सरकारी योजनाएँ
राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (NSM)
- 07 May 2025
- 10 min read
प्रमुख बिंदु
- लॉन्च वर्ष: वर्ष 2015
- योजना का प्रकार: केंद्रीय क्षेत्रक योजना
- नोडल मंत्रालय:
- विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (DST)
- इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY)
- कार्यान्वयन एजेंसियाँ:
- उन्नत कंप्यूटिंग विकास केंद्र(C-DAC), पुणे
- भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc), बेंगलूरू
राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (NSM) का अवलोकन
- राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (NSM) के बारे में: वर्ष 2015 में शुरू किया गया राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (NSM), उच्च प्रदर्शन कंप्यूटिंग (HPC) को बढ़ावा देने , तकनीकी क्षमताओं को मज़बूत करने और प्रमुख क्षेत्रों में अनुसंधान एवं विकास को आगे बढ़ाने के लिये भारत सरकार की एक प्रमुख पहल है ।
- इस मिशन का नेतृत्व विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग तथा इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से किया जा रहा है तथा इसका कार्यान्वयन C-DAC, पुणे और IISc, बेंगलूरू द्वारा किया जा रहा है।
- उद्देश्य: इस मिशन का उद्देश्य विभिन्न क्षमताओं के सुपर कंप्यूटर स्थापित करके पूरे भारत में शैक्षणिक और अनुसंधान एवं विकास संस्थानों को सशक्त बनाना है।
- राष्ट्रीय ज्ञान नेटवर्क (NKN) के माध्यम से पहुँच प्रदान की जाती है, जो अनुसंधान और शैक्षणिक संस्थानों को जोड़ने वाला एक सरकार समर्थित उच्च गति नेटवर्क है।
- कौशल विकास: यह मिशन उन्नत कम्प्यूटेशनल अनुसंधान की मांगों को पूरा करने के लिये HPC कौशल विकास को बढ़ावा देता है।
- सुपरकंप्यूटिंग में छात्रों और शोधकर्त्ताओं को प्रशिक्षित करने के लिये पुणे, खड़गपुर, चेन्नई, पलक्कड़ और गोवा में पाँच समर्पित HPC प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किये गए हैं ।
- महत्त्व:
- यह मिशन औषधि खोज, जलवायु मॉडलिंग, आपदा प्रबंधन और पदार्थ विज्ञान जैसे विविध क्षेत्रों में वैज्ञानिक अनुसंधान को आगे बढ़ाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है ।
- यह HPC और AI में पेशेवरों को प्रशिक्षित करके क्षमता निर्माण को बढ़ाएगा, साथ ही नवाचार और उत्पाद विकास में स्टार्ट-अप्स और एमएसएमई को भी समर्थन देगा।
नोट:
- FLOPs अथवा फ्लोटिंग-पॉइंट ऑपरेशन प्रति सेकंड, कम्प्यूटेशनल प्रदर्शन विशेष रूप से HPC और AI के क्षेत्र में प्रसंस्करण शक्ति और दक्षता को मापने के लिये सामान्य रूप से प्रयोग किया जाने वाला मीट्रिक है।
- फ्लोटिंग-पॉइंट ऑपरेशन एक निश्चित प्रकार की गणितीय गणना है जिसमें भिन्नात्मक भागों वाली वास्तविक संख्याओं का उपयोग किया जाता है।
NSM अवसंरचना विकास योजना
- NSM का उद्देश्य सुपरकंप्यूटिंग में आत्मनिर्भरता प्राप्त करना, वैज्ञानिक और सामाजिक क्षेत्रों में अनुसंधान एवं विकास और समस्या समाधान को बढ़ावा देना और तीन चरणीय बुनियादी ढाँचा विकास योजना के माध्यम से विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्द्धी HPC पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना है।
- चरण 1: घरेलू क्षमताओं का निर्माण शुरू करने के लिये भारत में ही घटकों को जोड़कर छह सुपर कंप्यूटर स्थापित किये जाएंगे।
- चरण 2: स्थानीय विनिर्माण और सॉफ्टवेयर विकास की ओर कदम बढ़ाया गया, जिससे 40% स्वदेशी मूल्य प्राप्त हुआ।
- चरण 3: इसका उद्देश्य भारत में सभी प्रमुख घटकों का डिज़ाइन और विनिर्माण करके तथा एक राष्ट्रीय HPC सुविधा स्थापित करके पूर्ण स्वदेशीकरण करना है।
त्रिनेत्र क्या है?
