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स्टेट पी.सी.एस.

  • 22 Aug 2022
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बिहार Switch to English

मिथिला के मखाने को मिला जीआई टैग

चर्चा में क्यों?

20 अगस्त, 2022 को केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि केंद्र सरकार ने दुनिया भर में मशहूर बिहार के मिथिला के मखाना को जीआई (जियोग्रॉफिकल इंडिकेशन) टैग प्रदान किया है।

प्रमुख बिंदु 

  • मिथिला के मखाना सहित अब तक राज्य के 5 कृषि उत्पादों को जीआई टैग मिल चुका है। इससे पहले, वर्ष 2016 में भागलपुर के जर्दालू आम और कतरनी धान, नवादा के मगही पान तथा मुज़फ्फरपुर की शाही लीची को जीआई टैग प्रदान किया गया है।
  • उल्लेखनीय है कि मिथिला के मखाने दुनिया भर में मशहूर हैं। इन मखानों का स्वाद और इन्हें प्राकृतिक रूप से उगाए जाने की प्रक्रिया इन्हें खास बनाती है। देश के अलग-अलग क्षेत्रों में मिलने वाले 90% से ज़्यादा मखाने मिथिला से ही आते हैं।
  • जीआई टैग मिलने से अब मिथिला क्षेत्र के लगभग पाँच लाख किसानों और मखाना उत्पादकों को उनके उत्पाद का और बेहतर दाम मिल पाएगा।
  • गौरतलब है कि जीआई टैग मुख्यरूप से एक प्राकृतिक या निर्मित उत्पाद (हस्तशिल्प और औद्योगिक सामान), जो एक निश्चित भौगोलिक क्षेत्र से उत्पन्न होता है, को दिया जाता है। आमतौर पर ऐसा नाम गुणवत्ता और विशिष्टता का आश्वासन देता है, जो इसके मूल स्थान के कारण होता है।
  • जीआई पंजीकरण के लाभों में उस वस्तु की कानूनी सुरक्षा, दूसरों द्वारा अनधिकृत उपयोग के खिलाफ रोकथाम और निर्यात को बढ़ावा देना शामिल हैं।
  • विदित है कि मखाना मूलरूप से पानी में उगाई जाने वाली फसल है। इसमें 9.7 ग्राम प्रोटीन और 14.4 ग्राम फाइबर होता है। साथ ही यह कैल्शियम का भी अच्छा स्रोत है। इसका इस्तेमाल लोग मिठाई, नमकीन और खीर बनाने में करते हैं। इसके अलावा दूध में भिगोकर इसे छोटे बच्चों को खिलाया जाता है।

राजस्थान Switch to English

प्रदेश की पहली मोटर मार्केट का लोकार्पण

चर्चा में क्यों?

21 अगस्त, 2022 को राजस्थान के स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने प्रदेश की पहली सुव्यवस्थित मोटर मार्केट का कोटा में लोकार्पण कर मोटर व्यवसायियों को बड़ी सौगात प्रदान की।

