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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 23 फरवरी, 2021

  • 23 Feb 2021
  • 6 min read

होशंगाबाद का नाम परिवर्तन

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य के ‘होशंगाबाद’ शहर का नाम बदलकर ‘नर्मदापुरम’ करने की घोषणा की है। मध्य प्रदेश का यह अद्भुत और सुंदर शहर होशंगाबाद, मध्य नर्मदा घाटी और सतपुड़ा पठार के उत्तरी किनारे पर स्थित है। इस शहर को प्रारंभ में ‘नर्मदापुरम’ के नाम से ही जाना जाता था, हालाँकि बाद में शहर का नाम बदलकर ‘मालवा’ के पहले शासक होशंग शाह के नाम पर ‘होशंगाबाद’ कर दिया गया। होशंगाबाद ज़िला, मध्य प्रांत और बरार के नेरबुड्डा (नर्मदा) प्रभाग का हिस्सा था, जो वर्ष 1947 में भारत की स्वतंत्रता के बाद मध्य भारत (बाद में मध्य प्रदेश) का राज्य बन गया। यह शहर नर्मदा नदी के किनारे अपने खूबसूरत घाटों के लिये प्रसिद्ध है, सेठानी घाट एक प्रमुख आकर्षण है। यह घाट तवा और नर्मदा नदियों के संगम से लगभग 7 किमी. की दूरी पर स्थित है। होशंगाबाद की अर्थव्यवस्था काफी हद तक कृषि पर निर्भर है और यह सोयाबीन के सबसे बड़े उत्पादकों में से एक है। दो मुख्य नदियाँ- नर्मदा और तवा होशंगाबाद ज़िले से होकर बहती हुई बांद्राभान गाँव में मिलती हैं।

नोवाक जोकोविच

सर्बिया के नोवाक जोकोविच ने ऑस्ट्रेलियन ओपन टेनिस टूर्नामेंट का पुरुष सिंगल खिताब जीत लिया है। नोवाक जोकोविच ने ऑस्ट्रेलियन ओपन टेनिस टूर्नामेंट के फाइनल मुकाबले में रूस के डेनियल मेदवेदेव को पराजित किया। जोकोविच का जन्म 22 मई, 1987 को बेलग्रेड, सर्बिया में हुआ था। नोवाक जोकोविच ने 4 वर्ष की आयु में टेनिस खेलना शुरू कर दिया था और 13 वर्ष की आयु में वे प्रशिक्षण के लिये जर्मनी चले गए। ज्ञात हो कि नोवाक जोकोविच अब तक कुल 9 ऑस्ट्रेलियन ओपन टेनिस टूर्नामेंट्स जीत चुके हैं। ऑस्ट्रेलियन ओपन चार ग्रैंड स्लैम टेनिस टूर्नामेंट्स में से एक है, अन्य तीन ग्रैंड स्लैम- फ्रेंच ओपन, विंबलडन और यूएस ओपन हैं। इन ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट्स का संचालन इंटरनेशनल टेनिस फेडरेशन (ITF) द्वारा किया जाता हैं।

महिलाओं को संपत्ति में सह-स्वामित्व 

उत्तराखंड सरकार ने पति की पैतृक संपत्ति में महिलाओं को सह-स्वामित्व का अधिकार देने से संबंधित अध्यादेश जारी किया है। यह अध्यादेश राज्य के पहाड़ी क्षेत्रों से व्यापक पैमाने पर आजीविका की तलाश में पुरुषों के प्रवासन को ध्यान में रखते हुए जारी किया गया है। अध्यादेश का उद्देश्य उन महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता प्रदान करना है, जो प्रायः पुरुषों के प्रवासन के बाद पीछे छूट जाती हैं और उन्हें अपनी आजीविका के लिये कृषि पर निर्भर रहना पड़ता है। इस अध्यादेश के माध्यम से उत्तराखंड सरकार, अन्य राज्य सरकारों के लिये एक उदाहरण प्रस्तुत करेगी, ताकि अन्य राज्य भी इस दिशा में कदम उठा सकें। भारतीय समाज के पारंपरिक ताने-बाने में पुरुष और महिला दोनों ही समान रूप से कृषि गतिविधियों में हिस्सा लेते हैं। हालाँकि महिलाओं की पूर्ण भागीदारी के बावजूद उन्हें संपत्ति में स्वामित्व नहीं दिया जाता है। स्वामित्व न होने के कारण प्रायः महिलाओं को कृषि संबंधी गतिविधियों के लिये ऋण भी नहीं मिल पाता है। निर्वाचन आयोग के आँकड़ों की मानें तो उत्तराखंड के कुल 78.15 लाख मतदाताओं में से तकरीबन 37.40 लाख महिलाएँ हैं और राज्य सरकार के इस निर्णय से काफी सहायता मिलेगी।

विश्व पैंगोलिन दिवस

पैंगोलिन के महत्त्व और वैश्विक स्तर पर इसकी मौजूदा स्थिति को लेकर जागरूकता बढ़ाने हेतु प्रतिवर्ष फरवरी माह के तीसरे शनिवार को विश्व पैंगोलिन दिवस के रूप में मनाया जाता है। पैंगोलिन एक विशाल चींटीखोर (Anteater) स्तनपायी है, जिसकी पीठ पर शल्कनुमा संरचना बनी होती है। पैंगोलिन पृथ्वी पर सबसे अधिक अवैध रूप से तस्करी किये जाने वाले स्तनधारी जीव हैं, आँकड़ों की मानें तो प्रतिवर्ष 200,000 से अधिक पैंगोलिन का शिकार किया जाता है और उनकी अवैध रूप से तस्करी की जाती है। इनका वज़न लगभग 3 पाउंड से लेकर 75 पाउंड तक हो सकता है। वर्तमान में पैंगोलिन की केवल आठ प्रजातियाँ मौजूद हैं, हालाँकि अतीत में विलुप्त हो चुकी कई प्रजातियों के जीवाश्मों की खोज की गई है। इसमें से चार प्रजातियाँ उप-सहारा अफ्रीका और चार प्रजातियाँ एशिया में पाई जाती हैं।

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