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आयुष्‍मान भारत - राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य सुरक्षा मिशन को पूर्ण समर्थन

  • 23 Jun 2018
  • 7 min read

चर्चा में क्यों?

आईएमए (Indian Medical Association - IMA) के प्रतिनिधियों ने आयुष्‍मान भारत-राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य सुरक्षा मिशन [Ayushman Bharat- National Health Protection Mission (AB-NHPM)] के बेहतर कार्यान्‍वयन के लिये अस्‍पतालों के पैनल बनाने, जागरूकता फैलाने तथा लाभार्थियों की पहचान करने जैसे क्षेत्रों में आपसी समर्थन पर सहमति जताई है।

  • आईएमए, AB-NHPM का एक विशिष्‍ट हितधारक है। चूँकि AB-NHPM की सफलता के लिये गुणवत्‍तापूर्ण स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाओं देखभाल त‍क पहुँच बनाने और मरीज़ आधारित देखभाल के क्षेत्र में निजी क्षेत्र की भूमिका महत्त्वपूर्ण है। ऐसे में इस संदर्भ में आईएमए का मह्त्त्व बढ़ जाता है। 

प्रमुख बिंदु

  • आईएमए द्वारा AB-NHPM से संबंधित जागरूकता कार्यक्रमों का संचालन किया जाएगा। इसका उद्देश्य गुणवत्‍तापूर्ण सेवा प्रदाताओं का एक विशाल नेटवर्क तैयार करना हैं।
  • आईएमए द्वारा AB-NHPM को समर्थन देने के लिये अस्‍पतालों को किये जाने वाले भुगतान, अनुभवों को साझा करने व शिकायतों को निपटाने के लिये कागज रहित व्‍यवस्‍था विकसित करने हेतु सूचना प्रौद्योगिकी अवसंरचना की स्‍थापना करने जैसे विषयों पर विशेष बल दिया गया है।
  • इस संदर्भ में नीति आयोग द्वारा लागत संबंधी अध्‍ययन भी किया गया है। इसमें लाभप्रद पैकेजों व दरों का समायोजन प्रस्‍तावित है। इसलिये आईएमए को अपने ज्ञान तथा पेशेवर विशेषज्ञता के आधार पर एनएचए को समर्थन देने की ज़रूरत है।
  • AB-NHPM को इस तरह से तैयार किया गया है कि यह 10 करोड़ से ज्‍यादा गरीब व वंचित परिवारों को उनकी स्वास्थ्य देखभाल के संदर्भ में वित्‍तीय सुरक्षा सुनिश्चित करेगा जिससे कि वे महँगी स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल सुविधाओं का लाभ उठा सकें।
  • इसमें बिना नकद भुगतान किये अस्‍पताल में इलाज कराने की सुविधा है। इसके अंतर्गत प्रत्‍येक परिवार को इलाज के लिये पाँच लाख रुपए प्रतिवर्ष दिये जाने का प्रावधान है।

आयुष्‍मान भारत-राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य सुरक्षा मिशन

  • AB-NHPM में चालू केंद्र प्रायोजित योजनाएँ- राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य बीमा योजना (Rashtriya Swasthya Bima Yojana -RSBY) तथा वरिष्‍ठ नागरिक स्‍वास्‍थ्य बीमा योजना (Senior Citizen Health Insurance Scheme -SCHIS) समाहित होंगी।

प्रमुख विशेषताएँ

  • AB-NHPM को लक्षित लाभार्थियों को कवर करने के उद्देश्‍य से सभी राज्‍यों/केंद्र शासित प्रदेशों में प्रारंभ किया जाएगा।
  • AB-NHPM में प्रतिवर्ष प्रति परिवार पाँच लाख रुपए का परिभाषित लाभ कवर (विधेयक में वर्णित प्रावधानों के अनुसार) होगा।
  • इसमें सभी द्वितीयक और तृतीयक स्‍वास्‍थ्‍य सुविधा प्रक्रियाएँ शामिल हैं। यह सुनिश्चित करने के लिये कि कोई व्‍यक्ति ‍(महिलाएँ, बच्‍चे तथा वृद्धजन) छूट न जाए, इसे ध्यान में रखते हुए योजना में परिवार के आकार और आयु पर किसी तरह की सीमा नहीं होगी।
  • इस योजना के अंतर्गत कवर किये गए लाभार्थी को पैनल में शामिल देश के किसी भी सरकारी/निजी अस्‍पताल से कैशलेस लाभ लेने की अनुमति होगी।
  • लाभार्थी पैनल में शामिल सरकारी और निजी दोनों अस्‍पतालों में लाभ ले सकेंगे। AB-NHPM लागू करने वाले राज्‍यों के सभी सरकारी अस्‍पतालों को योजना के लिये पैनल में शामिल समझा जाएगा।
  • निजी अस्‍पताल, परिभाषित मानक के आधार पर ऑनलाइन तरीके से पैनल में शामिल किये जाएंगे।
  • लागत को नियंत्रित करने के लिये पैकेज दर (सरकार द्वारा अग्रिम रूप में परिभाषित) के आधार पर इलाज के लिये भुगतान किया जाएगा। पैकेज दर में इलाज से संबंधित सभी लागतें शामिल होंगी। लाभार्थियों के लिये यह कैशलेस, कागज रहित लेन-देन होगा।
  • AB-NHPM का एक प्रमुख सिद्धांत सहकारी संघवाद और राज्‍यों को लचीलापन प्रदान करना है। इसमें सह-गठबंधन के माध्‍यम से राज्‍यों के साथ साझेदारी का प्रावधान है।
  • योजना को लागू करने के लिये राज्‍यों को राज्‍य स्‍वास्‍थ्‍य एजेंसी (एसएचए) की ज़रूरत होगी।
  • योजना को लागू करने के लिये राज्‍यों के पास एसएचए के रूप में वर्तमान ट्रस्‍ट/सोसायटी/अलाभकारी कंपनी/राज्‍य नोडल एजेंसी के उपयोग करने का विकल्‍प होगा या नया ट्रस्‍ट/सोसायटी/अलाभकारी कंपनी/राज्‍य स्‍वास्‍थ्‍य एजेंसी बनाने का विकल्‍प होगा। 
  • इससे संभावित दुरुपयोग की पहचान साथ ही धोखेबाजी और दुरुपयोग रोकने में मदद मिलेगी। इसमें सुपरिभाषि‍त शिकायत  समाधान व्‍यवस्‍था होगी। इसके अतिरिक्‍त (उपचार से संबंधित) नैतिक खतरों (दुरुपयोग की संभावना) के साथ इलाज पूर्व अधिकार को अनिवार्य बनाया जाएगा।
  • यह सुनिश्चित करने के लिये कि योजना वांछित लाभार्थियों तथा अन्य हितधारकों तक पहुँचे, एक व्‍यापक मीडिया तथा आउटरिच रणनीति विकसित की जाएगी, जिसमें अन्‍य बातों के अलावा प्रिंट मीडिया, इलेक्‍ट्रॉनिक मीडिया, सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म, पारंपरिक मीडिया, आईईसी सामग्री तथा आउटडोर गतिविधियाँ शामिल होंगी।
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