प्रमुख बिंदु 

  • इस मोटर मार्केट से शहर में विभिन्न स्थानों में मोटर व्यवसाय करने वाले नागरिकों को सुविधाएँ मिलने के साथ शहर में जाम की समस्या से भी निजात मिलेगी।
  • स्वायत्त शासन मंत्री ने कहा कि यह प्रदेश की पहली सुव्यवस्थित मोटर मार्केट है, जिसमें मोटर व्यवसाय करने वाले नागरिकों को एक ही स्थान पर सभी सुविधाएँ मिलेंगी। यहाँ एक ही स्थान पर पुराने वाहन खरीदने वालों को भी अनेक विकल्प मिलेंगे।
  • उन्होंने कहा कि नगर विकास द्वारा यहाँ सभी सुविधाओं का निर्माण कराया गया है, मोटर व्यवसाय करने वाले व्यवसायियों से केवल दुकान निर्माण की लागत लेकर दुकान का मालिकाना हक प्रदान किया गया है।
  • स्वायत्त शासन मंत्री ने कहा कि शहर में पशुपालकों की सुविधा के लिये देवनारायण एकीकृत आवासीय योजना बनाई गई है, जिसमें पशुपालकों के लिये सभी सुविधाओं का समावेश किया गया है। इससे पशुपालकों को दैनिक जीवन में आने वाली परेशानियों से निजात मिली है, वहीं शहर में जगह-जगह अनाधिकृत पशुबाड़ों से भी निजात मिली है।
  • नगर विकास न्यास द्वारा तैयार की गई प्रदेश की पहली मोटर मार्केट को डीसीएम रोड पर शिवाजी पार्क के पास विकसित किया गया है। इसमें वर्तमान में 247 दुकान निर्मित हैं तथा 9 दुकानों का निर्माण और कराया जाएगा। इसमें व्यवसायियों के लिये चारों ओर सीसी रोड का निर्माण, आधुनिक शौचालय, रोड लाईट, सभी दुकानों का विद्युतीकरण कराया गया है। लगभग 15 बीघा क्षेत्र इसके लिये आरक्षित है।

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मुख्यमंत्री ने राजीव गांधी युवा मित्र संवाद एप तथा कोटा, बीकानेर एवं चूरू में इंक्यूबेशन सेंटर का लोकार्पण किया

चर्चा में क्यों?

20 अगस्त, 2022 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बिड़ला सभागार में आयोजित राजस्थान डिजिफेस्ट के समापन समारोह में कोटा, बीकानेर और चुरू में वर्ल्ड क्लास इंक्यूबेशन सेंटर का लोकार्पण किया।

प्रमुख बिंदु 

  • स्टार्टअप्स को बेहतर सुविधाएँ प्रदान करने के लिये जयपुर, उदयपुर और जोधपुर के बाद इन तीन ज़िलों में सेंटर स्थापित किये गए हैं। इन सेंटर में आईटी क्षेत्र के विशेषज्ञों का मार्गदर्शन भी मिलेगा।
  • इस अवसर पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पिछले तीन सालों के ई-गवर्नेंस पुरस्कार विजेताओं को पुरस्कृत भी किया। साथ ही स्कूल स्टार्टअप प्रोग्राम व रूरल आईस्टार्ट प्रोग्राम के अंतर्गत 74 विद्यार्थियों को 15 लाख रुपए की प्रोत्साहन राशि भी वितरित की।
  • उन्होंने आमजन के लिये उपयोगी साबित होने वाली तीन वेबसाइट्स ‘वेबमायवे’, ‘सोट्टो’ एवं ‘राजसंबल’और राजीव गांधी युवा मित्र संवाद एप का भी लोकार्पण किया।
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना काल के दौरान सूचना प्रौद्योगिकी के प्रयोग से ही राजस्थान पूरे देश में कोरोना प्रबंधन में अग्रणी रहा। इस दौरान लगभग 500 से अधिक वीडियो कॉन्फ्रेंस की गई, जिनमें ग्राम पंचायत स्तर तक के सदस्य जुड़े।
  • दवाइयाँ एवं चिकित्सा उपकरणों के प्रबंधन, लॉकडाउन के दौरान रोज़गार खोने वाले मज़दूर वर्ग, ठेले-रेहडी वालों के सर्वे में भी आईटी की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही। इस दौरान लगभग 35 लाख लोगों के खातों में आर्थिक सहयोग राशि डीबीटी के माध्यम से भेजी गई।
  • मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि राजीव गांधी स्कॉलरशिप फॉर एकेडमिक एक्सीलेंस के अंतर्गत 200 प्रतिभावान विद्यार्थियों को सरकारी खर्चे पर देश-विदेश के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों में उच्च शिक्षा के लिये भेजा जा रहा है।

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मुख्यमंत्री ने किया ‘राजीव गांधी सेंटर ऑफ एडवांस टेक्नोलॉजी’ का उद्घाटन

चर्चा में क्यों?

