प्रयागराज शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 10 जून से शुरू :   संपर्क करें
ध्यान दें:

Sambhav-2024

  • 29 Feb 2024 सामान्य अध्ययन पेपर 3 पर्यावरण

    दिवस 88

    Q2. पारिस्थितिकी तंत्र का संतुलन बनाए रखने तथा मानव आजीविका का समर्थन करने में समुद्री जीवों के महत्त्व पर चर्चा कीजिये। (250 शब्द)

    उत्तर

    हल करने का दृष्टिकोण:

    • समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र के बारे में संक्षिप्त परिचय दीजिये।
    • पारिस्थितिकी तंत्र का संतुलन बनाए रखने तथा मानव आजीविका को समर्थन देने में समुद्री जीवों की भूमिका का उल्लेख कीजिये।
    • उचित निष्कर्ष लिखिये।

    परिचय

    समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र के तहत एक विशाल और विविध वातावरण शामिल है, जो पृथ्वी की सतह के लगभग 71% हिस्से को कवर करता है। सूर्य की रोशनी वाले सतही जल से लेकर समुद्र की सबसे गहरी खाइयों तक, यह पारिस्थितिकी तंत्र सूक्ष्म प्लवक से लेकर विशाल व्हेल तक, जीवों की एक विस्तृत शृंखला का समर्थन करता है। यह पृथ्वी की जलवायु को विनियमित करने, अरबों लोगों के लिये भोजन तथा संसाधन उपलब्ध कराने एवं पृथ्वी पर जीवन को बनाए रखने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

    मुख्य भाग:

    समुद्री जीव पारिस्थितिकी तंत्र के संतुलन को बनाए रखने के साथ विभिन्न प्रकार से मानव आजीविका का समर्थन करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं:

    • पोषक तत्त्व चक्रण: समुद्री जीव (जैसे फाइटोप्लांकटन और बैक्टीरिया) कार्बनिक पदार्थों को पोषक तत्त्वों में परिवर्तित करके पोषक तत्त्व चक्र में योगदान करते हैं जिनका पारिस्थितिकी तंत्र के अंतर्गत पुनर्नवीनीकरण किया जा सकता है। यह प्रक्रिया समुद्री पौधों और शैवाल के विकास का समर्थन करती है, जो समुद्री खाद्य जाल का आधार बनती है।
    • खाद्य जाल गतिशीलता: समुद्री जीव समुद्री खाद्य जाल में प्राथमिक उत्पादक, शाकाहारी, मांसाहारी और डीकंपोजर के रूप में कार्य करते हैं। ये शिकारी प्रजातियों की आबादी को नियंत्रित करने के साथ कुछ प्रजातियों की अतिवृद्धि को रोकते हैं तथा समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र के तहत जैवविविधता को बनाए रखते हैं।
    • जलवायु विनियमन: समुद्री जीव, विशेष रूप से फाइटोप्लांकटन, प्रकाश संश्लेषण के माध्यम से कार्बन डाइ-ऑक्साइड (CO2) को अवशोषित करके पृथ्वी की जलवायु को विनियमित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह वायुमंडल में CO2 की मात्रा को कम करने के साथ जलवायु परिवर्तन को कम करने में मदद करते हैं।
    • आर्थिक मूल्य: समुद्री जीव विविध पारिस्थितिकी सेवाएँ प्रदान करते हैं जिससे मत्स्य पालन, जलीय कृषि, पर्यटन एवं फार्मास्यूटिकल्स सहित मानव आजीविका को समर्थन करते हैं।
      • विश्व स्तर पर इस क्षेत्र से अकेले प्राथमिक उत्पादन में अनुमानित 58.5 मिलियन लोगों को रोज़गार मिलता है - लगभग 21% महिलाएँ।
    • तटीय सुरक्षा: मैंग्रोव, मूँगा चट्टानें और समुद्री घास के मैदान विविध समुद्री जीवों का घर हैं, तरंग ऊर्जा को संतुलित करके, तलछट को स्थिर करके तथा तटीय कटाव को कम करके यह प्राकृतिक तटीय सुरक्षा प्रदान करते हैं। ये व्यावसायिक रूप से कई महत्त्वपूर्ण मछली प्रजातियों के लिये आवास के रूप में कार्य करते हैं।
      • भारत और बांग्लादेश के तट के साथ बंगाल की खाड़ी में स्थित सुंदरवन, विश्व का सबसे बड़ा मैंग्रोव वन है। मैंग्रोव जड़ों एवं वनस्पति का यह जटिल नेटवर्क तूफानी लहरों तथा चक्रवातों के प्रति एक शक्तिशाली प्राकृतिक अवरोध के रूप में कार्य करता है।
    • औषधीय संसाधन: समुद्री जीवों से संभावित औषधीय गुणों वाले विभिन्न प्रकार के बायोएक्टिव यौगिकों का उत्पादन होता है, जिनमें एंटीबायोटिक्स, सूजनरोधी एजेंट एवं कैंसररोधी दवाएँ शामिल हैं। इन यौगिकों में नई फार्मास्यूटिकल्स के साथ चिकित्सा उपचारों के विकास को प्रेरित करने की क्षमता है।
      • वर्ष 2021 में वैश्विक समुद्री फार्मास्यूटिकल्स बाज़ार का मूल्य 28,860 मिलियन डॉलर था और वर्ष 2031 तक इसके 67,151.81 मिलियन डॉलर तक पहुँचने की उम्मीद है।

    निष्कर्ष:

    समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र के संतुलन को बनाए रखने तथा मानव कल्याण का समर्थन करने के लिये, इसका बेहतर प्रबंधन आवश्यक है। समुद्री जीवों द्वारा पारिस्थितिक तंत्र और समाज दोनों को प्रदान किये जाने वाले कई लाभों को बनाए रखने के क्रम में समुद्री जैवविविधता की रक्षा एवं संरक्षण महत्त्वपूर्ण है।

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2