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शासन व्यवस्था

गोबरधन के लिये एकीकृत पंजीकरण पोर्टल लॉन्च

  • 03 Jun 2023
  • 8 min read

प्रिलिम्स के लिये:

गोबरधन योजना, बायोगैस/संपीड़ित बायोगैस, मिशन लाइफ

मेन्स के लिये:

गोबरधन का महत्त्व और लाभ, अपशिष्ट से ऊर्जा

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में गोबरधन के लिये एकीकृत पंजीकरण पोर्टल को कचरे को धन में बदलने तथा सर्कुलर इकॉनमी को बढ़ावा देने हेतु भारत सरकार की पहल के एक हिस्से के रूप में लॉन्च किया गया था।

पोर्टल की मुख्य विशेषताएँ:

  • परिचय: 
    • जल शक्ति मंत्रालय के पेयजल और स्वच्छता विभाग (DDWS) ने बायोगैस/संपीड़ित बायोगैस (CBG) संयंत्रों की स्थापना की सुविधा के लिये यह पोर्टल विकसित किया है।
  • उद्देश्य और कार्यक्षेत्र:
    • यह पोर्टल संपूर्ण भारत के स्तर पर बायोगैस/CBG क्षेत्र में निवेश और भागीदारी का आकलन करने के लिये एकल कोष के रूप में कार्य करता है।
    • यह CBG/बायोगैस संयंत्रों की स्थापना की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करता है
  • नामांकन: 
    • भारत में बायोगैस/CBG/बायो CNG संयंत्र स्थापित करने का इच्छुक कोई भी सरकारी, सहकारी या निजी संस्था पोर्टल में नामांकन कर सकती है और पंजीकरण संख्या प्राप्त कर सकती है।
      • पंजीकरण संख्या भारत सरकार के मंत्रालयों और विभागों से विभिन्न लाभों एवं सहायता तक पहुँच को सक्षम बनाती है।
    • राज्यों को सलाह दी जाती है कि वे केंद्र सरकार से मौजूदा और आगामी सहायता प्राप्त करने के लिये पोर्टल पर अपने CBG/बायोगैस संयंत्र संचालकों के पंजीकरण को प्राथमिकता दें।
  • लाभ: 
    • हितधारकों की भागीदारी:
      • पोर्टल का शुभारंभ सहकारी संघवाद को प्रदर्शित करता है, जिसमें केंद्रीय मंत्रालयों के हितधारक, केंद्र एवं राज्यों के विभाग इसके विकास और तैनाती में सहयोग कर रहे हैं।
      • केंद्रीय जल शक्ति मंत्री ने 650 से अधिक गोबरधन संयंत्रों और एकीकृत पंजीकरण पोर्टल के माध्यम से अपशिष्ट से धन सृजन में महत्त्वपूर्ण उपलब्धियों पर ज़ोर दिया।
    • व्यापार करने में आसानी:
      • पोर्टल व्यवसाय करने में आसानी सुनिश्चित करता है और बायोगैस/सीबीजी क्षेत्र में निजी कंपनियों से अधिक निवेश आकर्षित करता है।
    • जलवायु कार्यवाही लक्ष्य के साथ संरेखित: 
      • यह भारत के जलवायु कार्यवाही लक्ष्यों के साथ संरेखित है जो स्वच्छ ऊर्जा, ग्रामीण रोज़गार, बेहतर स्वास्थ्य परिणामों को बढ़ावा देता है। इसके साथ सतत् विकास लक्ष्यों (SDG) और भारत सरकार के मिशन LiFE में भी योगदान देता है।  
    • सुदृढ़ आपूर्ति शृंखला:
      • केंद्र सरकार का उद्देश्य बायोमास एकत्रीकरण, ग्रिड पाइपलाइन कनेक्टिविटी, जैविक खेती प्रथाओं, अनुसंधान एवं विकास और हितधारकों के साथ निरंतर जुड़ाव के माध्यम से CBG/बायोगैस आपूर्ति शृंखला को मज़बूत करना है।

गोबरधन (GOBARdhan) पहल:

