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डेली न्यूज़

भारतीय अर्थव्यवस्था

लघु उद्योगों पर ILO की रिपोर्ट

  • 15 Oct 2019
  • 4 min read

प्रीलिम्स के लिये:

अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (International Labour Organization)

मेन्स के लिये:

ILO द्वारा जारी रिपोर्ट के सभी महत्त्वपूर्ण पक्ष

चर्चा में क्यों:

हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) ने विकसित और विकासशील देशों के संदर्भ में लघु उद्योगों की प्रासंगिकता पर एक रिपोर्ट जारी की है।

मुख्य बिंदु:

  • अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन की नवीनतम रिपोर्ट में पाया गया कि अल्प-विकसित और विकासशील देशों में कुल रोज़गार का दो-तिहाई से अधिक हिस्सा लघु आर्थिक इकाईयों द्वारा प्रदान किया जाता है।
  • 10 अक्तूबर, 2019 को ILO द्वारा जारी इस रिपोर्ट में यह तर्क दिया गया है कि लघु उद्योग समर्थित दृष्टिकोण निम्न और मध्यम आय वाले देशों के लिये आवश्यक है, जहाँ बहुसंख्यक लोग लघु आर्थिक इकाइयों में कार्यरत हैं।
  • स्वरोज़गार की स्थिति में दक्षिण एशिया (66 प्रतिशत) प्रथम स्थान पर है। उसके बाद क्रमशः उप-सहारा अफ्रीका (50 प्रतिशत), मध्य पूर्व एवं उत्तरी अफ्रीका (44 प्रतिशत) दूसरे तथा तीसरे स्थान पर हैं।
  • रिपोर्ट के अनुसार, भारत में लगभग 85 प्रतिशत श्रमिक स्व-नियोजित हैं।
  • निम्न आय वाले देशों की आय में स्वरोज़गार का योगदान उच्च आय वाले देशों से लगभग 5 गुना अधिक होता है।
  • निम्न आय वाले देशों में कृषि क्षेत्र में रोज़गार के अधिकांश अवसर अनौपचारिक श्रेणी में आते हैं। रिपोर्ट के अनुसार दक्षिण एशिया और उप-सहारा अफ्रीका में लगभग 95 प्रतिशत कृषि क्षेत्र का रोज़गार अनौपचारिक है।

अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन:

  • यह ‘संयुक्त राष्ट्र’ की एक विशिष्ट एजेंसी है, जो श्रम संबंधी समस्याओं/मामलों, मुख्य रूप से अंतर्राष्ट्रीय श्रम मानक, सामाजिक संरक्षा तथा सभी के लिये कार्य अवसर जैसे मामलों को देखती है।
  • यह संयुक्त राष्ट्र की अन्य एजेंसियों से इतर एक त्रिपक्षीय एजेंसी है, अर्थात् इसके पास एक ‘त्रिपक्षीय शासी संरचना’ (Tripartite Governing Structure) है, जो सरकारों, नियोक्ताओं तथा कर्मचारियों का (सामान्यतः 2:1:1 के अनुपात में) इस अंतर्राष्ट्रीय मंच पर प्रतिनिधित्व करती है।
  • यह संस्था अंतर्राष्ट्रीय श्रम कानूनों का उल्लंघन करने वाली संस्थाओं के खिलाफ शिकायतों को पंजीकृत तो कर सकती है, किंतु सरकारों पर प्रतिबंध आरोपित नहीं कर सकती है।
  • इस संगठन की स्थापना प्रथम विश्वयुद्ध के पश्चात् ‘लीग ऑफ नेशन्स’ (League of Nations) की एक एजेंसी के रूप में सन् 1919 में की गई थी। भारत इस संगठन का संस्थापक सदस्य रहा है।
  • इस संगठन का मुख्यालय स्विट्ज़रलैंड के जिनेवा में स्थित है।
  • वर्तमान में 187 देश इस संगठन के सदस्य हैं, जिनमें से 186 देश संयुक्त राष्ट्र के 193 सदस्य देशों में से हैं तथा एक अन्य दक्षिणी प्रशांत महासागर में अवस्थित ‘कुक्स द्वीप’ (Cook's Island) है।
  • ध्यातव्य है कि वर्ष 1969 में इसे प्रतिष्ठित ‘नोबेल शांति पुरस्कार’ प्रदान किया गया था।

स्रोत: द हिंदू

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