लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



डेली न्यूज़

भूगोल

वैनेडियम के घरेलू निक्षेप

  • 12 Jan 2021
  • 5 min read

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ( Geological Survey of India- GSI) द्वारा किये गए अन्वेषण में अरुणाचल प्रदेश में वैनेडियम (Vanadium) के भंडार प्राप्त हुए हैं।

  • GSI खान मंत्रालय से संबद्ध कार्यालय है।

प्रमुख बिंदु: 

 वैनेडियम के बारे में:

  •  वैनेडियम एक रासायनिक तत्त्व है जिसका  प्रतीक (V) है।
  • यह एक दुर्लभ तत्त्व (Scarce Element) है जिसकी एक उचित संरचना होती है जो अपनी प्रकृति में कठोर, सिल्की ग्रे, मुलायम और लचीली संक्रमण धातु (Transition Metal) है। 
    • आवर्त सारणी (Periodic Table) में 3-12 समूहों में शामिल सभी तत्त्वों को संक्रमण धातुओं की श्रेणी में रखा जाता  है। ये उष्मा के साथ-साथ विद्युत के प्रति भी एक अच्छा सुचालक होते हैं।
  • वैनेडियम के अयस्क:
    • पेट्रोनाइट (Patronite), वैनडायनाइट (Vanadinite), रोज़कोलाइट  (Roscoelite) और कारनोटाइट (Carnotite)।
  • उपयोग:
    • वेनेडियम का उपयोग मुख्य रूप से लौह और इस्पात उद्योग में एक मिश्र धातु तत्त्व (Alloying Element) के रूप में तथा  एयरोस्पेस उद्योग में प्रयोग होने वाली टाइटेनियम और एल्युमीनियम मिश्र धातुओं को स्थिरता प्रदान करने हेतु किया जाता है।
    • वैनेडियम के आधुनिक अनुप्रयोगों में बिजली संयंत्रों में प्रयोग होने वाली वैनेडियम सेकेंडरी बैटरी (Vanadium Secondary Batteries) तथा  इसके वाणिज्यिक अनुप्रयोगों में रिचार्जेबल वैनेडियम रेडॉक्स बैटरी (Rechargeable Vanadium Redox Battery- VRB) शामिल हैं।
    • वैनेडियम में न्यूट्रॉन-अवशोषित गुणों (Neutron-Absorbing Properties) के विद्यमान होने के कारण वैनेडियम मिश्र धातुओं का उपयोग परमाणु रिएक्टरों (Nuclear Reactors) में किया जाता है।

अरुणाचल प्रदेश में वैनेडियम का भंडार :

  • अरुणाचल प्रदेश में पापुम पारे ज़िले (Papum Pare District) के डेपो और तमांग क्षेत्रों (Depo and Tamang Areas) में पैलेओ-प्रोटरोज़ोइक युग की कार्बोनिअस फाइलाइट चट्टानों (Carbonaceous Phyllite Rocks) में वैनेडियम के भंडार प्राप्त हुए हैं।
    • फाइलाइट (Phyllite) एक महीन दानेदार रूपांतरित चट्टान (Metamorphic Rock) है, जिसका निर्माण मैलास्टोन या शैल्स जैसे बारीक दानेदार, मूल अवसादी चट्टानों (Parent Sedimentary Rocks) के  क्रिस्टलाइज़ेशन (Recrystallization) से होता है।
    • अवसादी चट्टानें औसतन अधिक महत्त्वपूर्ण कार्बनिक पदार्थों से समृद्ध होती है जिन्हें कार्बोनेसस अवसादी चट्टान (Carbonaceous Sedimentary Rocks) कहा जाता है।
  • अरुणाचल प्रदेश के अन्य ज़िलों में भी वैनेडियम के भंडार प्राप्त होने की संभावना है।
  • भारत में वैनेडियम के प्राथमिक निक्षेप पर यह पहली रिपोर्ट है।

वर्तमान परिदृश्य:

  • भारत वैनेडियम का एक महत्त्वपूर्ण उपभोक्ता देश है परंतु इस रणनीतिक धातु का प्राथमिक उत्पादक देश नहीं है।
    • GSI द्वारा उपलब्ध कराए गए आंँकड़ों के अनुसार, भारत द्वारा वर्ष 2017 में वैनेडियम के कुल वैश्विक उत्पादन का 4% उपभोग किया गया।
  • इसे प्रसंस्कृत वैनेडिफेरस मैग्नेटाइट (लौह) अयस्कों के धातुमल/स्लैग से उपोत्पाद (By-product) के रूप में पुनर्प्राप्त किया जाता है।
    • स्लैग कच्चे अयस्क से एक वांछित धातु (स्मेल्टेड) को अलग करने के बाद प्राप्त होने वाला काँच जैसा उत्पाद है।

वैश्विक भंडार:

  • वैनेडियम का सबसे बड़ा भंडार चीन में है, इसके बाद क्रमशः रूस और दक्षिण अफ्रीका का स्थान है।

स्रोत: द हिंदू

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2