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सामाजिक न्याय

राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग

  • 16 Jun 2023
  • 8 min read

प्रिलिम्स के लिये:

राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग, संविधान का अनुच्छेद 338, 89वाँ संशोधन अधिनियम, 2003 

मेन्स के लिये:

NCSC के कार्य

चर्चा में क्यों?  

राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (National Commission for Scheduled Castes- NCSC) ने हाल ही में Zomato कंपनी के एक विज्ञापन को "अमानवीय" और जातिवादी बताते हुए उसे नोटिस जारी किया है।

राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग:

  • परिचय:  
    • NCSC एक संवैधानिक निकाय है जिसकी स्थापना शोषण के खिलाफ अनुसूचित जातियों को सुरक्षा प्रदान करने और उनके सामाजिक, शैक्षिक, आर्थिक तथा सांस्कृतिक हितों को बढ़ावा देने एवं उनकी रक्षा करने के लिये की गई थी।
  • पृष्ठभूमि:  
    • विशेष अधिकारी: 
      • प्रारंभ में संविधान के अनुच्छेद 338 के तहत एक विशेष अधिकारी की नियुक्ति का प्रावधान किया गया था। इस विशेष अधिकारी को अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजातियों के आयुक्त (Commissioner) के रूप में नामित किया गया।
    • 65वाँ संशोधन अधिनियम, 1990: 
      • संविधान के 65वें संशोधन अधिनियम,1990 द्वारा अनुच्छेद 338 में संशोधन किया गया।
      • 65वांँ संशोधन, 1990 द्वारा एक सदस्यीय प्रणाली को बहु-सदस्यीय राष्ट्रीय अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) आयोग के रूप में परिवर्तित कर दिया गया। 
    • 89वाँ संशोधन अधिनियम, 2003: 
      • अनुच्छेद 338 में संशोधन द्वारा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति हेतु गठित पूर्ववर्ती राष्ट्रीय आयोग को वर्ष 2004 में दो अलग-अलग आयोगों में बदल दिया गया, ये हैं: 
  • संरचना:  
    • NCSC में एक अध्यक्ष, एक उपाध्यक्ष और तीन अतिरिक्त सदस्य होते हैं। 
    • इनकी नियुक्ति राष्ट्रपति के हस्ताक्षर और मुहर के तहत एक वारंट द्वारा की जाती है।
      • उनकी सेवा की शर्तें और पद का कार्यकाल भी राष्ट्रपति द्वारा निर्धारित किया जाता है।
  • कार्य: 
    • अनुसूचित जातियों के लिये संवैधानिक और अन्य कानूनी सुरक्षा उपायों से संबंधित सभी मामलों की जाँच एवं निगरानी करना तथा उनके कामकाज़ का मूल्यांकन करना;
    • अनुसूचित जातियों को अधिकारों और सुरक्षा उपायों से वंचित करने के संबंध में विशिष्ट शिकायतों की जाँच करना;
    • अनुसूचित जातियों के सामाजिक-आर्थिक विकास की योजना प्रक्रिया में भाग लेना और सलाह देना तथा केंद्र या राज्य के तहत उनके विकास की प्रगति का मूल्यांकन करना;
    • राष्ट्रपति को वार्षिक रूप से और ऐसे अन्य अवसरों पर, जैसा वह उचित समझे, सुरक्षा उपायों के कार्यकरण पर रिपोर्ट प्रस्तुत करना;
    • अनुसूचित जातियों के संरक्षण, कल्याण और सामाजिक-आर्थिक विकास के लिये सुरक्षा उपायों एवं अन्य उपायों के प्रभावी कार्यान्वयन हेतु केंद्र या राज्य द्वारा किये जाने वाले उपायों के बारे में सिफारिशें करना;
    • वर्ष 2018 तक आयोग को अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के संबंध में भी समान कार्य करने की आवश्यकता थी। इसे 102वें संशोधन अधिनियम, 2018 द्वारा इस उत्तरदायित्व से मुक्त किया गया था।

अनुसूचित जाति के उत्थान के लिये अन्य संवैधानिक प्रावधान: 

  • अनुच्छेद 15: यह अनुच्छेद विशेष रूप से जाति के आधार पर भेदभाव के मुद्दे को संबोधित करता है, अनुसूचित जातियों (SC) के संरक्षण और उत्थान पर बल देता है।
  • अनुच्छेद 17: यह अनुच्छेद अस्पृश्यता को समाप्त करता है और किसी भी रूप में इसके अभ्यास पर रोक लगाता है। यह सामाजिक भेदभाव को खत्म करने तथा सभी व्यक्तियों की समानता एवं सम्मान को बढ़ावा देता है।
  • अनुच्छेद 46: शैक्षिक और आर्थिक हितों को बढ़ावा देना: यह अनुच्छेद राज्य को अनुसूचित जातियों और समाज के अन्य कमज़ोर वर्गों के शैक्षिक एवं आर्थिक हितों को बढ़ावा देने तथा उन्हें सामाजिक अन्याय और सभी प्रकार के शोषण से बचाने का निर्देश देता है।
  • अनुच्छेद 243D(4): यह प्रावधान क्षेत्र में उनकी आबादी के अनुपात में पंचायतों (स्थानीय स्व-सरकारी संस्थानों) में अनुसूचित जाति के लिये सीटों के आरक्षण को अनिवार्य करता है।
  • अनुच्छेद 243T(4): यह प्रावधान क्षेत्र में उनकी आबादी के अनुपात में नगर पालिकाओं (शहरी स्थानीय निकायों) में अनुसूचित जाति के लिये सीटों का आरक्षण सुनिश्चित करता है।
  • अनुच्‍छेद 330 और अनुच्‍छेद 332 में लोकसभा तथा राज्‍यों की विधानसभाओं (क्रमशः) में अनुसूचित जातियों एवं अनुसूचित जनजातियों के पक्ष में सीटों के आरक्षण का प्रावधान है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

मेन्स:

प्रश्न. वर्ष 2001 में आर.जी.आई. ने कहा कि दलित जो इस्लाम या ईसाई धर्म में परिवर्तित हो गए हैं, वे एक भी जातीय समूह नहीं हैं क्योंकि वे विभिन्न जाति समूहों से संबंधित हैं। इसलिये उन्हें अनुच्छेद 341 के खंड (2) के अनुसार अनुसूचित जाति (SC) की सूची में शामिल नहीं किया जा सकता है, जिसमें शामिल करने हेतु एकल जातीय समूह की आवश्यकता होती है। (मुख्य परीक्षा, 2014)

प्रश्न. क्या राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (NCSC) धार्मिक अल्पसंख्यक संस्थानों में अनुसूचित जातियों के लिये संवैधानिक आरक्षण के क्रियान्वयन का प्रवर्तन करा सकता है? परीक्षण कीजिये। (मुख्य परीक्षा, 2018)

स्रोत: द हिंदू  

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