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विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

भारत की तकनीकी क्षमता का दोहन

  • 27 Apr 2022
  • 8 min read

प्रिलिम्स के लिये:

स्टार्टअप के लिये पहल

मेन्स के लिये:

भारत में स्टार्टअप और स्टार्टअप की वास्तविक क्षमता को प्राप्त करने में चुनौतियांँ, स्टार्टअप को बढ़ावा देने हेतु उठाए गए कदम

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में देश की तकनीकी क्षमता का दोहन करने के लिये वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (Council of Scientific and Industrial Research- CSIR) तथा इंटरनेशनल सेंटर फॉर एंटरप्रेन्योरशिप एंड टेक्नोलॉजी (International Centre for Entrepreneurship and Technology- iCreate) के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर किये गए हैं।

इंटरनेशनल सेंटर फॉर एंटरप्रेन्योरशिप एंड टेक्नोलॉजी (iCreate):

  • iCreate गुजरात सरकार की उत्कृष्टता का एक स्वायत्त केंद्र है तथा टेक इनोवेशन पर आधारित स्टार्टअप को व्यवसायों में परिवर्तित करने हेतु भारत का सबसे बड़ा संस्थान है।

वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR):

  • CSIR को विविध विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में अपने अत्याधुनिक अनुसंधान व विकास तथा औद्योगिक ज्ञान के आधार हेतु जाना जाता है।  
  • यह एक समकालीन अनुसंधान एवं विकास संगठन है।  
  • CSIR के पास 37 राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं, 39 आउटरीच केंद्रों, एक इनोवेशन कॉम्प्लेक्स और अखिल भारतीय उपस्थिति वाली तीन इकाइयों का एक गतिशील नेटवर्क है। 
  • CSIR के पास 8366 भारतीय पेटेंट और 7806 विदेशी पेटेंट का पेटेंट पोर्टफोलियो है। 
  • CSIR समुद्र विज्ञान, भूभौतिकी, रसायन, दवाओं, जीनोमिक्स, जैव प्रौद्योगिकी और नैनो प्रौद्योगिकी से लेकर खनन, वैमानिकी, इंस्ट्रूमेंटेशन, पर्यावरण इंजीनियरिंग तथा सूचना प्रौद्योगिकी तक विज्ञान व प्रौद्योगिकी के व्यापक स्पेक्ट्रम को कवर करता है।
  • यह सामाजिक प्रयासों से संबंधित कई क्षेत्रों में महत्त्वपूर्ण तकनीकी हस्तक्षेप प्रदान करता है।
    • सामाजिक प्रयासों में पर्यावरण, स्वास्थ्य, पेयजल, भोजन, आवास, ऊर्जा, कृषि और गैर-कृषि क्षेत्र शामिल हैं।  
  • इसके अलावा विज्ञान और प्रौद्योगिकी मानव संसाधन विकास में सीएसआईआर की भूमिका उल्लेखनीय है।

समझौता ज्ञापन के प्रमुख बिंदु: 

  • समझौता ज्ञापन के तहत CSIR और iCreate देश में उद्यमियों और नवप्रवर्तनकर्त्ताओं के लिये संयुक्त संसाधन उपलब्ध कराकर नवाचार तकनीकी स्टार्टअप हेतु एक सहयोगी समर्थन प्रणाली स्थापित करने का इरादा रखते हैं।
  • यह साझेदारी वैज्ञानिक नवोन्मेष और हाई-टेक स्टार्टअप्स की मार्केटिंग क्षमता को भी उत्प्रेरित करेगी।
    • फिनटेक, नियोबैंक और ई-कॉमर्स उद्यमी डिजिटल वातावरण का निर्माण करते है तथा उनका उद्यम इसका पूरा लाभ उठा सकता है जिससे डिजिटल बूम की स्थिति पैदा हो सकती है।
  • इसके अलावा iCreate चिह्नित CSIR प्रयोगशालाओं में नए इन्क्यूबेटरों को स्थापित करने में मदद करेगा।  
    • ऐसे स्टार्टअप CSIR के उपकरण, सुविधाओं और वैज्ञानिक जनशक्ति का उपयोग करेंगे।
  • CSIR उभरते उद्यमियों को बढ़ावा देने के लिये बौद्धिक संपदा सहायता प्रदान करेगा तथा भारत के अभिनव स्टार्टअप को वित्तीय रूप से समर्थन देने के तरीकों का पता लगाएगा।
  • CSIR वैज्ञानिकों द्वारा वैज्ञानिक नवाचार के माध्यम से संबोधित की जा सकने वाली वास्तविक ज़रूरतों की पहचान करने के लिये iCreate अपने गहरे उद्योग संबंध और बाज़ार संपर्कों का भी लाभ उठाएगा। 
    • इस प्रकार यह CSIR से निकलने वाले नवाचारों के तेज़ी से व्यावसायीकरण को बढ़ावा देगा। 

