लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



डेली न्यूज़

अंतर्राष्ट्रीय संबंध

यूरोपीय संघ और भारत ने स्थापित किया निवेश सुविधा तंत्र

  • 14 Jul 2017
  • 5 min read

चर्चा में क्यों ?
विदित हो कि यूरोपीय संघ (ईयू) और भारत ने एक निवेश सुविधा तंत्र (Investment Facilitation Mechanism-IFM) स्थापित करने का निर्णय लिया है। इस तंत्र से यूरोपीय संघ और भारत सरकार के बीच करीबी तालमेल स्‍थापित हो सकेगा। इस आईएफएम का उद्देश्‍य भारत में यूरोपीय संघ के निवेश को बढ़ावा देना और उसे सुगम बनाना है।

महत्त्वपूर्ण बिंदु

  • यह समझौता मार्च 2016 में ब्रसेल्‍स में यूरोपीय संघ-भारत के 13वें शिखर सम्‍मेलन में जारी संयुक्‍त बयान के दौरान तैयार किया गया था, जिसमें यूरोपीय संघ ने इस प्रकार का एक तंत्र तैयार करने के भारत के फैसले का स्‍वागत किया था। दोनों देशों ने संरक्षणवाद का विरोध करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाई थी। साथ ही एक निष्‍पक्ष, पारदर्शी और शासन आधारित व्‍यापार और निवेश माहौल बनाने की वकालत की थी।
  • आईएफएम के अंतर्गत भारत में ईयू के प्रतिनिधिमंडल तथा वाणिज्‍य और उद्योग मंत्रालय के औद्योगिक नीति और संवर्द्धन विभाग ने भारत में ईयू के निवेशों का आकलन करने और ‘‘व्‍यापार में सुगमता’’ के लिये नियमित उच्‍चस्‍तरीय बैठकें आयोजित की जाएंगी।
  • इसमें यूरोपीय संघ की कंपनियों और निवेशकों को भारत में निवेश करने के दौरान सामने आने वाली प्रक्रिया संबंधी परेशानियों का समाधान निकाला जाएगा।

क्या करेगा आईएफएम ?

  • आईएफएम कंपनियों और निवेशकों के भारत में प्रचालन के दौरान सामने आने वाली समस्‍याओं को पहचानने और उन्‍हें हल करने का मार्ग प्रशस्‍त करेगा।
  • यह यूरोपीय संघ की कंपनियों और निवेशकों की दृष्टि से सामान्‍य सुझाव पर विचार-विमर्श करने के लिये एक मंच का काम करेगा।
  • इससे यूरोपीय संघ के निवेशकों को भारत में उपलब्‍ध निवेश के अवसरों का उपयोग करने में प्रोत्‍साहन मिलेगा। सरकारी निवेश संवर्द्धन और सुविधा एजेंसी, ‘इनवेस्‍ट इंडिया’ भी इस तंत्र का हिस्‍सा होगी।
  • यह यूरोपीय संघ की कंपनियों के लिये एक प्रविष्टि स्‍थल तैयार करेगा, जिसे केन्‍द्रीय अथवा राज्‍य स्‍तर पर निवेश संबंधी सहायता की ज़रूरत होगी।

क्या होगा प्रभाव ?

  • विदित हो कि वस्‍तुओं और सेवाओं में पहला व्‍यापार भागीदार होने के साथ यूरोपीय संघ भारत में सबसे बड़े विदेशी निवेशकों में से एक है। इस समय भारत में यूरोपीय संघ की छह हजार से ज्‍यादा कंपनियां है जो 60 लाख लोगों को प्रत्‍यक्ष और अप्रत्‍यक्ष रूप से रोजगार प्रदान कर रही हैं।
  • वास्तव में निवेश सुविधा तंत्र की स्‍थापना यूरोपीय संघ और भारत के बीच व्‍यापार और निवेश संबंधों को मज़बूत बनाने की दिशा में एक सही कदम है। यूरोपीय संघ ने भारत में उल्लेखनीय विदेशी निवेश किया है और इस पहल से यूरोपीय संघ के निवेशकों के लिये अधिक मज़बूत, प्रभावी और पूर्वानुमेय व्‍यापार माहौल बनाने में मदद मिलेगी।
  • ‘व्‍यापार में सुगमता’ सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ अभियान की मूल प्राथमिकता है और भारत में यूरोपीय संघ के निवेश को सुगम बनाने के लिये आईएफएम की स्‍थापना इस उद्देश्‍य को हासिल करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है।
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2