20 अगस्त, 2022 को पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी के जन्मदिवस के अवसर पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जयपुर में ‘राजीव गांधी सेंटर ऑफ एडवांस टेक्नोलॉजी’(आर-कैट) का उद्घाटन किया।

प्रमुख बिंदु 

  • इस अवसर पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि इससे प्रदेश के युवाओं को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्लाउड कंप्यूटिंग, साइबर सिक्योरिटी, रोबोटिक्स, मशीन लर्निंग, डाटा एनालिटिक्स जैसे क्षेत्रों में उन्नत व उभरती प्रौद्योगिकी सीखने का अवसर मिलेगा।
  • इन क्षेत्रों की बड़ी कंपनियों के विशेषज्ञों द्वारा युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा। विश्वस्तरीय आई.टी. फिनिशिंग स्कूल में युवाओं को एडवांस टेक्नोलॉजी की ट्रेनिंग मिलेगी। तकनीक स्नातकों को आईटी प्रौद्योगिकी में 6 महीने तक का प्रशिक्षण मिलेगा। इससे युवाओं को रोज़गार के उत्कृष्ट अवसर मिलेंगे और वे राज्य के विकास में अहम भूमिका निभा सकेंगे।
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान में आईटी सेक्टर को मज़बूत करने के लिये जोधपुर में 650 करोड़ रुपए की लागत से फिनटेक यूनिवर्सिटी का निर्माण शुरू होने जा रहा है। इसके अलावा संभागीय मुख्यालयों पर भी जल्द ही राजीव गांधी के नाम से आईटी शिक्षा के संस्थान स्थापित किये जाएंगे।
  • राज्य में सरकार एवं उद्योग जगत् की मांग के अनुसार गुणवत्तापूर्ण तकनीकी जनशक्ति उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये विश्वस्तरीय सर्टिफिकेशन प्रोग्राम को अपनाते हुए आईटी क्षेत्र की अग्रणी संस्थाओं के साथ सहभागिता के आधार पर प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम संचालित करने के लिये आर-कैट को 2022 में राजस्थान सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1958 के अंतर्गत सूचना प्रौद्योगिकी और संचार विभाग, राजस्थान सरकार के संरक्षण में स्थापित किया गया है।
  • अब इस संस्थान में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग (एआई-एमएल) ब्लॉकचेन, ऑगमेंटेड रियलिटी/वर्चुअल रियलिटी (एआर/पीआर) बिग डाटा एनालिटिक्स, रोबोटिक्स और टम कंप्यूटिंग आदि पर भागीदार संस्थानों द्वारा प्रशिक्षण दिया जाएगा और सफल अभ्यर्थियों को विश्वस्तरीय सर्टिफिकेट भी दिये जाएंगे।
  • आर-कैट युवाओं और कामकाजी पेशेवरों के विकास, तकनीकी और सॉफ्ट स्किल्स के लिये फिनिशिंग स्कूल के रूप में कार्य करेगा, ताकि उन्हें उद्योग आधारित मांग के अनुरूप तैयार किया जा सके एवं उद्योग अपडेट सहकार्य पहले से स्थापित प्रयोगशालाओं के उपयोग आदि के लिये स्टार्ट-अप का समर्थन किया जा सके।
  • यहाँ ओरेकल वीएमवेयर एसएएस रेडहैट सिस्कों एवं कैडओटाफिना  जैसे वैश्विक तकनीकी दिग्गजों के सहयोग से बीई, बीटेक, बीसीए, एमसीए एमबीए और एमएससी (आईटी) जैसे पेशेवर स्नातकों के लिये एक सप्ताह से छह महीने तक की अवधि के उन्नत और उभरती आईटी आधारित प्रमुख तकनीकी, जैसे- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग (एआई-एमएल) ब्लॉकचेन, ऑगमेंटेड रियलिटी और वर्चुअल रियलिटी (एजार / वीआर), बिग डाटा एनालिटिक्स रोबोटिक्स और क्वांटम कंप्यूटिंग आदि पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगें।

राजस्थान Switch to English

राजस्थान डिजिफेस्ट-2022

चर्चा में क्यों?

