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भारतीय अर्थव्यवस्था

प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि योजना

  • 13 Aug 2020
  • 6 min read

प्रिलिम्स के लिये:

PM SVANidhi, आत्मनिर्भर भारत

 मेन्स के लिये:

COVID-19 महामारी का अर्थव्यवस्था पर प्रभाव और इससे निपटने के सरकार के प्रयास, आत्मनिर्भर भारत के मुख्य घटक, विशेषताएँ, चुनौतियाँ

चर्चा में क्यों?

हाल ही में केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (Union Ministry of  Housing and Urban Affairs- MoHUA) ने जानकारी दी है कि प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (PM Street Vendor’s AtmaNirbhar Nidhi-PM SVANidhi) योजना के तहत 5 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं।

प्रमुख बिंदु:

  • PM SVANidhi योजना 2 जुलाई को शुरू की गई थी और 1 लाख ऋण के आवेदन पहले ही स्वीकृत हो चुके हैं।
  • PM SVANidhi योजना COVID-19 महामारी के मद्देनज़र सरकार द्वारा आत्मनिर्भर भारत के तहत घोषित आर्थिक राहत पैकेज का एक हिस्सा है, यह योजना स्ट्रीट वेंडर्स के लिये एक वर्ष में ₹ 10,000 तक के  पूंजीगत ऋण का प्रावधान करती है।
  • MoHUA के अनुसार, इस योजना का उद्देश्य देश भर में 50 लाख स्ट्रीट वेंडर्स को लॉकडाउन के बाद काम फिर से शुरू करने में आर्थिक सहायता प्रदान करना है।
  • ऋण प्राप्त करने के लिये आवेदकों को किसी प्रकार की ज़मानत या कोलैट्रल (Collateral) की आवश्यकता नहीं होगी।
  • इस योजना के तहत प्राप्त हुई पूंजी को चुकाने के लिये एक वर्ष का समय दिया जाएगा, विक्रेता इस अवधि के दौरान मासिक किश्तों के माध्यम से ऋण का भुगतान कर सकेंगे।
  • साथ ही इस योजना के तहत यदि लाभार्थी लिये गए ऋण पर भुगतान समय से या निर्धारित तिथि से पहले ही करते हैं तो उन्हें 7% (वार्षिक) की ब्याज सब्सिडी प्रदान की जाएगी, जो ‘प्रत्यक्ष लाभ अंतरण’ (Direct Benefit Transfer- DBT) के माध्यम से 6 माह के अंतराल पर सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में जमा की जाएगी।
  • इस योजना में निर्धारित तिथि से पहले ऋण के पूर्ण भुगतान पर कोई ज़ुर्माना नहीं लागू होगा।
  • सूक्ष्म-वित्त संस्थानों (Micro finance Institutions- MFI)/गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (Non Banking Financial Company- NBFC)/स्वयं सहायता समूह (Self Help Group-SHG),  बैंकों को शहरी क्षेत्र की गरीब आबादी से जुड़ी इस योजना में शामिल किया गया है।  
    • इन संस्थानों को ज़मीनी स्तर पर उनकी उपस्थिति और छोटे व्यापारियों व शहरों की गरीब आबादी के साथ निकटता के कारण इस योजना में शामिल किया गया है।

आत्मनिर्भर भारत अभियान

  • COVID-19 महामारी के दौरान देश की अर्थव्यवस्था की प्रतिकूल स्थिति के मद्देनज़र 'आत्मनिर्भर भारत अभियान' के तहत विभिन्न प्रकार के आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज की शुरुआत की गई।
  • मिशन को दो चरणों में लागू किया जाएगा:
    • प्रथम चरण के तहत चिकित्सा, वस्त्र, इलेक्ट्रॉनिक्स, प्लास्टिक, खिलौने जैसे क्षेत्रों को प्रोत्साहित किया जाएगा ताकि स्थानीय विनिर्माण और निर्यात को बढ़ावा दिया जा सके।
    • द्वितीय चरण में  चरण में रत्न एवं आभूषण, फार्मा, स्टील जैसे क्षेत्रों को प्रोत्साहित किया जाएगा।
  •  'आत्मनिर्भर भारत अभियान' के तहत 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की गई है, जो भारत के ‘सकल घरेलू उत्पाद’ (Gross Domestic Product- GDP) के लगभग 10% के बराबर है। पैकेज में भूमि, श्रम, तरलता और कानूनों (Land, Labour, Liquidity and Laws- 4Is) पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। 
  • आत्मनिर्भर भारत के पाँच स्तंभ:
    • अर्थव्यवस्था (Economy): जो वृद्धिशील परिवर्तन (Incremental Change) के स्थान पर बड़ी उछाल (Quantum Jump) पर आधारित हो;  
    • अवसंरचना (Infrastructure): ऐसी अवसंरचना जो आधुनिक भारत की पहचान बने;
    • प्रौद्योगिकी (Technolog): 21 वीं सदी प्रौद्योगिकी संचालित व्यवस्था पर आधारित प्रणाली; 
    • गतिशील जनसांख्यिकी (Vibrant Demography): जो आत्मनिर्भर भारत के लिये ऊर्जा का स्रोत है; 
    • मांग (Demand): भारत की मांग और आपूर्ति श्रृंखला की पूरी क्षमता का उपयोग किया जाना चाहिये।

स्रोत: द हिंदू

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