  • परिचय: 
    • गैल्वनाइज़िंग ऑर्गेनिक बायो-एग्रो रिसोर्सेज़ धन (GOBARdhan) भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय की एक महत्त्वपूर्ण पहल है।
    • वर्ष 2018 में सरकार ने इस योजना को स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण चरण II कार्यक्रम के तहत राष्ट्रीय प्राथमिकता परियोजना के रूप में लॉन्च किया।  
  • उद्देश्य:  
    • गाँवों द्वारा सुरक्षित रूप से अपने मवेशियों के अपशिष्ट, कृषि अपशिष्ट और लंबे समय तक सभी जैविक अपशिष्ट का प्रबंधन करने में सहायता करना।
    • समुदायों का समर्थन करने हेतु विकेंद्रीकृत प्रणालियों का उपयोग करके मवेशियों और जैविक अपशिष्ट को पूंजी में परिवर्तित करना।
    • ग्रामीण क्षेत्रों में अपशिष्ट के प्रभावी निपटान के माध्यम से पर्यावरणीय स्वच्छता को बढ़ावा देना और वेक्टर जनित रोगों पर अंकुश लगाना।
    • ग्रामीण क्षेत्रों में उपयोग के लिये जैविक अपशिष्ट, विशेष रूप से मवेशियों के अपशिष्ट को बायोगैस और उर्वरक में परिवर्तित करना।
  • संभावित लाभ:  
    • प्रभावी बायोडिग्रेडेबल अपशिष्ट प्रबंधन।
    • GHG उत्सर्जन में कमी।
    • कच्चे तेल के आयात में कमी।
    • स्थानीय समुदायों के लिये रोज़गार का अवसर।
    • उद्यमिता को बढ़ावा।
    • जैविक अपशिष्ट से किसानों/स्थानीय ग्रामीण समुदायों के लिये अतिरिक्त आय।
    • जैविक खेती को बढ़ावा।
  • योजना का मॉडल:
    • व्यक्तिगत घरेलू: 
      • यह मॉडल उन परिवारों द्वारा अपनाया जा सकता है जिनके पास तीन (3) या अधिक मवेशी हैं। संयंत्रों से उत्पन्न बायोगैस और घोल का उपयोग घरों में खाना पकाने और खाद के रूप में किया जाता है।
    • समुदाय: 
      • बायोगैस संयंत्र न्यूनतम घरों (5 से 10) के लिये बनाए जा सकते हैं। संयंत्रों का संचालन और प्रबंधन GP/SHG द्वारा किया जा सकता है।  
      • उत्पन्न गैस की आपूर्ति घरों/रेस्तराँ/संस्थानों को की जाएगी और घोल का समुदाय द्वारा कृषि में जैविक खाद के रूप में उपयोग किया जा सकता है या किसानों को बेचा जा सकता है।
    • समूह: 
      • इस मॉडल में एक ग्राम/ग्राम समूह में घरों की संख्या के अनुसार व्यक्तिगत रूप से बायोगैस संयंत्र स्थापित किये जाते हैं।
      • उत्पन्न बायोगैस का उपयोग घरों में किया जाता है और घोल को एक सामान्य स्थान पर एकत्र किया जाता है, जिसे ठोस और तरल रूप में अलग किया जाता है तथा इसे प्रस्फुटित करके जैव उर्वरक के रूप में बेचा जाता है।
    • वाणिज्यिक CBG: 
      • CBG संयंत्र उद्यमियों/सहकारी समितियों/गौशालाओं आदि में स्थापित किये जा सकते हैं।
      • उत्पादित कच्ची बायोगैस को संपीड़ित किया जाता है और इसे वाहनों के ईंधन के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है या उद्योगों को बेचा जा सकता है।
      • उत्पन्न घोल को जैविक खाद/जैव उर्वरक में परिवर्तित कर किसानों को बेचा जा सकता है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न. निरंतर उत्पन्न किये जा रहे और फेंके गए ठोस कचरे की विशाल मात्रा का निस्तारण करने में क्या-क्या बाधाएँ हैं? हम अपने रहने योग्य परिवेश में जमा होते जा रहे ज़हरीले अपशिष्टों को सुरक्षित रूप से किस प्रकार हटा सकते हैं? (2018) 

स्रोत: पी.आई.बी.

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