इंदौर शाखा: IAS और MPPSC फाउंडेशन बैच-शुरुआत क्रमशः 6 मई और 13 मई   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


जैव विविधता और पर्यावरण

बायोमास बिजली

  • 03 Jun 2022
  • 9 min read

प्रिलिम्स के लिये:

नवीकरणीय ऊर्जा, बायोमास विद्युत, पायरोलिसिस, गैसीकरण। 

मेन्स के लिये:

नवीकरणीय ऊर्जा, नवीकरणीय ऊर्जा हेतु सरकार की पहल। 

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में भारत (कुरुक्षेत्र, हरियाणा) में एक नई बायोमास-आधारित बॉयलर तकनीक शुरू की गई जो हरित होने का दावा करती है और सभी प्रकार के कृषि अवशेषों को ईंधन के रूप में समायोजित कर सकती है, साथ ही साथ पराली जलानके बोझ को कम करने में मदद कर सकती है। 

  • जैसे-जैसे देश कार्बन मुक्त बिजली उत्पादन की ओर बढ़ रहा है, नियामक और नीति निर्माता बायोमास आधारित बिजली पर ध्यान दे रहे हैं। 
  • देश में बिजली की मांग का लगभग 2.6% बायोमास द्वारा पूरा किया जाता है। 

प्रमुख बिंदु  

  • बायोमास-आधारित बॉयलर की विशेषताएंँ: 
    • नए बॉयलर की क्षमता 75 टन प्रति घंटा है और इससे 15 मेगावाट बिजली पैदा होती है। 
    • डेनमार्क की यह नई तकनीक संयंत्र को कम ईंधन तैयार करने और संभालने के साथ विभिन्न प्रकार के ईंधन जलाने में सक्षम बनाती है। 
    • वाइब्रेटिंग ग्रेट के कारण यह दहन तकनीक लाभप्रद है। 
    • स्टीम बॉयलर ग्रेट भट्ठी में ठोस ईंधन का प्रयोग करती है। 
      • वाइब्रेटिंग ग्रेट हर घनत्व के बायोमास को समायोजित करता है। 
      • हालांँकि ईंधन में नमी की मात्रा 15-20% होनी चाहिये। 
    • चूंँकि वाइब्रेटिंग ग्रेट किसी भी आकार के कृषि अवशेषों को जलाने में सहयोग करता है, अतः यह ऊर्जा उत्पादन के लिये बायोमास के प्रसंस्करण हेतु खपत ऊर्जा की बचत करता है। 
  • पारंपरिक बॉयलरों से अधिक लाभदायक: 
    • मौजूदा पारंपरिक बॉयलर केवल विशिष्ट प्रकार के कृषि अवशेषों जैसे धान की भूसी, धान की पुआल, सरसों आदि के लिये डिज़ाइन किये गए हैं और ऊर्जा उत्पादन में बायोमास के योगदान को प्रतिबंधित करते हैं। 
    • जबकि वाइब्रेटिंग ग्रेट बायलर तकनीक किसी भी प्रकार के बायोमास को फायर करने का एक समाधान हो सकता है। 

बायोमास: 

