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डेली न्यूज़

आंतरिक सुरक्षा

वैश्विक साइबर अपराध

  • 25 Nov 2019
  • 3 min read

प्रीलिम्स के लिये:

बुडापेस्ट अभिसमय

मेन्स के लिये:

साइबर सुरक्षा संबंधी मुद्दे

चर्चा में क्यों?

हाल ही में भारत ने संयुक्त राष्ट्र की महासभा में रूस के साइबर अपराध संबंधी प्रस्ताव का समर्थन किया।

प्रमुख बिंदु:

  • इस प्रस्ताव के तहत अगस्त 2020 में न्यूयॉर्क में एक नई संधि स्थापित किये जाने योजना है जिसके तहत सभी सदस्य राष्ट्र साइबर अपराध से जुड़े आंकड़ो को साझा कर सकेंगे।
  • राष्ट्रीय संप्रभुता के मुद्दे पर रूस और चीन बुडापेस्ट अभिसमय का विरोध करते रहे हैं, बुडापेस्ट अभिसमय के समकक्ष रूस ने अंतर्राष्ट्रीय साइबर अपराध से निपटने के लिए अपना प्रस्ताव पेश किया।
  • भारत ने बुडापेस्ट अभिसमय हस्ताक्षर नहीं किये हैं, हाल ही में हुए इसके एक सम्मेलन में भारत ने गैर- सदस्य के रूप में अपनी यथास्थिति बनाए रखी।
  • भारत लम्बे समय से डेटा सुरक्षा की समस्या से लड़ रहा है।

भारत में डेटा सुरक्षा संबंधी क़ानून:

  • वर्तमान समय में भारत में डेटा सुरक्षा सम्बन्धी उपयुक्त क़ानून और नियमों का अभाव है.
  • कानूनी संरचना के अंतर्गत अभी तक भारत में निम्लिखित कदम उठाये गये है-
    • सूचना तकनीक अधिनियम, 2000- यह अधिनियम भारतीय संसद द्वारा वर्ष 2000 में पारित किया गया।
      • इस अधिनियम के 13 अध्यायों में कुल 94 अनुच्छेद हैं।
      • इस अधिनियम में डेटा सुरक्षा और संरक्षण संबंधी प्रावधान हैं।
      • इस अधिनियम द्वारा ई-वाणिज्य, दस्तावेज़ों के इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड और डिजिटल हस्ताक्षर को मान्यता प्रदान की गई।
      • इस अधिनियम के तहत सूचना और संचार से संबंधित अपराधों को शामिल किया गया।
      • किसी भी व्यक्ति, चाहे वह किसी भी राष्ट्र का हो, द्वारा भारत के बाहर किये गए किसी भी साइबर अपराध पर यह अधिनियम लागू होता है।
      • इस अधिनियम के तहत कंप्यूटर हैकिंग, कंप्यूटर में उपलब्ध रिकार्ड्स से छेड़छाड़, आक्रामक संदेश भेजना, संचार यंत्रों की चोरी और दुरुपयोग, अश्लील सामग्री का प्रकाशन या प्रसार, जानकारी को अवरुद्ध करना, कानूनी अनुबंध की जानकारी का खुलासा करना आदि दंडात्मक अपराधों की श्रेणी में आते हैं।
  • वर्ष 2013 में भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा नीति 2013 अपनाई गई।
  • वर्ष 2018 में भारत सरकार ने बी.एन. श्रीकृष्णा समिति की अनुशंसा के आधार पर पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन (ड्राफ्ट) बिल पेश किया।

स्रोत- इंडियन एक्सप्रेस

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