रकार का विचलन तब होता है जब सदस्य देश SDDS द्वारा अनिवार्य श्रेणी के बावजूद अपने अग्रिम रिलीज कैलेंडर (Advance Release Calendars- ARC) में किसी डेटा श्रेणी को सूचीबद्ध नहीं करते हैं।
    • तीसरा विचलन तब होता है जब किसी विशेष अवधि के लिये डेटा का प्रसार बिल्कुल भी नहीं किया जाता है।

विशेष डेटा प्रसार मानक (SDDS) क्या है?

  • SDDS जनता के बीच व्यापक आर्थिक आँकड़े जारी करने हेतु एक वैश्विक मानक/बेंचमार्क है।
  • इसे अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष द्वारा वर्ष 1996 में तैयार किया गया था।
  • IMF ने सदस्य देशों की डेटा पारदर्शिता को बढ़ाने और देशों की आर्थिक स्थितियों का आकलन करने के लिये पर्याप्त जानकारी के साथ वित्तीय बाज़ार सहभागियों की सहायता हेतु SDDS पहल की शुरुआत की।
  • भारत ने 27 दिसंबर, 1996 को SDDS को अपनाया।
  • SDDS की सदस्यता यह दर्शाती है कि एक देश ‘अच्छे सांख्यिकीय नागरिकता’ (Good Statistical Citizenship) के परीक्षण को पूरा करता है।
  • किसी देश की आर्थिक स्थिति जिसमें राष्ट्रीय लेखा (सकल घरेलू उत्पाद तथा सकल राष्ट्रीय आय), उत्पादन सूचकांक, रोज़गार तथा केंद्र सरकार के संचालन शामिल हैं, का पता लगाने के लिये IMF इस वार्षिक अवलोकन रिपोर्ट में 20 से अधिक श्रेणियों के डेटा को महत्त्व देता है।

SDDS Plus:

  • SDDS प्लस फंड के डेटा स्टैंडर्ड इनिशिएटिव्स (Data Standards Initiatives) में सबसे उच्च श्रेणी का है और इसकी गणना SDDS के तहत प्राप्त प्रगति के आधार पर की जाती है।
  • हालाँकि यह व्यवस्थित रूप से महत्वपूर्ण वित्तीय क्षेत्रों की प्रगति को लक्षित करता है फिर भी यह सभी SDDS ग्राहकों के लिये उपलब्ध है।
  • SDDS प्लस डेटा पारदर्शिता बढ़ाने और अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली को सुदृढ करने के लिये मज़बूत डेटा प्रसार प्रथाओं पर ज़ोर देता है।

SDDS की आवश्यकता

डेटा प्रसार मानक समय पर व्यापक आँकड़ों की उपलब्धता में वृद्धि करते हैं, जो कि वृहद् आर्थिक नीतियों और वित्तीय बाज़ारों के कुशल कामकाज में योगदान देता है।

स्रोत: द हिंदू

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