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हरियाणा

रोगजनकों के लिये भोजन का परीक्षण करने हेतु लैब नेटवर्क

  • 20 Mar 2024
  • 4 min read

चर्चा में क्यों ?

भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण देश भर में 34 माइक्रोबायोलॉजी प्रयोगशालाओं का एक नेटवर्क बनाने की दिशा में कार्य कर रहा है जो एस्चेरिचिया कोलाई (E. Coli), सैल्मोनेला और लिस्टेरिया सहित 10 रोगजनकों के लिये खाद्य उत्पादों का परीक्षण करने हेतु सुसज्जित होगा।

मुख्य बिंदु:

  • ये प्रयोगशालाएँ भोजन में माइक्रोबियल संदूषण का परीक्षण करने में सहायता करेंगी जिससे भोजन खराब हो सकता है और इससे संभावित स्वास्थ्य जोखिम हो सकते हैं।
  • साप्ताहिक आधार पर कई बीमारियों की निगरानी करने वाले राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र के आँकड़ों के अनुसार, देश में दो सबसे अधिक फैलने वाली घटनाएँ तीव्र दस्त/डायरिया संबंधी बीमारी और खाद्य विषाक्तता थीं।
    • पिछले चार वर्षों में देश भर में तीव्र डायरिया रोग के 1,100 से अधिक मामले और खाद्य विषाक्तता के लगभग 550 मामले सामने आए हैं।
  • चूँकि रोगजनकों के परीक्षण के लिये जीवित संदर्भ नमूनों, महँगे अभिकर्मकों और एक सूक्ष्म जीवविज्ञानी के रखरखाव की आवश्यकता होती है, इसलिये देश भर में 79 राज्य खाद्य परीक्षण सुविधाओं में से कोई भी अब ऐसा करने में सक्षम नहीं है।

एस्चेरिचिया कोलाई (E. coli)

  • एस्चेरिचिया कोलाई खाद्य पदार्थों है जिसे सामान्यतः ई. कोलाई के नाम से जाना जाता है, मनुष्यों तथा जानवरों की आँत में पाया जाने वाला एक जीवाणु है।
  • यह एंटरोबैक्टीरियासी वंश का एक छड़ी के आकार का जीवाणु है।
  • यद्यपि ये जीवाणु अधिकांशतः हानिकारक नहीं होते हैं, परंतु इनमें से कुछ ‘डायरिया’ जैसे रोग का कारण बन सकते हैं जबकि कुछ अन्य के संक्रमण से श्वसन संबंधी बीमारी और निमोनिया जैसी बीमारियाँ हो सकती हैं।
  • रोगजनक एस्चेरिचिया कोलाई दूषित भोजन, जल या संक्रमित व्यक्तियों या जानवरों के मल के संपर्क के माध्यम से मनुष्यों में फैल सकता है।

सैल्मोनेला (Salmonella)

  • यह बैक्टीरिया का एक समूह है जो सैल्मोनेलासिस नामक खाद्य-जनित बीमारियों का कारण बन सकता है।
  • सैल्मोनेला बैक्टीरिया सामान्यतः जानवरों और मनुष्यों की आँतों में होते हैं तथा मल के माध्यम से उत्सर्जित होते हैं। मनुष्य अक्सर दूषित जल या भोजन के माध्यम से संक्रमित होते हैं।
  • सैल्मोनेला के लक्षणों में संक्रमण होने के 12-72 घंटे बाद मतली, दस्त/डायरिया, बुखार और पेट में ऐंठन शामिल हैं।
  • WHO ने सैल्मोनेला को डायरिया संबंधी बीमारियों के चार प्रमुख वैश्विक कारणों में से एक के रूप में पहचाना है।

लिस्टेरिया

  • यह जीवाणु प्राकृतिक रूप से पर्यावरण में मौजूद है और कुछ जानवरों की आँतों के साथ-साथ मिट्टी व जल में भी पाया जा सकता है।
  • इसमें फ्लू जैसे लक्षण परिलक्षित होते हैं, जो इसे 65 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों और गर्भवती महिलाओं के लिये विशेष रूप से खतरनाक बनाता है।
  • यह बिना पाश्चुरीकृत दूध और डेयरी उत्पादों के साथ-साथ कटे हुए खरबूजे जैसे कुछ पहले से तैयार फलों के सेवन से मनुष्यों को संक्रमित कर सकता है।
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