19-20 अगस्त, 2022 को तकनीक एवं उद्यमिता के क्षेत्र में युवाओं को बढ़ावा देने के लिये राज्य सरकार द्वारा राजस्थान डिजिफेस्ट-2022 का आयोजन किया गया। इस दोदिवसीय डिजिफेस्ट-2022 में युवाओं ने अपने स्टार्टअप के साथ बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।

प्रमुख बिंदु 

  • इस बहुआयामी आयोजन में युवा स्टार्टअप्स, निवेशक, कॉरपोरेट्स, और शिक्षाविद् एक मंच पर आए।
  • दोदिवसीय डिजिफेस्ट में राज्य भर से विभिन्न विश्वविद्यालयों और एटीएल का प्रतिनिधित्व करने वाले मान्यताप्राप्त 45 आईस्टार्ट स्टार्टअप ने अपने स्टार्टअप उत्पादों एवं सेवाओं का प्रदर्शन किया। इस सभी स्टार्टअप को उत्पादों एवं सेवाओं की सीधी खरीद के लिये सरकारी अधिकारियों के सामने उनकी बातचीत की सुविधा मिली।
  • स्टार्टअप बाज़ार में उत्पाद आधारित शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के 30 स्टार्टअप को अपने उत्पादों के प्रदर्शन एवं बिक्री का अवसर दिया जा रहा है।
  • डिजिफेस्ट में विभिन्न उद्योग, निकायों और स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र के समर्थकों को चर्चा आयोजित कर भाग लेने के लिये आमंत्रित किया गया, जिसमें स्टार्टअप और युवा पारिस्थितिकी तंत्र के विभिन्न हितधारक शामिल हुए।
  • इन सम्मेलनों में देश भर से आमंत्रित वक्ताओं ने न केवल सरकार को प्रत्यक्ष प्रतिक्रिया दी, बल्कि स्टार्टअप्स और पारिस्थितिकी तंत्र के अन्य प्रमुख हितधारकों के लिये संबंध भी बनाए।
  • डिजिफेस्ट में राजस्थान के 50 से अधिक विद्यालयों के 3000 से अधिक छात्र-छात्राओं ने बी-क्विज, एड-एमएडी प्रतियोगिता में भाग लिया। इस आयोजन का उद्देश्य राजस्थान के युवा छात्र-छात्राओं को पारिस्थितिकी तंत्र से अवगत कराना था।
  • इस अवसर पर संभाग एवं ज़िलास्तरीय 51 छात्र-छात्राओं को स्कूल स्टार्टअप प्रोग्राम के अंतर्गत स्कूल इनोवेशन चैलेंज और 23 विद्यार्थियों को रूरल आईस्टार्ट प्रोग्राम के अंतर्गत पुरस्कृत किया गया।
  • गौरतलब है कि राजस्थान स्टार्टअप पॉलिसी, 2015 के तहत मूल्यांकन समिति और राज्यस्तरीय कार्यान्वयन समिति द्वारा 67 स्टार्टअप्स को लगभग 441 करोड़ रुपए के फंडिंग मूल्य के साथ फंडिंग का मूल्यांकन और अनुमोदन किया जा चुका है। 

मध्य प्रदेश Switch to English

GIFLIF ड्राइव इन म्यूजिक फेस्टिवल को मिला WOW अवार्ड एशिया 2022

चर्चा में क्यों?

