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  • 27 Aug 2022 सामान्य अध्ययन पेपर 1 इतिहास

    दिवस 48: नाज़ीवाद और फासीवाद के बीच अंतर का विश्लेषण कीजिये। (150 शब्द)

    उत्तर

    हल करने का दृष्टिकोण:

    • नाज़ीवाद और फासीवाद के बारे में संक्षिप्त परिचय दीजिये।
    • उनके बीच मतभेदों और समानताओं की तुलना कीजिये और उनका वर्णन कीजिये।
    • उपयुक्त निष्कर्ष लिखिये।

    "नाज़ीवाद" और "फासीवाद" की परिभाषाएँ कभी-कभी अस्पष्ट हो सकती हैं।फासीवाद एक राजनीतिक विचारधारा है जिसका उदय मुसोलिनी द्वारा इटली को प्राचीन रोमन साम्राज्य की तरह पुन: महान बनाने की भूख के साथ हुआ। फासीवाद मुख्यत: अतिराष्ट्रवाद पर आधारित है, जिसका ध्यान लोगों को नियंत्रित करने के लिये सैन्य शक्ति के प्रयोग पर केंद्रित है। यह सैन्य आदर्शों पर आधारित है जिसमें साहस, आज्ञाकारिता, अनुशासन और शारीरिक दक्षता सम्मलित है। नाज़ीवाद जर्मन तानाशाह एडोल्फ़ हिटलर की विचार धारा थी। यह विचारधारा सरकार और आम जन के बीच एक नये से रिश्ते के पक्ष में थी। नाज़ी यहुदियों से सख़्त नफ़रत करते थें और यूरोप और जर्मनी में हर बुराई के लिये उन्हें ही दोषी मानते थे।

    समानताएँ:

    • मज़बूत कम्युनिस्ट विरोधी सिद्धांतों ने दोनों को सभी सामाजिक आर्थिक तबकों से व्यापक समर्थन हासिल करने में मदद की।
    • वे व्यक्तिगत स्वतंत्रता को सीमित करने के लिये एक अधिनायकवादी शासन स्थापित करने, व्यापार, कृषि और लोगों के जीवन के तरीके को विनियमित करने का इरादा रखते थे। वे लोकतंत्र विरोधी थे।
    • उन्होंने देश को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया।
    • उन्होंने इन लक्ष्यों को प्राप्त करने में सभी वर्गों के घनिष्ठ सहयोग पर बल दिया।
    • दोनों ने राज्य की सर्वोच्चता पर जोर दिया, वे कट्टर देशभक्त थे और ऐसे नायक या नेता के पंथ को बढ़ावा दिया जो राष्ट्र को उसकी कठिनाइयों से बाहर निकालेगा।

    अंतर:

    • इटली में फासीवाद को कभी भी उतनी भूमि नहीं मिली, जितनी जर्मनी में नाजी शासन ने हासिल की थी।
    • जर्मनी की प्रणाली इतालवी से अधिक प्रभावी थी। इतालवी लोगों ने कभी भी आत्मनिर्भर होने का प्रयास नहीं किया और बेरोज़गारी को समाप्त करने में कभी कामयाब नहीं हुए वास्तव में बेरोज़गारी को उन्होंने बढ़ावा ही दिया। हालाँकि उन्होंने कभी भी पूर्ण निरंकुशता हासिल नहीं की, लेकिन नाजियों ने बेरोज़गारी को समाप्त करने में सफलता प्राप्त की।
    • इटली की व्यवस्था न तो उतनी निर्दयी थी और न ही उतनी हिंसक थी जितनी कि जर्मनी में।
    • वर्ष 1938 से पहले जब मुसोलिनी ने हिटलर का अनुकरण करने की रणनीति अपनाई, इतालवी फासीवाद विशेष रूप से यहूदी या नस्लवादी विरोधी नहीं था।
    • वर्ष 1929 में पोप के साथ उनके समझौते के बाद मुसोलिनी अपनी धार्मिक नीतियों के साथ हिटलर से अधिक प्रभावी था।

    अंत में दोनों देशों में उनकी संवैधानिक स्थिति अलग थी। राजशाही अभी भी इटली में बनी हुई है। मुसोलिनी ने आम तौर पर राजा विक्टर इमैनुएल की उपेक्षा की, जिन्होंने 1943 में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी जब मुसोलिनी के आलोचकों ने उन्हें राज्य के प्रमुख के रूप में बदल दिया था। वह मुसोलिनी की बर्खास्तगी की घोषणा करने और उसकी गिरफ्तारी का आदेश देने में सक्षम था। दुर्भाग्य से जर्मनी में हिटलर को पदच्युत करने वाला कोई नहीं था।

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