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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

पाकिस्तान का गैर-नाटो सहयोगी दर्ज़ा रद्द करने की मांग।

  • 26 Jun 2017
  • 3 min read

संदर्भ
अमेरिका में प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी के रूप में पाकिस्तान की स्थिति को रद्द करने की मांग करने वाले एक विधेयक को दो शीर्ष सांसदों द्वारा अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में पेश किया गया है। 

प्रमुख बिंदु 

  • यह विधेयक रिपब्लिकन कांग्रेसी टेड पो और डेमोक्रेटिक विधि निर्माता रिक नोलन द्वारा पेश किया है। इसमें कहा गया है कि पाकिस्तान आतंकवाद से लड़ने में असफल रहा है।
  • वर्ष 2004 में तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने अल-कायदा और तालिबान से लड़ने में अमेरिका की मदद करने के लिये पाकिस्तान को प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी दर्ज़ा दिया था। 
  • रिपब्लिकन कांग्रेस सदस्य टेड पो विदेश मामलों की समिति के सदस्य हैं, और आतंकवाद, अप्रसार और व्यापार पर उपसमिति के अध्यक्ष के रूप में कार्य कर रहे हैं।
  • पो का कहना है कि पाकिस्तान ने कई वर्षों तक संयुक्त राज्य अमेरिका के सहयोगी बेनेडिक्ट आरनॉल्ड की तरह काम किया है। तालिबान का समर्थन करने से लेकर ओसामा-बिन-लादेन को आश्रय देने तक, आतंकवाद के मामले में पाकिस्तान ने किसी भी तरह से अमेरिका का सहयोग नहीं किया है।
  • ध्यातव्य हो कि 'बेनेडिक्ट आरनॉल्ड' अमेरिका में राजद्रोह या विश्वासघात के लिये  चर्चित एक उपनाम है। बेनेडिक्ट आरनॉल्ड अमेरिकी क्रांतिकारी युद्ध के दौरान सेना के जनरल थे, जो मूल रूप से ब्रिटिश सेना के लिये रवाना हुए थे, परन्तु अमेरिकन कॉन्टिनेंटल आर्मी के लिये लड़े थे।
  • प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी का दर्ज़ा प्राप्त कोई देश रक्षा सामग्री, हथियार बिक्री प्रक्रिया और अमेरिकी ऋण गारंटी कार्यक्रम की प्राथमिकता वितरण के लिये पात्र होता है। इसके अलावा वह अमेरिकी सैन्य हार्डवेयर का भंडार कर सकता है, रक्षा अनुसंधान और विकास कार्यक्रमों में भाग ले सकता है और उस देश को अधिक परिष्कृत हथियार भी बेचा जा सकता है।

निष्कर्ष
पिछले 15 वर्षों में अमेरिका ने पाकिस्तान को आतंकवाद से लड़ने और उसे सुरक्षित बनाने के लिये अरबों डॉलर भेजे हैं, परन्तु पाकिस्तान ने अमेरिकी उम्मीदों के मुताबिक ऐसा कुछ भी नहीं किया है। अतः इस तथ्य पर जागृत होने का समय आ गया है कि पाकिस्तान जिन आतंकवादी संगठनों से लड़ने का झूठा दावा करता है, दरअसल वह उन्हीं  आतंकवादी संगठनों से संबंध भी रखता है।

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