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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

भीम-आधार योजना आर्थिक रूप से एक असाधारण शक्ति सिद्ध होगी

  • 15 Apr 2017
  • 6 min read

संदर्भ
गौरतलब है कि भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम द्वारा 14 अप्रैल, 2017 को व्यापारियों हेतु आधार आधारित भीम एप का शुभारंभ किया गया| इस एप का उद्घाटन डॉ. भीमराव अंबेडकर की 126वीं जयंती के आयोजन के अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया| 

महत्त्वपूर्ण बिंदु

  • वित्तीय समावेशन के माध्यम से सभी का सामाजिक सशक्तिकरण करने के बाबा साहब के सपने को सुदृढ़ करने हेतु आरंभ की गई इस पहल के अंतर्गत प्रत्येक भारतीय नागरिक अपने बॉयोमीट्रिक डेटा का उपयोग करके डिजिटल रूप से भुगतान कर सकेगा|
  • अपने बॉयोमीट्रिक डेटा का उपयोग करके डिजिटल रूप से भुगतान करने के लिये ग्राहक को व्यापारियों के किसी भी बायोमीट्रिक सक्षम उपकरण पर अपने अंगूठे का निशान देना होगा| 
  • यह उपकरण बायोमीट्रिक रीडर से संबद्ध एक स्मार्टफोन, टैबलेट इत्यादि कुछ भी हो सकता है| 
  • ध्यातव्य है कि अभी तक देश के 27 प्रमुख बैंक, तकरीबन 3 लाख व्यापारियों के साथ इस योजना का हिस्सा बन चुके हैं| 

कैशबैक एवं रेफरल बोनस योजना

  • इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आगामी छह महीनों में 495 करोड़ रुपए की परिव्यय राशि के साथ भीम योजना के लिये ‘कैशबैक’ और ‘रेफरल बोनस’ नामक दो योजनाओं की शुरुआत करने की भी योजना है|
  • ‘रेफरल बोनस योजना’ के अंतर्गत भीम का उपयोग करने वाला मौजूदा व्यक्ति तथा जिस नये उपयोगकर्ता को वह भीम एप इस्तेमाल करने का सुझाव देगा, दोनों को कैश बोनस मिलेगा जो सीधे उनके खातों में जमा हो जाएगा|
  • वहीं ‘कैशबैक योजना’ के तहत जो व्यापारी भीम का उपयोग करते हुए लेनदेन करेंगे, उन्हें हर लेनदेन पर कुछ कैशबैक राशि प्रदान की जायेगी|
  • ये दोनों ही योजनाएँ इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा प्रशासित और भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम द्वारा लागू की जाएंगी|

डिजिटल भुगतान हेतु अपनाये गए तरीकों का परिणाम

  • उल्लेखनीय है कि डिजिटल भुगतान के तरीकों के उपयोग में बढ़ोतरी करने हेतु नीति आयोग के नेतृत्व में देश के 100 शहरों में आयोजित किये गए डिजिधन मेलों का उल्लेखनीय प्रभाव पड़ा है|
  • ध्यातव्य है कि अभी तक देश के 27 राज्यों और 7 केंद्र शासित प्रदेशों के तकरीबन 100 ग्रामीण और शहरी नगरों में कम से कम 15,000 संस्थान कैशलेस हो चुके हैं| 
  • इतना ही नहीं दिसंबर 2016 में लॉन्च होने के मात्र चार महीनों में ही भीम एप ने 1.9 करोड़ डाउनलोड दर्ज करके पहले ही एक नया विश्व रिकार्ड बना दिया है|
  • इससे भी महत्त्वपूर्ण बात यह है कि भारत में कई अन्य डिजिटल भुगतान हेतु अनुकूल तरीकों के माध्यम से होने वाले लेनदेनों की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि देखी गई है|
  • नवंबर 2016 तक सभी डिजिटल लेनदेनों की संख्या मात्र 2,80,000 थी, जिनका मूल्य 101 करोड़ रुपये के बराबर था| लेकिन इस साल मार्च महीने तक (सिर्फ चार महीनों में) विभिन्न डिजिटल भुगतान विधियों का उपयोग करके हुए भुगतानों की मात्रा 23 गुना बढ़कर 63,80,000 डिजिटल लेनदेन हो गई है, जिनका मूल्य तकरीबन 2425 करोड़ रुपए आँका गया है|
  • इसके अतिरिक्त आधार से होने वाले भुगतान की मात्रा नवंबर 2016 में मात्र 2.5 करोड़ रुपए थी, जो मार्च 2017 में बढ़कर 5 करोड़ रुपए हो गई हैं| साथ ही इसी अवधि में तत्काल भुगतान सेवा (आई.एम.पी.एस.) लेनदेन भी 3.6 करोड़ रुपए से बढ़कर 6.7 करोड़ रुपए के स्तर पर पहुँच गया हैं।
  • यही कारण है कि मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान 2500 करोड़ रुपए के डिजिटल लेनदेन के लक्ष्य को हासिल करने के लिये प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने भारत में लगभग 75 टाउनशिप को 'लेस-कैश टाउनशिप' यानी 'कम नकदी उपयोग वाले नगर' घोषित करने की योजना बनाई है|

लेस-कैश टाउनशिप

  • लेस-कैश टाउनशिप यानि जहाँ भुगतान स्वीकृति का बुनियादी ढाँचा पूरी तरह से तैयार हो चुका हो और नगर के सभी परिवारों को प्रशिक्षण कार्यक्रमों में शामिल किया जा चुका हो|
  • इस योजना के लॉन्च में चुनी गई टाउनशिप को प्राइस वॉटरहाउस कूपर्स (पी.डब्ल्यू.सी.) के द्वारा स्वतंत्र तृतीय पक्ष मूल्यांकन के अधीन किया गया है|
  • इस सूची में केवल उन टाउनशिप को शामिल किया गया है जिनमें समीक्षा अवधि के दौरान कुल लेन-देन के 80% से अधिक भुगतान डिजिटल माध्यमों से किये गए| ये टाउनशिप प्रतिदिन 1.5 लाख रुपए से अधिक डिजिटल लेनदेन उत्पन्न कर सकते हैं और इसके एक साल में लगभग 5.5 करोड़ रुपए डिजिटल लेनदेन हो सकते हैं|
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