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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 17 दिसंबर, 2020

  • 17 Dec 2020
  • 6 min read

बोरिस जॉनसन

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन अगले वर्ष 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस परेड में मुख्य अतिथि होंगे। वर्ष 2019 में पदभार ग्रहण करने के पश्चात् बोरिस जॉनसन की यह भारत यात्रा रणनीतिक दृष्टिकोण से काफी महत्त्वपूर्ण होगी। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भारत के गणतंत्र दिवस परेड समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में में हिस्सा लेने के लिये भारत आने वाले बोरिस जॉनसन दूसरे ब्रिटिश प्रधानमंत्री होंगे, इससे पूर्व वर्ष 1993 में ब्रिटिश प्रधानमंत्री जॉन मेजर मुख्य अतिथि के तौर पर भारत आए थे। बोरिस जॉनसन की भारत यात्रा से दोनों देशों के संबंधों में और अधिक सुधार होने की उम्मीद है। विदित हो कि यह यात्रा ऐसे समय में की जा रही है, जब ब्रेक्ज़िट (Brexit) की प्रक्रिया तकरीबन पूर्ण होने वाली है, ऐसे में ब्रिटेन को व्यापार समेत विभिन्न पहलुओं पर नए साझीदारों की आवश्यकता है और भारत इस भूमिका को बखूबी निभा सकता है। इसके अलावा ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने भारत के प्रधानमंत्री को अगले वर्ष आयोजित होने वाले G7 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिये आमंत्रित किया है, जिसकी मेज़बानी ब्रिटेन द्वारा की जा रही है। भारत उन तीन देशों में से एक है जिन्हें ब्रिटेन द्वारा G7 शिखर सम्मेलन के लिये अतिथि राष्ट्र के तौर पर आमंत्रित किया गया है, अन्य दो देश ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण कोरिया हैं।

चिलाहाटी-हल्दीबाड़ी रेल लाइन

भारत-बांग्लादेश वर्चुअल समिट के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने संयुक्त रूप से भारत-बांग्लादेश के बीच चिलाहाटी-हल्दीबाड़ी रेल लिंक का उद्घाटन किया। इसी के साथ भारत-बांग्लादेश के बीच लगभग 55 वर्ष बाद पुनः चिलाहाटी-हल्दीबाड़ी रेल संपर्क खोल दिया जाएगा, जिसे वर्ष 1965 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान बंद कर दिया गया था। हल्दीबाड़ी (पश्चिम बंगाल) से चिलाहाटी (बांग्लादेश) तक की यह रेलवे लाइन अब दोनों देशों के बीच आवागमन को आसान बनाने, आपसी संपर्क और लोगों के बीच संबंधों को बढ़ावा देने के लिये पुनः चालू की जा रही है। साथ ही यह रेलवे लाइन दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार की दृष्टि से भी काफी महत्त्वपूर्ण साबित होगी। फिलहाल यह रेल ट्रैक केवल माल ढुलाई के लिये उपलब्ध होगा, किंतु जल्द ही बुनियादी ढाँचे की व्यवस्था के बाद दोनों तरफ से यात्रियों की आवाजाही शुरू हो जाएगी।

यूवी-एलईडी और कोरोना वायरस

इज़राइल के तेल अवीव विश्वविद्यालय के शोधकर्त्ताओं ने अपने एक शोध में सिद्ध किया है कि कोरोना वायरस को पराबैंगनी-प्रकाश उत्सर्जक डायोड यानी यूवी-एलईडी (UV-LEDs) का उपयोग करके आसानी से मारा जा सकता है। शोध के दौरान कोरोना वायरस परिवार के सभी सदस्यों, जिसमें SARS-CoV-2 भी शामिल है, पर यूवी-एलईडी विकिरण की कीटाणुशोधन क्षमता का आकलन किया गया। शोध में पाया गया कि पराबैंगनी-प्रकाश वाले एलईडी (LED) बल्बों का उपयोग करके कोरोना वायरस को आसानी से खत्म किया जा सकता है। हालाँकि शोधकर्त्ताओं ने स्पष्ट किया है कि घरों के अंदर की सतह को कीटाणुरहित करने के लिये इस पद्धति का प्रयोग करना खतरनाक हो सकता है। इस पद्धति का प्रभावी ढंग से प्रयोग करने के लिये ऐसा सिस्टम डिज़ाइन किया जाना आवश्यक है, जिससे कोई भी व्यक्ति प्रत्यक्ष तौर पर प्रकाश के संपर्क में न आए।

हिमालय के लिये क्षेत्रीय जलवायु केंद्र

भारत हिमालयी पर्वत क्षेत्र के लिये एक क्षेत्रीय जलवायु केंद्र स्थापित करने की योजना बना रहा है, जो न केवल देश के भीतर मौसम की जानकारी संबंधी सेवाएँ प्रदान करेगा बल्कि आसपास के पड़ोसी क्षेत्रों में भी इन सेवाओं का लाभ उठाया जा सकेगा। ज्ञात हो कि चीन भी हिमालयी क्षेत्र में इसी प्रकार का एक क्षेत्रीय जलवायु केंद्र स्थापित कर रहा है। यह क्षेत्रीय जलवायु केंद्र हिमालयी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों विशेष तौर पर किसानों और जनजातियों के लिये मौसम से संबंधित सेवाएँ प्रदान करेगा। हिमालय के आकार और भारत की जलवायु, आपदा प्रबंधन, पारिस्थितिकी तंत्र तथा कई अन्य गतिविधियों में इसकी महत्त्वपूर्ण भूमिका के चलते इसे 'विश्व का तीसरा ध्रुव' भी कहा जाता है। 

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