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कृषि

फसलों की ई-खरीद

  • 12 Mar 2022
  • 10 min read

प्रिलिम्स के लिये:

मेरी फसल-मेरा ब्योरा ई-खरीद, न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP), ई-नाम पोर्टल, भारतीय खाद्य निगम, कृषि लागत और मूल्य आयोग (CACP)

मेन्स के लिये:

कृषि विपणन, कृषि में प्रौद्योगिकी की भूमिका

चर्चा में क्यों?

हरियाणा सरकार ने ‘मेरी फसल-मेरा ब्योरा ई-खरीद’ पोर्टल लॉन्च किया है। इस पोर्टल के माध्यम से हरियाणा भारत का ऐसा पहला राज्य बन गया है, जहाँ न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर 14 फसलों की खरीद की जाती है।

  • इन फसलों में गेहूँ, सरसों, जौ, चना, धान, मक्का, बाजरा, कपास, सूरजमुखी, मूँग,  मूँगफली, अरहर, उड़द और तिल शामिल हैं।
  • यह पोर्टल खेती में सुधार और किसानों की आय में वृद्धि सुनिश्चित करने के साधन के रूप में डिजिटल शासन (ई-शासन) को तेज़ी से अपनाने की दिशा में महत्त्वपूर्ण कदम है।

विगत वर्षों के प्रश्न

प्रश्न: निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2020)

  1. सभी अनाजों, दालों और तिलहनों के मामले में भारत के किसी भी राज्य/संघ राज्य क्षेत्र में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीद असीमित है।
  2. अनाज और दालों के मामले में MSP किसी भी राज्य / केंद्रशासित प्रदेश में उस स्तर पर तय किया जाता है जहाँ बाज़ार मूल्य कभी नहीं बढ़ेगा।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1 
(b)
केवल 2 
(c)
1 और 2 दोनों 
(d)
न तो 1 और न ही 2

उत्तर: D

पोर्टल से संबंधित मुख्य बिंदु:

  • पोर्टल को कोविड-19 महामारी के मद्देनज़र शुरू किया गया था।
  • दो वर्ष से भी कम समय में राज्य के कुल किसानों में से 8.71 लाख या 80% से अधिक ने रबी सीज़न में पोर्टल पर पंजीकरण कराया।
  • पोर्टल का उद्देश्य ऑनलाइन बिक्री की सुविधा प्रदान करना है, जिसके तहत राज्य की 81 मंडियों को ‘ई-नाम’ (इलेक्ट्रॉनिक राष्ट्रीय कृषि बाज़ार) पोर्टल से जोड़ा गया है।
    • ‘ई-नाम’ प्लेटफॉर्म एक अखिल भारतीय इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग पोर्टल प्रदान करता है, जो कृषि उत्पादों के लिये एक एकीकृत राष्ट्रीय बाज़ार बनाने हेतु मौजूदा APMC (कृषि उपज बाज़ार कमोडिटीज़) मंडियों को एक नेटवर्क में एक साथ लाता है।

फसलों की खरीद:

  • उद्देश्य: खाद्यान्न खरीद की सरकार की नीति का व्यापक उद्देश्य किसानों के लिये MSP सुनिश्चित करना और कमज़ोर वर्गों को सस्ती कीमतों पर खाद्यान्न की उपलब्धता सुनिश्चित करना है।
    • यह प्रभावी बाज़ार हस्तक्षेप को भी सुनिश्चित करता है ताकि कीमतों को नियंत्रण में रखने के साथ ही देश की समग्र खाद्य सुरक्षा का ध्यान रखा जा सके। 
    • मूल्य समर्थन के तहत खरीद मुख्य रूप से किसानों को उनकी उपज के लिये लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने हेतु की जाती है जो बेहतर उत्पादन प्राप्त करने के लिये प्रोत्साहन के रूप में कार्य करती है।
  • नोडल एजेंसी: भारतीय खाद्य निगम, भारत सरकार की नोडल केंद्रीय एजेंसी है जो अन्य राज्य एजेंसियों के साथ मूल्य समर्थन योजना के तहत गेहूंँ और धान की खरीद करती है।
    • भारत सरकार द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार केंद्रीय पूल के लिये राज्य सरकार की एजेंसियों द्वारा मोटे अनाज की खरीद की जाती है।
  • CACP की भूमिका: प्रत्येक रबी/खरीफ की फसल के मौसम के दौरान फसल से पहले, भारत सरकार कृषि लागत और मूल्य आयोग (CACP) की सिफारिश के आधार पर खरीद हेतु न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की घोषणा करती है।
  • राज्य सरकारों की भूमिका: खाद्यान्नों की खरीद की सुविधा के लिये FCI और विभिन्न राज्य एजेंसियों ने राज्य सरकार के परामर्श से विभिन्न मंडियों में बड़ी संख्या में खरीद केंद्र स्थापित किये हैं।