  • परिचय 
    • बायोमास नवीकरणीय कार्बनिक सामग्री है जो पौधों और जानवरों से प्राप्त होती है। 
  • उपयोग 
    • बायोमास का उपयोग ‘फैसिलिटी हीटिंग’, विद्युत ऊर्जा उत्पादन, संयुक्त ताप और बिजली के लिये किया जाता है।  
  • बिजली में परिवर्तित करने के तरीके: बायोमास को कई तरीकों से विद्युत शक्ति में परिवर्तित किया जा सकता है। 
    • बायोमास सामग्री का दहन:  
      • सबसे आम बायोमास सामग्री जैसे कृषि अपशिष्ट या काष्ठ सामग्री का प्रत्यक्ष दहन है। 
    • गैसीकरण:  
      • गैसीकरण पूर्ण दहन के लिये आवश्यकता से कम ऑक्सीजन के साथ बायोमास को गर्म करके प्रयोग योग्य ऊर्जा सामग्री के साथ संश्लेषित गैस का उत्पादन करता है। 
    • पायरोलिसिस:  
      • पायरोलिसिस ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में बायोमास को तेज़ी से गर्म करके जैव-तेल उत्पन्न करता है। 
    • अवायवीय पाचन:  
      • अवायवीय पाचन एक नवीकरणीय प्राकृतिक गैस का उत्पादन करता है जब ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में बैक्टीरिया द्वारा कार्बनिक पदार्थ को विघटित किया जाता है।  
        • बहुत गीला कचरा जैसे- पशु और मानव अपशिष्ट, एक अवायवीय डाइज़ेस्टर में एक मध्यम-ऊर्जा सामग्री गैस में परिवर्तित हो जाते हैं। 
  • लाभ: 
    • कई अन्य नवीकरणीय ऊर्जा विकल्पों की तुलना में, बायोमास में डिस्पैचबिलिटी का लाभ होता है, जिसका अर्थ है कि यह नियंत्रणीय है और ज़रूरत पड़ने पर उपलब्ध है। 
  • हानि:  
    • ईंधन की खरीद, वितरण, संग्रहीत और भुगतान करने की आवश्यकता है.  
    • इसके अलावा बायोमास दहन प्रदूषक पैदा करता है, जिसे नियमों के अनुसार सावधानीपूर्वक निगरानी और नियंत्रित किये जाने की आवश्यकता है । 
  • सरकार की पहल: 
    • ग्रिड बिजली उत्पादन के लिये देश के बायोमास संसाधनों के इष्टतम उपयोग हेतु प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देने के मुख्य उद्देश्य के साथ बायोमास बिजली और सह उत्पादन कार्यक्रम लागू किया गया है। 
    • केंद्रीय नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) ने बायोमास जैसे खोई, कृषि आधारित औद्योगिक अवशेष, फसल अवशेष, ऊर्जा संयंत्रीकरण के माध्यम से उत्पादित लकड़ी, खरपतवार के साथ-साथ बिजली उत्पादन के लिये औद्योगिक कार्यों में उत्पादित लकड़ी के कचरे का उपयोग करने वाली परियोजनाओं हेतु केंद्रीय वित्तीय सहायता की घोषणा की। 
      • इस कदम का उद्देश्य ऊर्जा उत्पादन के लिये एक नियंत्रित वातावरण में बायोमास दहन को बढ़ाना था। 

विगत वर्ष के प्रश्न(PYQs):   

प्रश्न. चीनी उद्योग के उप-उत्पादों की उपयोगिता के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं? (2013) 

  1. खोई का उपयोग ऊर्जा उत्पादन के लिये बायोमास ईंधन के रूप में किया जा सकता है।
  2. कृत्रिम रासायनिक उर्वरकों के उत्पादन के लिये शीरा का उपयोग फीडस्टॉक्स में से एक के रूप में किया जा सकता है।
  3. शीरे का उपयोग एथेनॉल उत्पादन के लिये किया जा सकता है।

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: 

(a) केवल 1 
(b) केवल 2 और 3 
(c) केवल 1 और 3 
(d) 1, 2 और 3 

 उत्तर: C 

व्याख्या: 

  • चीनी उद्योग के चार मुख्य उप-उत्पाद गन्ना टॉप, खोई, फिल्टर मड और शीरा हैं। 
  • गन्ने की खोई जैव-आधारित अर्थव्यवस्था की स्थापना के लिये बायोमास का एक अत्यधिक आशाजनक स्रोत है। खोई का उपयोग बिजली, इथेनॉल, पेपर बोर्ड और वैनिलिन जैसे रसायनों के उत्पादन के लिये किया जा सकता है। अत: कथन 1 सही है। 
  • गुड़, परिष्कृत चीनी का उप-उत्पाद है। इसका उपयोग अल्कोहल उत्पादन के लिये किया जाता है।इसके पोषक तत्त्व, भूख बढ़ाने और भौतिक गुणों के कारण पशुओं के चारे में इसकी महत्त्वपूर्ण उपयोगिता है। इसका उपयोग अन्य उत्पादों के बीच इथेनॉल, स्प्रिट और अल्कोहल के उत्पादन के लिये भी किया जा सकता है। अत: कथन 3 सही है। 
  • गुड़ का उपयोग जैविक उत्पादन के लिये फीडस्टॉक्स में से एक के रूप में किया जाता है, लेकिन रासायनिक उर्वरकों के लिये नहीं। अत: कथन 2 सही नहीं है। 

अतः विकल्प C सही है। 

स्रोत: डाउन टू अर्थ  

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2