भारतीय अर्थव्यवस्था
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अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष
- 02 Jan 2023
- 10 min read
प्रिलिम्स के लिये:बाजरा और इसका महत्त्व, UNEP, FAO, खाद्य सुरक्षा मेन्स के लिये:अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष 2023 और इसका महत्त्व |
चर्चा में क्यों?
भारत ने अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष 2023 को 'जन आंदोलन' बनाने के साथ-साथ भारत को 'वैश्विक पोषक अनाज हब (Global Hub for Millets)' के रूप में स्थापित करने के दृष्टिकोण को साझा किया है।
अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष:
- परिचय:
- वर्ष 2023 में अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष (International Year of Millets- IYM) मनाने के भारत के प्रस्ताव को वर्ष 2018 में खाद्य और कृषि संगठन (FAO) द्वारा अनुमोदित किया गया था तथा संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष के रूप में घोषित किया है।
- इसे संयुक्त राष्ट्र के एक प्रस्ताव द्वारा अपनाया गया और इसका नेतृत्व भारत ने किया तथा 70 से अधिक देशों ने इसका समर्थन किया।
- उद्देश्य:
- खाद्य सुरक्षा और पोषण में पोषक अनाज/बाजरा/मोटे अनाज के योगदान के बारे में जागरूकता का प्रसार करना।
- पोषक अनाज के टिकाऊ उत्पादन और गुणवत्ता में सुधार के लिये हितधारकों को प्रेरित करना।
- उपर्युक्त दो उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिये अनुसंधान और विकास एवं विस्तार सेवाओं में निवेश बढ़ाने पर ध्यान देना।
पोषक अनाज/बाजरा/मोटे अनाज:
- परिचय:
- पोषक अनाज एक सामूहिक शब्द है जो कई छोटे-बीज वाले फसलों को संदर्भित करता है, जिसकी खेती खाद्य फसल के रूप में मुख्य रूप से समशीतोष्ण, उपोष्णकटिबंधीय और उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों व शुष्क क्षेत्रों में सीमांत भूमि पर की जाती है।
- भारत में उपलब्ध कुछ सामान्य फसलों में बाजरा रागी (फिंगर मिलेट), ज्वार (सोरघम), समा (छोटा बाजरा), बाजरा (मोती बाजरा) और वरिगा (प्रोसो मिलेट) शामिल हैं।
- इन अनाजों के प्रमाण सबसे पहले सिंधु सभ्यता में पाए गए और ये भोजन के लिये उगाए गए पहले पौधों में से थे।
- लगभग 131 देशों में इसकी खेती की जाती है, यह एशिया और अफ्रीका में लगभग 60 करोड़ लोगों के लिये पारंपरिक भोजन है।
- भारत दुनिया में बाजरा का सबसे बड़ा उत्पादक है।
- यह वैश्विक उत्पादन का 20% और एशिया के उत्पादन का 80% हिस्सा है।
- वैश्विक वितरण:
- भारत, नाइजीरिया और चीन विश्व में बाजरा के सबसे बड़े उत्पादक हैं, जिनका वैश्विक उत्पादन में 55% से अधिक की हिस्सेदारी है।
- कई वर्षों तक भारत बाजरा का एक प्रमुख उत्पादक था। हालाँकि हाल के वर्षों में अफ्रीका में बाजरे के उत्पादन में प्रभावशाली रूप से वृद्धि हुई है।
- महत्त्व:
- उच्च पोषण से युक्त:
- बाजरा अपने उच्च प्रोटीन, फाइबर, विटामिन और लौह तत्त्व जैसे खनिजों के कारण गेहूँ एवं चावल की तुलना में कम खर्चीला तथा पौष्टिक रूप से बेहतर है।
- बाजरा कैल्शियम और मैग्नीशियम से भी भरपूर होता है। उदाहरण के लिये रागी को सभी अनाजों में सबसे अधिक कैल्शियम स्रोत के रूप में जाना जाता है।
- बाजरा पोषण सुरक्षा प्रदान करता है और विशेष रूप से बच्चों एवं महिलाओं के बीच पोषण की कमी के खिलाफ ढाल के रूप में कार्य करता है। इसमें उपस्थित उच्च लौह तत्त्व भारत में महिलाओं की प्रजनन अवस्था के दौरान तथा शिशुओं में एनीमिया के उच्च प्रसार को रोकने में सक्षम हैं।
- ग्लूटेन मुक्त तथा कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स
- बाजरा जीवनशैली की समस्याओं जैसे कि मोटापा और मधुमेह जैसी स्वास्थ्य चुनौतियों से निपटने में मदद करता है क्योंकि वे ग्लूटेन मुक्त होते हैं और उनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है (खाद्य पदार्थों में कार्बोहाइड्रेट की एक सापेक्ष रैंकिंग इस आधार पर होती है कि वे रक्त में शर्करा के स्तर को किस प्रकार प्रभावित करती हैं)।
- उन्नत उपज वाली फसल:
- बाजरा प्रकाश-संवेदी होता है (फूलों के लिये विशिष्ट प्रकाश काल की आवश्यकता नहीं होती) तथा जलवायु परिवर्तन के लिये सवेदनशील भी है। बाजरा बहुत कम या बिना किसी बाहरी रखरखाव के खराब मिट्टी में भी बढ़ सकता है।
- बाजरा पानी की कम खपत करता है तथा सूखे की स्थिति में असिंचित परिस्थितियों में बहुत कम वर्षा वाले क्षेत्रों में भी बढ़ने में सक्षम होता है।
- बाजरा में कम कार्बन और वाटर फुटप्रिंट होते हैं (चावल के पौधों को उगाने के लिये बाजरे की तुलना में कम-से-कम 3 गुना अधिक पानी की आवश्यकता होती है)।
- उच्च पोषण से युक्त:
सरकार द्वारा की गई संबंधित पहलें:
- पोषण सुरक्षा के लिये गहन बाजरा संवर्द्धन (INSIMP) के माध्यम से पहल:
- न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि: सरकार ने बाजरा के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि की है, जो किसानों के लिये एक बड़े मूल्य प्रोत्साहन के रूप में है।
- इसके अलावा उपज के लिये स्थिर बाज़ार प्रदान करने हेतु सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली में मोटे अनाज को शामिल किया है।
- इनपुट सहायता: सरकार ने किसानों की सहायता हेतु बीज किट का प्रावधान शुरू किया है तथा किसान उत्पादक संगठनों के माध्यम से मूल्य शृंखला का निर्माण किया है और बाजरा की बिक्री का समर्थन किया है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. ‘गहन कदन्न संवर्द्धन के माध्यम से पोषण सुरक्षा हेतु पहल’ के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (2016)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 उत्तर: (c) व्याख्या:
अतः विकल्प (c) सही उत्तर है। |