21 अगस्त, 2022 को मध्य प्रदेश पर्यटन के GIFLIF ड्राइव इन म्यूजिक फेस्टिवल को प्रतिष्ठित WOW अवार्ड एशिया 2022 के गोल्ड अवार्ड से सम्मानित किया गया।

प्रमुख बिंदु 

  • GIFLIF ड्राइव इन म्यूजिक फेस्टिवल को बेस्ट कोविड सेफ्टी इवेंट ऑफ द ईयर श्रेणी में यह अवार्ड दिया गया।
  • यह अवार्ड जियो वर्ल्ड कन्वेंशन सेंटर मुंबई में WOW अवार्ड एशिया 2022 के 13वें संस्करण समारोह में प्रदान किया गया है।
  • प्रमुख सचिव पर्यटन और संस्कृति एवं प्रबंध संचालक, मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड शिव शेखर शुक्ला ने कहा कि मध्य प्रदेश पर्यटन का यह नवाचार अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया है। यह अवार्ड हमें दर्शकों और पर्यटकों के लिये और अधिक नवाचार करने के लिये प्रेरित करेगा।
  • प्रमुख सचिव ने बताया कि कोविड-19 के समय में यह भारत का पहला ड्राइव-इन म्यूजिक फेस्टिवल था, जिसमें कोविड-19 के सभी मानदंडों और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया गया था।
  • एमपी टूरिज्म, मानसरोवर ग्लोबल यूनिवर्सिटी और व्हाइट वॉल्स मीडिया द्वारा इसका आयोजन किया जाता है। आउट ऑफ द बॉक्स थिंकिंग रखते हुए GIFLIF संस्था के सहयोग से यह फेस्टिवल आयोजित किया गया।
  • कॉमेडी और म्यूजिक फेस्ट, द ग्रेट इंडियन फिल्म एंड लिटरेचर फेस्टिवल (GIFLIF) 26 और 27 मार्च, 2022 को एमपीटी डीडीएक्स ड्राइव-इन-सिनेमा में हुआ था। देश के सुप्रसिद्ध कलाकार और म्यूजिक बैंड बॉम्बे बंदूक, बल्ली मारन, चार हज़ारी और अग्नि ने फेस्टिवल में अपनी प्रस्तुतियाँ दी थीं।
  • गौरतलब है कि WOW अवार्ड एक्सपेरिमेंटल मार्केटिंग, MICE, LIVE एंटरटेनमेंट और वेडिंग इंडस्ट्री में एशिया का सबसे बड़ा बिज़नेस और रिकॉग्निशन प्लेटफार्म है।

हरियाणा Switch to English

हालसा अध्यक्ष ने किया रेवाड़ी के एडीआर सेंटर का लोकार्पण

चर्चा में क्यों?

20 अगस्त, 2022 को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश और हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (हालसा) के कार्यकारी अध्यक्ष जस्टिस ऑगस्टाइन जॉर्ज मसीह ने ‘न्याय सबके लिये’ उद्देश्य की सार्थकता के साथ रेवाड़ी ज़िला मुख्यालय पर वैकल्पिक विवाद समाधान (एडीआर) केंद्र के नए भवन का विधिवत् लोकार्पण किया।

