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Mains Marathon

  • 22 Aug 2023 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्न

    दिवस-32. मूनलाइटिंग (Moonlighting) से किस प्रकार से समय प्रबंधन, उत्पादकता एवं कई भूमिकाएँ निभाने वाले व्यक्तियों के समग्र कल्याण से संबंधित नैतिक दुविधाओं को बढ़ावा मिल सकता है? (150 शब्द)

    उत्तर

    हल करने का दृष्टिकोण:

    • मूनलाइटिंग को बताते हुए वित्तीय लाभ एवं कौशल विकास के रूप में इसके संभावित लाभों का उल्लेख कीजिये।
    • चर्चा कीजिये कि किस प्रकार से मूनलाइटिंग द्वारा समय प्रबंधन, उत्पादकता के साथ व्यक्तियों के समग्र कल्याण से संबंधित नैतिक दुविधाओं को बढ़ावा मिल सकता है।
    • संतुलित दृष्टिकोण के साथ निष्कर्ष लिखिये।

    मूनलाइटिंग शब्द का आशय किसी व्यक्ति के नियमित रोज़गार के अलावा गुप्त रूप से और रात के समय में दूसरी नौकरी करने से है। कुछ लोग अतिरिक्त पैसा कमाने, नए कौशल सीखने या अपने लक्ष्य को पाने के लिये रात में कार्य कर सकते हैं। हालाँकि इसके कुछ नुकसान भी हो सकते हैं जैसे हितों का टकराव, खराब प्रदर्शन और कानूनी मुद्दे।

    वर्क फ्रॉम होम मॉडल और प्रतिभा की मांग के कारण IT उद्योग में मूनलाइटिंग अधिक प्रचलित हो गई है। स्विगी और क्रेड जैसी कुछ कंपनियों ने ऐसी नीतियों की घोषणा की है जो अपने कर्मचारियों के लिये मूनलाइटिंग को प्रोत्साहित करती हैं जबकि विप्रो एवं टी.सी.एस. जैसी अन्य कंपनियों ने इसके खिलाफ दृष्टिकोण रखा है।

    निम्नलिखित तरीकों से मूनलाइटिंग समय प्रबंधन, उत्पादकता और कई भूमिकाओं को निभाने वाले व्यक्तियों के समग्र कल्याण से संबंधित नैतिक दुविधाओं को बढ़ा सकती है:

    • समय प्रबंधन न होना: कई भूमिकाएँ निभाने से समय आवंटन में टकराव हो सकता है। जब कोई व्यक्ति अपना समय दो या दो से अधिक नौकरियों के बीच बांट रहा है, तो उसके लिये प्रत्येक भूमिका के लिये प्रतिबद्धताओं और ज़िम्मेदारियों को संतोषजनक तरीके से पूरा करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। इसके परिणामस्वरूप कार्य की गुणवत्ता कम होने के साथ लगातार समय के दबाव के कारण तनाव बढ़ सकता है। नैतिक रूप से किसी व्यक्ति को अपने पेशेवर दायित्वों या प्रतिबद्धताओं से समझौता नहीं करना चाहिये।
    • उत्पादकता और प्रदर्शन में कमी: किसी व्यक्ति का ध्यान कई भूमिकाओं में विभाजित करने से उसकी उत्पादकता में कमी आ सकती है तथा उसके प्रदर्शन से समझौता हो सकता है। विभिन्न भूमिकाओं में स्वयं को अत्यधिक व्यस्त रखने के परिणामस्वरूप थकान के साथ संज्ञानात्मक संसाधनों में कमी हो सकती है। इससे उत्पादित कार्य की गुणवत्ता नकारात्मक रूप से प्रभावित हो सकती है और अंततः व्यक्ति की व्यावसायिकता एवं अखंडता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
    • कार्य की गुणवत्ता और नैतिकता पर प्रभाव: इससे व्यक्ति के कार्य में गलतियाँ करने का जोखिम होता है। इससे नियोक्ताओं, ग्राहकों या हितधारकों की सर्वोत्तम संभव सेवा या उत्पाद प्रदान करने की नैतिक ज़िम्मेदारी से समझौता होता है, साथ ही इससे विश्वसनीयता में भी कमी आती है।
    • हितों का टकराव: मूनलाइटिंग से किसी व्यक्ति की विभिन्न भूमिकाओं के बीच हितों का टकराव हो सकता है। ये टकराव तब उत्पन्न हो सकते हैं जब एक भूमिका के हित या दायित्व दूसरे के हितों या दायित्वों से टकराते हैं। इससे निर्णय लेने में नैतिक दुविधाएँ पैदा हो सकती हैं।
    • समग्र कल्याण पर प्रभाव: कई भूमिकाएँ निभाने से किसी व्यक्ति के समग्र कल्याण पर असर पड़ सकता है। व्यक्तिगत जीवन, पारिवारिक ज़िम्मेदारियों और आत्म-देखभाल के साथ कार्य प्रतिबद्धताओं को संतुलित करना चुनौतीपूर्ण होता जा रहा है, जिससे संभावित रूप से शारीरिक एवं मानसिक थकावट हो सकती है। नैतिक रूप से व्यक्तियों पर अपनी भलाई को प्राथमिकता देने की ज़िम्मेदारी होती है और मूनलाइटिंग से नैतिक चिंताओं को बढ़ावा मिल सकता है।
    • पारदर्शिता और संचार: नियोक्ताओं या संबंधित पक्षों को मूनलाइटिंग गतिविधियों के बारे में स्पष्ट रूप से न बताने से पारदर्शिता एवं संचार से संबंधित नैतिक मुद्दों को बढ़ावा मिल सकता है। नियोक्ताओं और ग्राहकों को यह जानने का अधिकार है कि क्या किसी व्यक्ति का विभाजित कार्य उनके कार्य की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकता है। पारदर्शिता की कमी से विश्वास के संकट के साथ पेशेवर रिश्तों को नुकसान पहुँच सकता है।
    • संसाधन आवंटन: संगठन अपने कर्मचारियों को कार्य पर रखने, प्रशिक्षण और समर्थन देने में निवेश करते हैं। यदि कोई कर्मचारी मूनलाइटिंग में संलग्न होता है तो इसे एक नैतिक उल्लंघन के रूप में देखा जा सकता है।

    मूनलाइटिंग से कुछ लाभ मिल सकते हैं लेकिन इससे समय प्रबंधन, उत्पादकता और व्यक्तियों के कल्याण से संबंधित महत्त्वपूर्ण नैतिक दुविधाएँ उत्पन्न होती हैं। इन नैतिक चुनौतियों से सफलतापूर्वक निपटने के लिये व्यावसायिकता, पारदर्शिता एवं प्रतिबद्धता के उच्च मानकों को बनाए रखते हुए कई भूमिकाओं के बीच संतुलन बनाना महत्त्वपूर्ण है।

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