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डेली न्यूज़

शासन व्यवस्था

चीनी एप्स पर प्रतिबंध

  • 17 Feb 2022
  • 7 min read

प्रिलिम्स के लिये:

भारत और उसके पड़ोसी देशों की अवस्थिति।

मेन्स के लिये:

चीनी एप्स पर प्रतिबंध लगाने का आर्थिक प्रभाव, सरकारी नीतियाँ और हस्तक्षेप, भारत-चीन संबंध।

चर्चा में क्यों?

हाल ही में गृह मंत्रालय ने 54 चीनी मोबाइल एप्लीकेशन पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की है, जिसमें लोकप्रिय गेम ‘गरेना फ्री फायर’ भी शामिल है, जो गोपनीयता और राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित चिंताओं को उत्पन्न करता है।

  • वर्ष 2020 में सरकार ने टिकटॉक और चीन के अन्य लोकप्रिय लघु वीडियो एप पर भी प्रतिबंध लगा दिया।
  • भारत में ऐसे एप्स पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय न केवल एक भू-राजनीतिक कदम है, बल्कि एक रणनीतिक व्यापार पैंतरेबाज़ी भी है जिसका महत्त्वपूर्ण आर्थिक प्रभाव हो सकता है।
  • इससे पहले यह देखा गया था कि वर्ष 2021 में चीन के साथ भारत का व्यापार 125 बिलियन अमेरिकी डॉलर को पार कर गया था, जिसमें चीन से 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर का रिकॉर्ड आयात किया गया, जो भारत में चीनी सामानों, विशेष रूप से मशीनरी की एक शृंखला की निरंतर मांग को रेखांकित करता था।

China

निर्णय के लाभ:

  • राष्ट्र के तकनीकी बाज़ार में सहायता:
    • इन चीनी वेबसाइटों और अनुप्रयोगों को भारतीय जनता के लिये प्रतिबंधित करने से हमारी घरेलू आईटी प्रतिभा को अवसर प्रदान करने तथा इंटरनेट उपयोगकर्त्ता पर ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है।
      • हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर दोनों में सिलिकॉन वैली (US) तथा चीन की बड़ी टेक फर्म भारतीय उपभोक्ताओं को लेकर असमंजस्य में हैं, लेकिन भारत का ध्यान अपने देश के तकनीकी बाज़ार की बजाय आईटी सेवाओं के निर्यात पर ज़्यादा रहता है।
  • पैसिव डिप्लोमेसी पर अब कोई भरोसा नहीं: इन एप्स पर प्रतिबंध लगाने से भारत की ओर से भी एक स्पष्ट संदेश जाता है कि यह अब चीन की निबल एंड नेगोशिएट पॉलिसी का शिकार नहीं होगा।
    • लद्दाख में गतिरोध जारी है।
    • चीन की महत्त्वाकांक्षा को चोट पहुँचाना: यह प्रतिबंध चीन के सबसे महत्त्वाकांक्षी लक्ष्यों में से एक अर्थात् 21वीं सदी की डिजिटल महाशक्ति बनना, को प्रभावित कर सकता है।
    • दुनिया के बाकी हिस्सों में नियंत्रण स्थापित करने के अपने प्रयास में चीनी इंटरनेट उद्योग को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एल्गोरिदम के लिये एक प्रशिक्षण को जारी रखने हेतु भारत के 500 मिलियन से अधिक नेटिज़न्स (Netizens) की आवश्यकता है।
  • डेटा के महत्त्व को पहचानना: भारत द्वारा एप्स पर प्रतिबंध और दूरसंचार हार्डवेयर एवं मोबाइल हैंडसेट से संबंधित प्रतिबंधों पर विचार करना डेटा संग्रह एवं डिजिटल तकनीक के लिये मददगार साबित हो सकता है।

निर्णय के विपक्ष में तर्क: 

  • डेटा गोपनीयता चीनी एप्स तक सीमित नहीं: हाल के दिनों में अनधिकृत तरीके से उपयोगकर्त्ताओं के डेटा की चोरी करने और भारत से बाहर के सर्वरों तक पहुंँचाने की रिपोर्ट के बाद एप्स पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।
    • हालाँकि डेटा की गोपनीयता और सुरक्षा चिंता केवल चीनी एप्स तक ही सीमित नहीं हैं।
  • चीन पर भारत की आर्थिक निर्भरता: चीनी मोबाइल एप्स पर प्रतिबंध अपेक्षाकृत छोटा लक्ष्य है क्योंकि भारत कई महत्त्वपूर्ण और रणनीतिक रूप से संवेदनशील क्षेत्रों में चीन के उत्पादों पर निर्भर है।
  • प्रतिस्थापन का अभाव: 118 से अधिक चीनी एप्स को प्रतिबंधित करने के बाद भारतीय तकनीकियों के माध्यम से अन्य वेबसाइटों और एप्लीकेशन द्वारा इस कमी को दूर करने का कार्य शुरू कर दिया गया है। लेकिन यह चीनी  वेबसाइटों और एप्लीकेशन के उपयोग को रोकने में सक्षम नहीं है।

आगे की राह 

  • प्राथमिक स्तर की भारतीय आईटी फर्मों को दूसरों को अपनी सेवा उपलब्ध कराने के बजाए देश में ही सेवाओं को प्रदान करना चाहिये।
  • चीनी तकनीक की अनुपस्थिति में भारतीय उद्यमियों को मौजूदा फर्मों द्वारा अब तक प्रदान की जाने वाली वस्तुओं और सेवाओं को परिवर्तित रूप में नहीं देखना चाहिये बल्कि उन्हें उच्च गुणवत्ता वाली उन सेवाओं एवं उत्पाद प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिये जिनका देश भर में भारतीयों द्वारा रोज़मर्रा उपयोग किया जाएगा। 
    • नेटिज़न्स को विभिन्न बाज़ारों में उपलब्ध समान सेवाएँ प्रदान करने का उद्देश्य काफी व्यापक है, वहीं हमारे देश में भाषायी क्षेत्रीय बाधाएँ भी मौजूद हैं।
    • यह एक विशिष्ट प्रकार के छोटे बाज़ारों के विकास का अवसर प्रदान करता है, जहाँ स्थानीय समुदाय द्वारा स्थानीय लोगों के लिये उपलध कराई गईं विशिष्ट इंटरनेट सेवाएँ मौजूद होंगी।
  • नए डिजिटल उत्पादों के लिये मूलतः अति-क्षेत्रीय आवश्यकताओं और प्राथमिकताओं पर ध्यान केंद्रित कर लगातार बढ़ते बाज़ार में उभरने की योजना बनानी चाहिये।
    • उदाहरण के लिये ऐसे एप विकसित किये जा सकते हैं, जो विशिष्ट बाज़ार मूल्य, स्थानीय ट्रेन और बस मार्ग से संबंधित सूचना प्रदान करते हों या फिर गैर-पारंपरिक बैंकिंग एवं उधार, शिक्षा, स्वास्थ्य, ऑनलाइन बिक्री, वर्गीकृत विज्ञापन आदि की अनुमति देते हों।

स्रोत: द हिंदू

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