प्रमुख बिंदु 

  • इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में जस्टिस ऑगस्टाइन जॉर्ज मसीह व उच्च न्यायालय में सेशन डिविजन रेवाड़ी के प्रशासनिक जज जस्टिस मनोज बजाज ने हरियाणा राज्य विधिक सेवाएँ प्राधिकरण के विशेष अभियान ‘गरिमा के साथ वृद्धावस्था (एजिंग विद डिग्निटी)’ का शुभारंभ किया तथा बुजुर्गों के अधिकार पोस्टर का विमोचन किया।
  • हालसा के कार्यकारी अध्यक्ष ऑगस्टाइन जॉर्ज मसीह ने कहा कि इस केंद्र के माध्यम से जनमानस को अपने मामलों का निपटारा करने का एक सार्थक विकल्प मिलेगा। हरियाणा में ज़िलास्तर पर यह चौदहवाँ वैकल्पिक विवाद समाधान केंद्र का भवन है। अलग वैकल्पिक विवाद समाधान केंद्र के मामले में हरियाणा देश का अग्रणी राज्य है।
  • उन्होंने ‘गरिमा के साथ वृद्धावस्था (एजिंग विद डिग्निटी)’ अभियान की प्रशंसा करते हुए कहा कि देश के भविष्य का निर्माण करने वाले वरिष्ठ नागरिकों के सम्मान में यह एक सराहनीय पहल है।
  • जस्टिस मनोज बजाज ने कहा कि एडीआर सेंटर के माध्यम से प्रदान की जाने वाली सेवाओं से परिवादियों को सुलभ, सस्ता व त्वरित न्याय मिलेगा, जिससे उनके धन व समय, दोनों की बचत होगी। पारिवारिक विवाद के कारण लोग लंबित लड़ाई कोर्ट में लड़ने के उपरांत समझौता करते हैं, एडीआर सेंटर ऐसे लोगों के लिये कारगर साबित होता है।
  • उन्होंने कहा कि विधिक सेवाओं के प्रचार-प्रसार के कारण अब लोक अदालतों व एडीआर सेंटर के प्रति लोगों का रुझान निरंतर बढ़ता जा रहा है, जिसके माध्यम से प्रति वर्ष प्रदेश के लाखों लंबित केसों का निपटान किया जा रहा है। समाज के गरीब वर्ग, महिलाओं और ज़रूरतमंदों को न्याय दिलवाने में भी विधिक सेवा काफी लाभदायक साबित रही है। 

झारखंड Switch to English

एसटी, एससी एवं पिछड़ा वर्ग के आरक्षण प्रतिशत के सुझाव हेतु उप-समिति के गठन की स्वीकृति

चर्चा में क्यों?

20 अगस्त, 2022 को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य में एसटी, एससी, अत्यंत पिछड़ा वर्ग (अनु.-1) तथा पिछड़ा वर्ग (अनु.-2) के आरक्षण के प्रतिशत पर विचार-विमर्श कर सुझाव देने के लिये उप-समिति गठित करने के प्रस्ताव पर अपनी स्वीकृति दी।

प्रमुख बिंदु 

  • झारखंड सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि वर्तमान सरकार राज्य में आरक्षण की सीमा बढ़ाने पर विचार कर रही है। इसके लिये एक उप-समिति का गठन किया जाएगा।
  • यह उच्चस्तरीय उप-समिति झारखंड में एसटी, एससी एवं पिछड़ा वर्ग के आरक्षण की सीमा को बढ़ाने के संबंध में हर बिंदु पर नज़र रखते हुए विचार-विमर्श कर अपना सुझाव राज्य सरकार को देगी।

छत्तीसगढ़ Switch to English

छत्तीसगढ़ को मिला अपना पहला स्किन बैंक

चर्चा में क्यों?

20 अगस्त, 2022 को भिलाई स्टील प्लांट (बीएसपी) के प्रभारी निदेशक अनिर्बान दासगुप्ता ने छत्तीसगढ़ के पहले ‘स्किन बैंक’का दुर्ग ज़िले के भिलाई में स्थित भिलाई स्टील प्लांट (बीएसपी) के मुख्य अस्पताल जवाहरलाल नेहरू अस्पताल और अनुसंधान केंद्र में उद्घाटन किया।