- विषय एवं उद्देश्य:
- NSM के अंतर्गत , उन्नत कंप्यूटिंग विकास केंद्र (सी-डैक) ने "त्रिनेत्र" विकसित किया है ।
- यह एक स्वदेशी उच्च गति संचार नेटवर्क है जिसे कंप्यूटिंग नोड्स के बीच डेटा स्थानांतरण और संचार को बढ़ाने के लिये डिज़ाइन किया गया है ।
- यह विकास HPC बुनियादी ढाँचे में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है , जो भारत को उच्च गति कंप्यूटिंग नेटवर्क के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्द्धी करने में सक्षम बनाता है ।
- चरण:
- त्रिनेत्र को तीन प्रगतिशील चरणों में लागू किया जा रहा है: त्रिनेत्र-POC, त्रिनेत्र-A और त्रिनेत्र-B।
परम रुद्र सुपरकंप्यूटर्स
- वर्ष 2024 में, तीन उन्नत परम रुद्र सुपर कंप्यूटरों को आधिकारिक तौर पर पुणे, दिल्ली और कोलकाता में वैज्ञानिक अनुसंधान के लिये कमीशन किया गया ।
- परम रुद्र सुपरकंप्यूटर स्वदेशी रूप से डिज़ाइन और निर्मित HPC सर्वर, जिसे "रुद्र" के रूप में जाना जाता है, के साथ स्वदेशी रूप से विकसित सिस्टम सॉफ्टवेयर स्टैक का उपयोग करके बनाया गया है ।
- रुद्र सर्वर भारत में निर्मित पहले सर्वर हैं जो अंतर्राष्ट्रीय उच्च प्रदर्शन कंप्यूटिंग (HPC) मानकों से मेल खाते हैं।
- उद्देश्य: भौतिकी, पृथ्वी विज्ञान और ब्रह्माण्ड विज्ञान में उन्नत अनुसंधान को सुविधाजनक बनाना ।
NSM के अंतर्गत अन्य प्रमुख प्रतिष्ठान
- परम शिवाय (2019):
- NSM के तहत भारत का पहला सुपरकंप्यूटर
- IIT-BHU, वाराणसी में स्थापित
- परम प्रवेश (2022):
- IISc बेंगलुरु में स्थापित
- यह भारत का सबसे बड़ा शैक्षणिक सुपरकंप्यूटर और देश के सबसे शक्तिशाली सुपरकंप्यूटरों में से एक है।
ऐरावत (भारत का AI सुपरकंप्यूटिंग प्लेटफॉर्म)
- विषय एवं उद्देश्य:
- सरकार ने AI अनुसंधान और ज्ञान आत्मसात के लिये एक सामान्य कम्प्यूट प्लेटफॉर्म प्रदान करने हेतु AI अनुसंधान विश्लेषिकी और ज्ञान प्रसार प्लेटफॉर्म (AI RAWAT) परियोजना शुरू की है।
- वैश्विक मान्यता:
- जर्मनी में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग सम्मेलन (ISC 2023) में शीर्ष 500 वैश्विक सुपरकंप्यूटिंग सूची में 75वें स्थान पर रहा ऐरावत, भारत को विश्व के अग्रणी AI सुपरकंप्यूटिंग देशों में शामिल करता है।
NSM की वर्तमान स्थिति और भविष्य की संभावनाएँ
- मार्च 2025 तक, 35 पेटाफ्लॉप्स (PF) की संयुक्त क्षमता के साथ प्रमुख और क्षेत्रीय संस्थानों में 34 सुपर कंप्यूटर तैनात किये जाएंगे।
- इसमें IISC, IIT, सी-डैक तथा टियर-2 और टियर-3 शहरों के कई अन्य संस्थान शामिल हैं।
- इनकी उपयोग दरें उच्च हैं, 85% से अधिक उपयोग और कई प्रणालियाँ 95% से अधिक की दक्षता रखती हैं।
- वर्ष 2024-25 में, स्वदेशी रूप से डिज़ाइन किये गए सर्वर और प्रौद्योगिकियों का उपयोग करके लगभग 45 पेटाफ्लॉप अतिरिक्त कंप्यूटिंग बुनियादी ढाँचे को विकसित करने की योजना है।
NSM में भारत के सेमीकंडक्टर मिशन (ISM) की भूमिका
- भारत सेमीकंडक्टर मिशन (ISM) प्रोसेसर, मेमोरी चिप्स और एक्सेलरेटर जैसे महत्त्वपूर्ण घटकों के घरेलू उत्पादन को सक्षम करके NSM को बढ़ावा देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
- अब तक भारत इन उन्नत अर्द्ध-चालक (सेमीकंडक्टर) प्रौद्योगिकियों के लिये आयात पर बहुत अधिक निर्भर था।
- ISM का लक्ष्य सुपर कंप्यूटरों को अधिक किफायती, ऊर्जा कुशल तथा भारत की वैज्ञानिक और औद्योगिक आवश्यकताओं के अनुरूप बनाना है।
- यह तालमेल NSM को आत्मनिर्भरता के अपने लक्ष्य को प्राप्त करने और भारत को सुपरकंप्यूटिंग में वैश्विक नेता के रूप में स्थापित करने में मदद करेगा।