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प्रारंभिक परीक्षा

प्रीलिम्स फैक्ट्स: 13 मई, 2019

  • 13 May 2019
  • 6 min read

राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस

11 मई, 2019 को भारत में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस (National Technology Day) मनाया गया।

  • यह दिवस विज्ञान में भारत की दक्षता एवं प्रौद्योगिकी विकास को दर्शाता है।
  • विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय (Ministry of Science and Technology) प्रतिवर्ष 11 मई को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाता है।
  • राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस को तकनीकी रचनात्मकता, वैज्ञानिक परीक्षण, उद्योग और विज्ञान के एकीकरण में किये गए प्रयासों का प्रतीक माना जाता है।
  • राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी पुरस्कार भी प्रदान किये जाते हैं। यह पुरस्कार ऐसे लोगों को दिया जाता है जिन्होंने इस क्षेत्र में अभूतपूर्व काम किया हो।

पृष्ठभूमि

  • राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस की शुरुआत वर्ष 1998 में हुए पोखरण परमाणु बम परीक्षण से हुई थी।
  • भारत ने 11 मई, 1998 को अपना दूसरा सफल परमाणु परीक्षण किया था।

दीया मिर्जा संयुक्त राष्ट्र की विशेष दूत

हाल ही में संयुक्त राष्ट्र (United Nations) ने सतत् विकास लक्ष्य (Sustainable Development Goals-SDGs) की प्राप्ति हेतु भारतीय अभिनेत्री दीया मिर्जा को अपना विशेष दूत बनाया है।

  • संयुक्त राष्ट्र ने दीया मिर्जा और अलीबाबा के प्रमुख जैक मा के साथ ही विश्व के कुल 17 अन्य लोगों को भी सतत् विकास लक्ष्य जैसे विशेष कार्य हेतु चुना है।
  • अभिनेत्री दीया मिर्जा संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (United Nations Environment Programme- UNEP) की सद्भावना दूत के रूप में पहले से ही संयुक्त राष्ट्र से जुड़ी हैं।

उद्देश्य

  • संयुक्त राष्ट्र द्वारा चुने गए ये लोग विश्व भर में संयुक्त राष्ट्र के सतत् विकास लक्ष्यों के बारे में लोगों को जागरूक करेंगे। इन लक्ष्यों में जलवायु परिवर्तन, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर शांति, गरीबी और असमानता को लेकर संयुक्त राष्ट्र के संदेश को लोगों तक पहुँचाना शामिल है।

तिरुपति गंगा जात्रा

तिरुपति गंगा जात्रा, तिरुपति, आंध्र प्रदेश का वार्षिक लोक उत्सव है। यह उत्सव एक सप्ताह तक चलता है जो हर साल मई के पहले और दूसरे सप्ताह के बीच आता है।

  • इस उत्सव में तिरुपति की देवी गंगम्मा, ग्रामदेवता (गाँव की देखरेख करने वाली देवी) की पूजा अर्चना की जाती है।
  • तिरुपति बालाजी मंदिर की शुरुआत वैष्णववाद में हुई है, जो समानता और प्रेम के सिद्धांतों की वकालत तथा बलि देने की प्रथा को प्रतिबंधित करता है।
  • पवित्र गर्भगृह (जिसमें सात पहाड़ियों के भगवान की विस्मयकारी मूर्ति है) तिरुमाला के मुख्य मंदिर परिसर में स्थित है।
  • श्री वेंकटेश्वर का प्राचीन और पवित्र मंदिर शेषाचलम पर्वतमाला के सातवें शिखर, वेंकटचला (वेंकट पहाड़ी) और श्री स्वामी पुष्करिणी के दक्षिणी तट पर स्थित है।

त्रिशूर पूरम उत्सव

13 मई 2019 से केरल का प्रसिद्ध उत्सव त्रिशूर पूरम आरंभ हुआ।

  • त्रिशूर पूरम दक्षिण भारत का एक महत्त्वपूर्ण उत्सव है जिसे लगातार 36 घंटे तक मनाया जाता है।
  • यह वल्लुनावाडु क्षेत्र में स्थित देवी दुर्गा और भगवान शिव को समर्पित है।
  • केरल स्थित दस मंदिरों को शामिल करके इस उत्सव को मनाया जाता है ।
  • उत्सव में 30 हाथियों को पूरी साज-सज्जा के साथ शामिल किया जाता है।
  • इसकी शुरुआत शक्थान थम्पूरन द्वारा की गई थी।

लेकनोरिसिस ताईवानियाना

हाल ही में असम में लेकनोरिसिस ताईवानियाना (Lecanorchis taiwaniana) खोजा गया है।

  • वनस्पति रूप में दर्ज किया गया यह ऑर्किड ‘खिलने की अवधि (Bloom Period) और आकार’ के संदर्भ में भारत के सबसे छोटे ऑर्किड में से एक है।
  • इससे पहले जापान, ताइवान और लाओस में खोजे गए इस ऑर्किड की अधिकतम ऊँचाई 40 सेमी. और खिलने की अवधि पाँच-छह दिनों की होती थी।
  • लेकनोरिसिस ताईवानियाना एक मायको-हेटरोट्रॉफ (Myco-Heterotroph) है। मायको-हेटरोट्रॉफ ऐसे परजीवी पौधे होते हैं जिनमें प्रकाश संश्लेषण नहीं होता है।

प्रकाश संश्लेषण का परित्याग

  • फूलों के कई ऐसे पौधे हैं जिन्होंने प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis) की प्रक्रिया को छोड़ दिया है।
  • ये दो श्रेणियों में वर्गीकृत हैं-
  • हस्टीरियल परजीवी (Haustorial Parasites)
  • मायको-हेटरोट्रॉफ (Myco-Heterotroph)
  • इन्हें परजीवी भी कहा जाता है, क्योंकि ये दोनों पौधे अपने पोषक तत्त्व दूसरे पौधों से प्राप्त करते हैं।
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