प्रमुख बिंदु 

  • इसके साथ ही जवाहरलाल नेहरू अस्पताल और अनुसंधान केंद्र राज्य में शव ऊतक प्रत्यारोपण के लिये पहला संस्थान होगा।
  • उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी और स्किन बैंक के चिकित्सा प्रमुख डॉ. अनिरुद्ध मेने ने बताया कि यह स्किन बैंक छत्तीसगढ़ में अपनी तरह का पहला है। यह मुंबई, दिल्ली, बेगलूरू और कोच्चि के बाद देश में पाँचवा स्किन बैंक है।
  • उन्होंने कहा कि केंद्र के पास सभी आवश्यक उपकरण हैं। भिलाई स्टील प्लांट (बीएसपी) के बर्न विभाग के छह कर्मचारियों को नेशनल बर्न सेंटर, मुंबई के स्किन बैंक में प्रशिक्षित किया गया था।
  • राज्य अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (SOTTO), छत्तीसगढ़ के चारसदस्यीय निरीक्षण दल की स्वीकृति के बाद इस केंद्र की शुरुआत की गई है। जारी किया गया पंजीकरण नंबर पाँच साल के लिये वैध होगा।
  • बर्न यूनिट के अतिरिक्त सीएमओ डॉ. उदय कुमार ने कहा कि स्किन ट्रांसप्लांट और प्लास्टिक सर्जरी के ज़रिये गंभीर रूप से झुलसे मरीज़ों के लिये स्किन बैंक वरदान साबित होगा।
  • डॉ. उदय कुमार ने बताया कि आमतौर पर रोगी के पैर या पीठ की त्वचा की ऊपरी परत को हटा दिया जाता है और फिर स्किन बैंक में 50 प्रतिशत ग्लिसरॉल एवं इनक्यूबेटर में संगृहीत किया जाता है। इस त्वचा को 4 डिग्री सेंटीग्रेड पर लगभग 5 साल तक स्टोर किया जा सकता है। साथ ही, दाता की मृत्यु के बाद भी सीमित समय के भीतर उसके शरीर से त्वचा काटी जा सकती है।

उत्तराखंड Switch to English

उत्तराखंड में गठित होगा उत्पादों के लिये जीआई बोर्ड

चर्चा में क्यों?

21 अगस्त, 2022 को उत्तराखंड जैविक विकास परिषद के प्रबंध निदेशक विनय कुमार ने बताया कि राज्य के स्थानीय उत्पादों की पहचान और मार्केटिंग को बढ़ावा देने के लिये जीआई (भौगोलिक संकेत) बोर्ड के गठन का खाका तैयार कर लिया गया है।

प्रमुख बिंदु 

  • विनय कुमार ने बताया कि आगामी कैबिनेट बोर्ड की बैठक में इसके गठन को हरी झंडी मिल सकती है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में जीआई बोर्ड गठित करने की घोषणा की थी। कृषि विभाग ने बोर्ड बनाने का प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेज भी दिया है।
  • प्रस्तावित बोर्ड में एक अध्यक्ष के अलावा कई वरिष्ठ अधिकारी सदस्य होंगे। बोर्ड का काम स्थानीय उत्पादों को चयनित कर जीआई पंजीकरण करने का रहेगा। जीआई टैग मिलने से नकली उत्पाद बाज़ार में बेचने से बचा जा सकेगा।
  • बोर्ड में एक या दो विशेष आमंत्रित सलाहकार व विशेषज्ञ भी सदस्य के रूप में शामिल होंगे। कृषि विभाग व उत्तराखंड जैविक उत्पाद परिषद के अधिकारी और कर्मचारी बोर्ड में काम करेंगे। इससे सरकार पर बोर्ड के गठन से कोई अतिरिक्त व्यय भार नहीं पड़ेगा।
  • राज्य सरकार का मानना है कि प्रदेश में 100 से अधिक उत्पाद ऐसे हैं, जिन्हें जीआई टैग दिया जा सकता है। इनमें अनाज, दालें, तिलहन, मसाले, फल, सब्जी, हस्तशिल्प एवं हथकरघा उत्पाद, परंपरागत वाद्ययंत्र अपनी विशिष्ट पहचान रखते हैं। जीआई टैग मिलने से इन उत्पादों को कानूनीतौर पर संरक्षण मिल जाएगा।
  • गौरतलब है कि अब तक प्रदेश के नौ उत्पादों को जीआई टैग प्राप्त हुआ है। इनमें तेजपात, बासमती चावल, ऐपण आर्ट, मुनस्यारी का सफेद राजमा, रिंगाल क्राफ्ट, थुलमा, भोटिया दन, च्यूरा ऑयल तथा टम्टा शामिल हैं।
  • इसके अलावा 14 अन्य उत्पादों के जीआई पंजीकरण की प्रक्रिया चल रही है। इनमें बेरीनाग चाय, मंडुवा, झंगोरा, गहत, लाल चावल, काला भट्ट, माल्टा, चौलाई, लखोरी मिर्च, पहाड़ी तुअर दाल, बुरांश जूस, सज़ावटी मोमबत्ती, कुमाऊँनी पिछोड़ा, कंडाली (बिच्छू बूटी) फाइबर शामिल हैं।
  • विदित है कि क्षेत्रविशेष के उत्पादों को भौगोलिक संकेत दिया जाता है, जिसका एक विशेष भौगोलिक महत्त्व व स्थान होता है। उसी भौगोलिक मूल के कारण उत्पादविशेष गुण व पहचान रखता है। जीआई टैग मिलने के बाद कोई अन्य उत्पाद की नकल नहीं कर सकता है।

