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UP PCS Mains-2024

  • 16 Apr 2025 सामान्य अध्ययन पेपर 6 उत्तर प्रदेश स्पेशल

    दिवस- 37: उत्तर प्रदेश सरकार हरित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने पर ज़ोर दे रही है। इस संदर्भ में उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण नीति, 2022 के प्रावधानों पर चर्चा कीजिये। (200 शब्द)

    उत्तर

    हल करने दृष्टिकोण : 

    • उत्तर प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) को अपनाने की दर से संबंधित आँकड़े देकर शुरुआत कीजिये।
    • इस नीति के उद्देश्यों एवं विशेषताओं का उल्लेख कीजिये।
    • आगे की राह बताते हुए निष्कर्ष निकालिये।

    परिचय: 

    उत्तर प्रदेश भारत में सबसे ज़्यादा इलेक्ट्रिक वाहनों के मामले में सबसे आगे है क्योंकि यह राज्य जीवाश्म ईंधन से चलने वाले वाहनों से दूर जाने के लिये प्रदूषण को कम करने के राष्ट्र के प्रयास में शामिल हो गया है। वर्ल्ड रिसोर्स इंस्टीट्यूट (WRI)-इंडिया के अनुसार, वर्ष 2022 में उत्तर प्रदेश में EV के पंजीकरण में 144 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई और राज्य में कुल EV पंजीकरण देश भर में कुल EV बिक्री का 16.2 प्रतिशत है।

    राज्य सरकार अपनी क्षमता का लाभ उठाते हुए उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की आकांक्षा रखती है। इसके लिये राज्य सरकार अपनी मुख्य रणनीति के रूप में समावेशी और सतत् विकास के साथ तेज़ी से औद्योगिकीकरण को बढ़ावा दे रही है। इसलिये राज्य सरकार ने राज्य के लिये उद्योग में अवसरों को खोलने के लिये 'EV' को एक फोकस क्षेत्र के रूप में मान्यता दी है।

    मुख्य भाग : 

    हरित अर्थव्यवस्था को कम कार्बन, संसाधन कुशल और सामाजिक रूप से समावेशी के रूप में परिभाषित किया जाता है। हरित अर्थव्यवस्था निवेश, रोज़गार और कौशल पर केंद्रीय ध्यान देने के साथ सतत् आर्थिक विकास के लिये एक व्यापक आर्थिक दृष्टिकोण प्रदान करती है। राज्य में हरित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिये, सरकार ने उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण नीति 2022 पेश की है।

    उद्देश्य:

    • उत्तर प्रदेश को इलेक्ट्रिक मोबिलिटी विकास और विनिर्माण का वैश्विक केंद्र बनाना।
    • विशेष रूप से शहरों में पर्यावरण अनुकूल परिवहन प्रणाली को अपनाना।
    • चार्जिंग बुनियादी ढाँचे के विकास के लिये निवेश को सक्षम बनाना ।
    • EV पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माताओं को राज्य में अपनी विनिर्माण इकाइयाँ स्थापित करने और उन्हें वैश्विक बाज़ार में आपूर्ति करने के लिये आकर्षित करना
    • बैटरी प्रौद्योगिकी, ईंधन सेल प्रौद्योगिकियों और EV इलेक्ट्रॉनिक्स में अनुसंधान और नवाचारों को बढ़ावा देना

    नीति की विशेषताएँ:

    • राज्य सरकार शहरों में 3 किमी x 3 किमी के ग्रिड में और एक्सप्रेसवे/राजमार्गों पर प्रत्येक 25 किमी पर चार्जिंग बुनियादी ढाँचे के निर्माण को बढ़ावा देगी।
    • राज्य सरकार लखनऊ के लिये  'व्यापक इलेक्ट्रिक मोबिलिटी योजना (CEMP)' तैयार करने में नीति आयोग और एशियाई विकास बैंक (ADB) के साथ समन्वय कर रही है। इस पहल को नगर निगमों वाले सभी 17 शहरों तक बढ़ाया जाएगा।
    • ये योजनाएँ राज्य सरकार को EV अपनाने और परिवर्तन की रणनीति तैयार करने में मदद करेंगी एवं निम्नलिखित बिंदु प्रदान करेंगी:
      • संबंधित शहरों के लिये सभी EV खंडों में परिवर्तन और अपनाने के लक्ष्य।
      •  EV को बढ़ावा देने के लिये इन शहरों में हरित मार्गों और उपयुक्त शहरी क्षेत्रों की पहचान करना
        •  तद्नुसार, राज्य सरकार वर्ष 2030 तक इन शहरों में सार्वजनिक परिवहन को 100% EV में परिवर्तित करने का प्रयास करेगी।
    • राज्य सरकार अन्य शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में भी सार्वजनिक परिवहन को EV में बदलने को बढ़ावा देगी। इसके लिये, वर्ष 2025 तक प्रत्येक ज़िले (नगर निगमों वाले 17 शहरों को छोड़कर) में हरित मार्गों की पहचान की जाएगी और इन चयनित मार्गों में से प्रत्येक पर ई-बसों को सुनिश्चित किया जाएगा।
    • राज्य सरकार का लक्ष्य वर्ष 2030 तक सरकारी वाहनों (कार्यालयीन उपयोग के लिये) को 100 प्रतिशत EV में परिवर्तित करना है।
    • राज्य सरकार राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों को तेज़ी से अपनाने के लिये जागरूकता बढ़ाएगी।
    • EV अपनाने के लिये, नीति अधिसूचना की तिथि से 3 वर्ष की अवधि में उत्तर प्रदेश में खरीदी और पंजीकृत किसी भी EV पर खरीददारों को पंजीकरण शुल्क एवं रोड टैक्स पर 100 प्रतिशत छूट दी जाएगी।
    • इस नीति के माध्यम से राज्य सरकार का लक्ष्य वैश्विक मानक बुनियादी ढाँचे के साथ EV क्लस्टर विकसित करने के लिये बड़े पैमाने पर निजी निवेश को आकर्षित करना है।
    • नीति का उद्देश्य प्रक्रियाओं का सरलीकरण, समय पर स्वीकृति और उत्तरदायी सुविधा सेवाएँ सुनिश्चित करके राज्य में अनुकूल व्यापार अनुकूल वातावरण बनाना है।
    • पहले 2000 चार्जिंग स्टेशनों (न्यूनतम 25 लाख रुपये का निवेश) को 20 प्रतिशत (अधिकतम 10 लाख रुपये प्रति इकाई तक) की पूंजी सब्सिडी प्रदान की जाएगी।
    •  राज्य सरकार सरकारी/निजी संस्थाओं को राजस्व साझेदारी मॉडल पर 10 वर्ष की अवधि के लिये सरकारी भूमि उपलब्ध कराएगी।
    • मध्यम एवं लघु उद्यम (MSME) EV/बैटरी परियोजनाओं को प्रमाणन प्राप्त करने के लिये  भुगतान किये गए गुणवत्ता प्रमाणन शुल्क का 50 प्रतिशत प्रतिपूर्ति की जाएगी।

    निष्कर्ष: 

    उत्तर प्रदेश सरकार को चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, तेज़ी से EV अपनाने और विनिर्माण करके राज्य में EV उद्योग को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिये। EV नीति की सफलता चार कारकों पर निर्भर करती है- सामर्थ्य, सुविधा, तकनीक और जागरूकता।

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