भारत में स्टार्टअप की स्थिति: 

  • स्टार्टअप के बारे में: 
    • वर्तमान में भारत वैश्विक स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र वाला देश है (स्टार्टअप की संख्या के अनुसार)। वर्ष 2020 तक भारत में 15,000 से अधिक स्टार्टअप स्थापित किये जा चुके हैं जो वर्ष 2010 तक स्थापित 5000 स्टार्टअप्स की तुलना में कहीं अधिक हैं।
    • इस स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र के अंतर्गत  स्मार्टफोन और इंटरनेट की पैठ, क्लाउड कंप्यूटिंग, एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस (API) और एक राष्ट्रीय भुगतान स्टैक शामिल हैं।
    • इसके अतिरिक्त भारत में कोविड-19 महामारी के दौरान, वर्ष 2011-20 की अवधि  में स्थापित स्टार्टअप्स से कहीं अधिक केवल वर्ष 2021 में यूनिकॉर्न स्टार्टअप्स (1 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक के मूल्यांकन वाले स्टार्टअप) स्थापित हुए हैं। 
    • हालाँकि अभी भी कई चुनौतियाँ विद्यमान हैं जो भारत में स्टार्टअप्स की वास्तविक क्षमता को साकार करने में  बाधा के रूप में कार्य करती हैं जैसे- भारतीय स्टार्टअप का निर्माण और स्केलिंग, विविधता व डिजिटल डिवाइड, कॉम्प्लेक्स रेगुलेटरी एन्वायरनमेंट आदि।
  • अन्य संबंधित पहलें:
    • स्टास्टार्टअप इकोसिस्टम के आधार पर राज्यों की रैंकिंग: यह एक विकसित मूल्यांकन उपकरण है जिसका उद्देश्य राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के समर्थन के लिये समग्र रूप से अपने स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना है।
    • SCO स्टार्टअप मंच: स्टार्टअप मंच को पहली बार शंघाई सहयोग संगठन में उद्देश्य से अक्तूबर 2020 में लॉन्च किया गया था।
    • प्रारंभ: 'प्रारंभ ' शिखर सम्मेलन का उद्देश्य दुनिया भर के स्टार्टअप्स और युवाओं को एक मंच प्रदान करना है ताकि वे नए विचार, नवाचार और आविष्कार प्रस्तुत कर सकें।
    • स्टार्टअप इंडिया सीड फंड योजना: इसका उद्देश्य अवधारणा के प्रमाण (POC), प्रोटोटाइप विकास, उत्पाद परीक्षण, बाज़ार में प्रवेश और व्यावसायीकरण आदि के संदर्भ में स्टार्टअप को वित्तीय सहायता प्रदान करना है।
    • फिशरीज़ स्टार्टअप ग्रैंड चैलेंज: मत्स्य पालन, पशुपालन व डेयरी मंत्रालय के अधीन मत्स्य पालन विभाग ने स्टार्टअप इंडिया के सहयोग से वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने फिशरीज़ स्टार्टअप ग्रैंड चैलेंज का उद्घाटन किया।

स्रोत: पी.आई.बी.

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