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भारतीय अर्थव्यवस्था

GI प्रमाणित घोलवाड़ सपोटा (चीकू) का निर्यात: महाराष्ट्र

  • 26 May 2021
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

दहानु घोलवाड़ सपोटा (चीकू) की एक खेप महाराष्ट्र के पालघर ज़िले से यूनाइटेड किंगडम को निर्यात की गई है, इससे भारत के भौगोलिक संकेत (Geographical Indication- GI) प्रमाणित उत्पादों के निर्यात को प्रमुखता से बढ़ावा मिलेगा।

  • चीकू को कई राज्यों कर्नाटक, गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश में उगाया जाता है।
    • कर्नाटक को फलों का सबसे अधिक उत्पादक राज्य माना जाता है, इसके बाद महाराष्ट्र का स्थान आता है।

प्रमुख बिंदु

घोलवाड़ सपोटा के बारे में:

Gholvad-Sapota

  • यह फल अपने मीठे और बेहतरीन स्वाद के लिये जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि पालघर ज़िले (महाराष्ट्र) के घोलवाड़ गाँव की कैल्शियम समृद्ध मिट्टी से इसमें अद्वितीय स्वाद उत्पन्न होता है।

महाराष्ट्र के अन्य GI प्रमाणित उत्पाद:

  • अल्फांसो आम, पुनेरी पगड़ी, नासिक वैली वाइन, महाबलेश्वर स्ट्रॉबेरी, वारली पेंटिंग

भौगोलिक संकेत (GI) प्रमाणन:

  • GI एक संकेतक है इसका उपयोग ऐसे उत्पादों के लिये किया जाता है, जिनका एक विशिष्ट भौगोलिक मूल क्षेत्र होता है।  
    • इसका उपयोग कृषि, प्राकृतिक और निर्मित वस्तुओं के लिये किया जाता है।
  • भारत में वस्तु के भौगोलिक संकेत (पंजीकरण और संरक्षण) अधिनियम [Geographical Indications of Goods (Registration and Protection) Act], 1999 वस्तुओं से संबंधित भौगोलिक संकेतों के पंजीकरण तथा बेहतर सुरक्षा प्रदान करने का प्रयास करता है।
    • अधिनियम का संचालन महानियंत्रक पेटेंट, डिज़ाइन और ट्रेडमार्क द्वारा किया जाता है जो भौगोलिक संकेतकों का पंजीयक (Registrar) है।
    • भौगोलिक संकेत रजिस्ट्री का मुख्यालय चेन्नई (तमिलनाडु) में स्थित है।
  • भौगोलिक संकेत का पंजीकरण 10 वर्षों की अवधि के लिये वैध होता है। समय-समय पर इसे 10-10 वर्षों की अतिरिक्त अवधि के लिये नवीनीकृत किया जा सकता है।
  • यह विश्व व्यापार संगठन के बौद्धिक संपदा अधिकारों के व्यापार-संबंधी पहलुओं (Trade-Related Aspects of Intellectual Property Rights- TRIPS) का भी एक हिस्सा है।
  • हाल के उदाहरण: झारखंड की सोहराई खोवर पेंटिंग, तेलंगाना का तेलिया रुमाल, तिरूर वेटिला (केरल), डिंडीगुल लॉक और कंडांगी साड़ी (तमिलनाडु), ओडिशा का रसगुल्ला आदि।
  • कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA - वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय) का ध्यान GI उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने पर है।
    • बिहार से शाही लीची यूनाइटेड किंगडम में निर्यात की गई है।
      • चीन के बाद भारत विश्व में लीची का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है।
    • इससे पहले आंध्र प्रदेश के कृष्णा और चित्तौड़ ज़िलों के किसानों द्वारा उत्पादित GI प्रमाणित बंगनपल्ली और सुवर्णरेखा आम (Banganapalli & Survarnarekha Mangoes) की खेप दक्षिण कोरिया को निर्यात की जाती थी।

स्रोत: पीआईबी

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