इंदौर शाखा: IAS और MPPSC फाउंडेशन बैच-शुरुआत क्रमशः 6 मई और 13 मई   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


शासन व्यवस्था

अग्रिम मूल्य निर्धारण समझौता और दोहरा कराधान बचाव समझौता

  • 20 Apr 2024
  • 13 min read

प्रिलिम्स के लिये:

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड, अग्रिम मूल्य निर्धारण समझौते, दोहरा कराधान अपवंचन समझौता, कर चोरी

मेन्स के लिये:

कर निश्चितता सुनिश्चित करने में APAs का महत्त्व, दोहरा कराधान बचाव समझौते और उनका महत्त्व, व्यवसाय करने में आसानी

स्रोत: पी.आई.बी.

चर्चा में क्यों? 

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (Central Board of Direct Taxes - CBDT) ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान 125 अग्रिम मूल्य निर्धारण समझौतों (Advance Pricing Agreements - APAs) पर हस्ताक्षर करके एक उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है।

  • APA हस्ताक्षरों में यह उछाल स्थानांतरण मूल्य निर्धारण नियमों के बढ़ते महत्त्व और करदाताओं को निश्चितता प्रदान करने के प्रयासों को रेखांकित करता है।
  • एक अतिरिक्त विकास में भारत और मॉरीशस ने कर चोरी पर अंकुश लगाने और निष्पक्ष कराधान प्रथाओं को सुनिश्चित करने के लिये अपने दोहरे कराधान अपवंचन समझौते (Double Taxation Avoidance Agreement - DTAA) में संशोधन किया है।

 अग्रिम मूल्य निर्धारण समझौता क्या है?

  • परिचय:
    • APA करदाता और कर प्राधिकरण के बीच स्थानांतरण कीमतों पर एक औपचारिक व्यवस्था है।
    • APA व्यवसायों को कर अधिकारियों द्वारा उनके लेन-देन की कीमतों को चुनौती दिये जाने के जोखिम को कम करने की अनुमति देता है।
    • APA कार्यक्रम का व्यापार करने में सुलभता (ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस) को बढ़ावा देने के भारत सरकार के मिशन में महत्त्वपूर्ण योगदान है, विशेष रूप से बहुराष्ट्रीय उद्यमों (MNEs) के लिये जिनके समूह संस्थाओं के भीतर बड़ी संख्या में सीमा पार लेनदेन होते हैं।
  • APAs के प्रकार:
    • एकपक्षीय APA:
      • घरेलू संस्थाओं के बीच लेन-देन के लिये जोखिम सीमित करना।
      • विदेशी संस्थाओं के साथ लेन-देन पर दोहरे कराधान से बचने की कोई गारंटी नहीं। अन्य APA प्रकारों की तुलना में अपेक्षाकृत कम कार्यवाही।
    • द्विपक्षीय APA:
      • घरेलू इकाई और विदेशी इकाई के बीच लेन-देन के लिये जोखिम सीमित करना। दोहरे कराधान के जोखिम को समाप्त करना। लंबी कार्यवाही के लिये दोनों राज्यों को सहमत होना होगा।
    • बहुपक्षीय APA (MAPA):
      • वे 3 या अधिक राज्यों में संबंधित संस्थाओं के बीच लेन-देन के जोखिम को कम करते हैं, जटिल लेन-देन के लिये एक सुरक्षात्मक उपकरण के रूप में कार्य करते हैं और दोनों पक्षों के लिये सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं, हालाँकि कार्यवाही में अधिक समय लगता है।
  • APA की प्रमुख विशेषताएँ:
    • APA प्रक्रिया स्वैच्छिक है और स्थानांतरण मूल्य निर्धारण विवादों को हल करने के लिये अपील और अन्य दोहरे कराधान अपवंचन समझौते तंत्र की पूरक होगी।
    • APA की अवधि अधिकतम 09 वर्ष हो सकती है (यदि करदाता ने रोल रोलबैक तंत्र का विकल्प चुना है तो पाँच वर्ष संभावित और 04 वर्ष पूर्वव्यापी सहित)।
    • यह प्रक्रिया व्यवसायों द्वारा प्रदान किये  गए संवेदनशील डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित करती है।
    • सांख्यिकीय डेटा और सारांश जानकारी प्रकाशित की जाती है, लेकिन निष्कर्षित व्यवस्था वाली संस्थाओं या आवेदकों के नामों का खुलासा किये बिना।
  • व्यवसायों के लिये APA का महत्त्व:
    • यह अंतर्राष्ट्रीय लेन-देन हेतु निकटतम दूरी की कीमत निर्धारित करने के लिये कर निश्चितता (Tax Certainty) प्रदान करता है।
    • द्विपक्षीय या बहुपक्षीय APA के माध्यम से संभावित दोहरे कराधान के जोखिम को कम करता है।
    • स्थानांतरण मूल्य निर्धारण ऑडिट जोखिम को समाप्त करके और विवादों को हल करके अनुपालन लागत को कम करता है।
    • आवश्यक दस्तावेज़ों को पहले से रिकॉर्ड रखने का बोझ कम हो जाता है।
    • APA, व्यवसायों को उनके लेन-देन की कीमतों को अनुचित तरीके से निर्धारित करने या कर अधिकारियों द्वारा चुनौती दिये जाने के जोखिम को कम करेगा।
    • APA व्यवसायों के लिये अपने कर जोखिमों और योजना का प्रबंधन करने के लिये एक प्रभावी उपकरण हो सकता है।