उत्तराखंड Switch to English

उत्तराखंड के सात ज़िलों में खुलेंगे क्रिटिकल केयर सेंटर

चर्चा में क्यों?

21 अगस्त, 2022 को उत्तराखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि प्रदेश के सात जिलों में क्रिटिकल केयर सेंटर स्थापित किये जाएंगे। सभी सेंटरों की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट बनाई जा रही है। इन सेंटरों को स्थापित करने के लिये केंद्र सरकार की ओर से बजट दिया जाएगा।

प्रमुख बिंदु 

  • स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि प्रत्येक सेंटर के निर्माण पर 7 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। इसके लिये राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) से 166 करोड़ रुपए की राशि केंद्र सरकार की ओर से दी जाएगी।
  • उन्होंने बताया कि केंद्र ने एनएचएम के तहत चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिये उत्तराखंड को सात क्रिटिकल केयर सेंटर बनाने के लिये धनराशि मंज़ूर की है। इन सेंटरों को चंपावत, बागेश्वर, नैनीताल, चमोली, पौड़ी, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी ज़िलों में बनाया जाएगा।
  • ज़िला अस्पतालों के आसपास सेंटर के लिये 1550 वर्गमीटर जगह चयनित कर डीपीआर तैयार की जा रही है। कुमाऊँ मंडल में तीन ज़िलों में ब्रिडकुल और गढ़वाल मंडल के चार ज़िलों में सिंचाई विभाग के माध्यम से निर्माण कार्य किया जाएगा।
  • क्रिटिकल केयर सेंटर बनने के बाद प्रदेश के लोगों को आपात स्थिति में बेहतर इलाज की सुविधा मिलेगी। इनमें महामारी या किसी अन्य बीमारी से ग्रसित गंभीर मरीज़ों और सड़क दुर्घटनाओं में घायलों को एक ही जगह पर सभी चिकित्सा सुविधाएँ दी जाएंगी।
  • क्रिटिकल केयर सेंटर में सभी गंभीर बीमारियों के इलाज की सुविधाएँ मिलेंगी, जिनमें हृदय रोग, स्त्री रोग, बाल रोग, हड्डी रोग समेत अन्य तमाम बीमारियों के इलाज के लिये आधुनिक चिकित्सा उपकरण होंगे। इसके अलावा महामारी से निपटने और सड़क दुर्घटनाओं में घायलों को भी आपात स्थिति में एक ही जगह सभी इलाज की सुविधाएँ मिलेंगी। सेंटर में डायलिसिस, ऑक्सीजन, ईसीजी, अल्ट्रासाउंड समेत अन्य सभी प्रकार की जाँच की जाएंगी। 

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