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UP PCS Mains-2024

  • 15 Apr 2025 सामान्य अध्ययन पेपर 6 उत्तर प्रदेश स्पेशल

    दिवस- 37: उत्तर प्रदेश सरकार की 'एक जनपद-एक उत्पाद (ODOP)' योजना की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिये। राज्य की अर्थव्यवस्था में इसके प्रभाव और परिवर्तनकारी भूमिका का मूल्यांकन कीजिये। (200 शब्द)

    उत्तर

    हल करने का दृष्टिकोण: 

    • ODOP कार्यक्रम का संक्षेप में विवरण दीजिये।
    • इसके उद्देश्यों का उल्लेख कीजिये।
    • यह दर्शाएँ कि राज्य की अर्थव्यवस्था को बदलने में यह किस हद तक सफल रहा है।
    • वोकल फॉर लोकल के विचार के साथ निष्कर्ष दीजिये। 

    परिचय: 

    ‘एक ज़िला, एक उत्पाद’ (ODOP) उत्तर प्रदेश सरकार का एक प्रमुख कार्यक्रम है। इसे वर्ष 2018 में लॉन्च किया गया था, जिसका उद्देश्य समुदायों की स्थानीय कला, शिल्प एवं पारंपरिक कौशल को संरक्षित, विकसित करना और बढ़ावा देना है। ODOP का उद्देश्य राज्य के 75 ज़िलों में उत्पाद-विशिष्ट पारंपरिक औद्योगिक केंद्र बनाना है जो राज्य के संबंधित ज़िलों के पर्यायवाची पारंपरिक उद्योगों को बढ़ावा देंगे।

    इस कार्यक्रम का उद्देश्य आय और स्थानीय रोज़गार को बढ़ाना है, जिससे पलायन को रोका जा सके। इस कार्यक्रम के तहत, राज्य के प्रत्येक ज़िले से एक विशिष्ट उत्पाद चुना जाता है तथा उसके उत्पाद से संबद्ध प्रत्येक पहलू में समस्याओं और कमियों को दूर किया जाता है– जिसमें बुनियादी अवसंरचना और मूल्य शृंखला संबंधी कमियाँ भी शामिल हैं।

    मुख्य भाग: 

    एक ज़िला एक उत्पाद कार्यक्रम के उद्देश्य इस प्रकार हैं:

    • स्थानीय शिल्प/कौशल का संरक्षण एवं विकास तथा कला को बढ़ावा देना।
    • आय एवं स्थानीय रोज़गार में वृद्धि (जिसके परिणामस्वरूप रोज़गार के लिये प्रवास में कमी आएगी)।
    • उत्पाद की गुणवत्ता और कौशल विकास में सुधार।
    • उत्पादों को कलात्मक तरीके से (पैकेजिंग, ब्रांडिंग के माध्यम से) रूपांतरित करना।
    • उत्पादन को पर्यटन से जोड़ना (लाइव डेमो और बिक्री आउटलेट– उपहार और स्मारिका)।
    • आर्थिक असंतुलन और क्षेत्रीय असंतुलन के मुद्दों को हल करना।
    • राज्य स्तर पर सफल कार्यान्वयन के बाद ODOP की अवधारणा को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ले जाना।

    ODOP निम्नलिखित तरीके से राज्य की अर्थव्यवस्था में परिवर्तनकारी बदलाव लाने में सफल रहा है:

    • MSME क्षेत्र राज्य की अर्थव्यवस्था में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है तथा पूंजी निवेश, उत्पादन और रोज़गार में महत्त्वपूर्ण योगदान देता है। MSME इकाइयों की संख्या (लगभग 46 लाख इकाइयाँ, 8%) के मामले में उत्तर प्रदेश देश में पहले स्थान पर है।
    • इन MSME में निर्मित हस्तशिल्प वस्तुएँ, प्रसंस्कृत खाद्य, इंजीनियरिंग सामान, कालीन, रेडीमेड गारमेंट्स और चमड़ा उत्पादों के निर्यात में उत्तर प्रदेश अग्रणी राज्य रहा है।
    • देश के कुल हस्तशिल्प निर्यात में उत्तर प्रदेश से हस्तशिल्प का निर्यात 44% है। इसी तरह कालीनों में यह योगदान 39% और चमड़ा एवं चमड़ा उत्पादों में 26% है।
    • राज्य के लगभग प्रत्येक ज़िले में एक या एक से अधिक विशिष्ट उत्पाद हैं– चाहे वह हस्तशिल्प, हथकरघा या कृषि/बागवानी उत्पाद या छोटे उद्यम हों, जिनकी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विशिष्ट पहचान है। उदाहरण के लिये, वाराणसी की रेशमी साड़ियाँ, मुरादाबाद की पीतल की हस्तशिल्प वस्तुएँ, पीलीभीत की बाँसुरी और सिद्धार्थ नगर का काला नमक चावल आदि। MSME इन उत्पादों को ज़िला स्तर पर बनाने और निर्यात करने के लिये सबसे अच्छी स्थिति में हैं।
    • सरकारी आँकड़ों से पता चलता है कि राज्य से ODOP उत्पादों के निर्यात का कुल मूल्य वित्त वर्ष 2017-18 में ₹58,000 करोड़ से बढ़कर वित्त वर्ष 2021-22 में ₹96,000 करोड़ हो गया।
    • उत्तर प्रदेश के समग्र निर्यात में ODOP उत्पादों का प्रतिशत योगदान लगभग 62 प्रतिशत होने का अनुमान है।
    • प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, स्टैंड अप और स्टार्टअप इंडिया के तहत ऋण प्राप्त करके 5 लाख युवाओं ने ODOP के तहत अपना उद्यम स्थापित किया है।
    • वर्ष 2018 में ODOP योजना के शुभारंभ के बाद से राज्य की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिला है, जबकि कुछ उत्पाद, जो विलुप्त होने के कगार पर थे, को नया जीवन मिला है।
    • सिद्धार्थनगर के काला नमक चावल, गोरखपुर के टेराकोटा और लखनऊ के चिकनकारी सहित कुछ ज़िलों के कुछ लोकप्रिय उत्पादों को ODOP योजना के तहत बहुप्रतीक्षित प्रोत्साहन मिला है।
    • सरकार ने पारंपरिक उत्पादों की बिक्री को बढ़ावा देने के लिये अमेज़न इंडिया, फ्लिपकार्ट और eBay.com के साथ समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किये हैं। इन समझौतों के अनुसार, ODOP योजना से जुड़े सभी कारीगरों, बुनकरों और शिल्पकारों को इन ऑनलाइन मार्केट प्लेटफॉर्म के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार से जोड़ा जाएगा।

    निष्कर्ष: 

    उत्तर प्रदेश में ODOP की सफलता ने कई अन्य राज्यों को स्थानीय शिल्प और उत्पादों के ज़िला-स्तर पर पुनरुद्धार के लिये इसी तरह की पहल के अंगीकरण के लिये प्रेरित किया है। यह ‘वोकल फॉर लोकल’ के विचार को बढ़ावा देता है।

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