विगत वर्षों के प्रश्न: 

प्रश्न: निम्नलिखित में से कौन से कारक/नीतियाँ हाल के दिनों में भारत में चावल की कीमत को प्रभावित कर रही है? (2020)

1. न्यूनतम समर्थन मूल्य
2. सरकार द्वारा व्यापार
3. सरकार द्वारा भंडारण 
4. उपभोक्ता सब्सिडी

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: 

(a) केवल 1, 2 और  4 
(b) केवल 1, 3 और 4
(c) केवल  2 और  3 
(d) 1, 2, 3 और 4

उत्तर: (d)

ई-मंडी किसानों की मदद कैसे करेगी?

  • बिचौलियों का एकाधिकार: मौजूदा बुनियादी ढाँचे के साथ कृषि उपज केवल निकटतम कृषि बाज़ार तक पहुँचती है जो कि एपीएमसी (कृषि उपज बाज़ार वस्तु) के अधिकार क्षेत्र में है।
    • यात्रा, पैकिंग और उपज की छँटाई का खर्च उठाने के बाद किसान स्थानीय मंडियों में पहुँचते हैं और जल्दी खराब होने वाली वस्तुओं को बेचने की प्रतीक्षा करते हैं।
    • किसानों को छँटाई, ग्रेडिंग और अन्य आवश्यक कृषि प्रक्रियाओं के लिये स्थानीय एजेंटों पर निर्भर रहना पड़ता है, इस प्रकार उन बिचौलियों पर बहुत अधिक निर्भर होते हैं जो हमेशा भरोसेमंद या ईमानदार नहीं होते हैं।
  • किसानों के हितों के लिये हानिकारक: यह अघोषित एकाधिकार जो अस्तित्व में है, वस्तु की वृद्धि और कृषि मूल्य शृंखला के मुक्त प्रवाह को प्रभावित रहा है, यह स्थानीय किसानों तथा उनकी आजीविका के लिये भी हानिकारक है।

विगत वर्षों के प्रश्न

प्रश्न: 'राष्ट्रीय कृषि बाज़ार' योजना को लागू करने के क्या लाभ हैं? (2017)

  1. यह कृषि वस्तुओं के लिये एक अखिल भारतीय इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग पोर्टल है।
  2. यह किसानों को उनकी उपज की गुणवत्ता के अनुरूप कीमतों के साथ राष्ट्रव्यापी बाज़ार तक पहुँच प्रदान करती है।

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1 
(b) केवल 2 
(c) 1 और 2  दोनों 
(d) न तो 1 और न ही 2

उत्तर: (c)

प्रौद्योगिकी कृषि की मदद कर कैसे सकती है?

  • आधुनिक प्रौद्योगिकी की तैनाती: कृत्रिम बुद्धिमत्ता, ब्लॉकचेन, मशीन लर्निंग, क्लाइमेट-स्मार्ट एडवाइज़री, जियो-टैगिंग और इंटरनेट ऑफ थिंग्स जैसी तकनीकों का उपयोग करते हुए आधुनिक तकनीक व डिजिटल मशीनरी की शुरुआत के साथ पिछले कुछ वर्षों में कृषि क्षेत्र में निवेशकों की संख्या में पर्याप्त वृद्धि देखी गई है।
    • हाल ही में प्रधानमंत्री ने भारत के खेतों में कीटनाशकों का छिड़काव करने के लिये भारत के विभिन्न शहरों और कस्बों में 100 किसान ड्रोन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया है।
  • किसानों को लाभ: डिजिटल मंडियाँ किसानों को थोक व्यापारियों और अन्य स्थानीय व्यापारियों के साथ सीधे बातचीत करने में सक्षम बना रही हैं, इस प्रक्रिया में शामिल बिचौलियों को समाप्त कर रही हैं, जो उनके आंदोलन और फसल के प्रकार, किस्म और मूल्य बिंदु को चुनने की स्वतंत्रता में बाधा डालते हैं।

विगत वर्षों के प्रश्न

प्रश्न: गन्ने का उचित और लाभकारी मूल्य (FRP) अनुमोदित किया जाता है- (2015)

(a) आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति द्वारा
(b) कृषि लागत और मूल्य आयोग द्वारा
(c) विपणन और निरीक्षण निदेशालय, मंत्रालय द्वारा
(d) कृषि उपज मंडी समिति द्वारा

उत्तर: (a)

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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