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT):

  • यह एक वैधानिक निकाय है, जिसे केंद्रीय राजस्व बोर्ड अधिनियम, 1963 के तहत स्थापित किया गया है, यह वित्त मंत्रालय में राजस्व विभाग का एक हिस्सा है।
  • CBDT भारत में प्रत्यक्ष करों की नीति और योजना के लिये आवश्यक इनपुट प्रदान करता है, साथ ही यह आयकर विभाग के माध्यम से प्रत्यक्ष कर कानूनों के प्रशासन के लिये भी ज़िम्मेदार है।

दोहरा कराधान बचाव समझौता (DTAA):

  • DTAA दो या दो से अधिक देशों के बीच हस्ताक्षरित एक कर संधि है। इसका मुख्य उद्देश्य यह है कि इन देशों में करदाता एक ही आय पर दो बार कर लगाने से बच सकें।
  • DTAA उन मामलों में लागू होता है, जहाँ करदाता एक देश में रहता है और दूसरे देश में आय अर्जित करता है।
  • DTAA या तो आय के सभी स्रोतों को कवर करने के लिये व्यापक हो सकते हैं या कुछ क्षेत्रों तक सीमित हो सकते हैं जैसे शिपिंग, हवाई परिवहन, विरासत आदि से आय पर कर लगाना।
  • वर्ष 1983 में भारत और मॉरीशस दोहरे कराधान को रोकने के लिये DTAA पर सहमत हुए। DTAA दोनों देशों के निवासियों पर लागू होता है।

भारत और मॉरीशस DTAA संशोधन में क्या शामिल है?

  • मुख्य उद्देश्य परीक्षण (PPT):
    • संशोधित प्रोटोकॉल भारत-मॉरीशस दोहरे कराधान बचाव समझौते (DTAA) में मुख्य उद्देश्य परीक्षण (PPT) पेश करता है।
      • यदि उन लाभों को प्राप्त करना किसी लेन-देन या व्यवस्था का प्राथमिक उद्देश्य हो तो PPT समझौता लाभों से इनकार करता है।
  • अनुच्छेद 27B:
    • समझौते में एक नया अनुच्छेद 27B शामिल किया गया है, जो 'लाभ की पात्रता' (Entitlement to Benefits) को परिभाषित करता है।
      • यह अनुच्छेद उन शर्तों को निर्दिष्ट करता है, जिनके तहत समझौते के लाभ, जैसे कि ब्याज, रॉयल्टी और लाभांश पर प्रतिधारण कर (Withholding Tax) को कम करने से इनकार किया जाता है।
  • समझौते के दुरुपयोग को रोकने पर ध्यान देना:
    • संशोधन का उद्देश्य DTAA के दुरुपयोग के माध्यम से कर चोरी और बचाव से संबंधित चिंताओं को दूर करना है।
    • PPT को शामिल करके, संशोधित समझौता यह सुनिश्चित करता है कि कर लाभों का अनुचित उद्देश्यों के लिये दुरुपयोग न किया जाए।
  • विगत निवेशों के संबंध में अनिश्चितता:
    • संशोधन के बावजूद DTAA के विगत प्रावधानों के तहत किये गए पिछले निवेशों के संबंध में स्पष्टता का अभाव है।
    • वित्त मंत्रालय ने अभी तक मौजूदा निवेशों पर नए प्रावधानों के लागू होने के बारे में स्पष्टीकरण जारी नहीं किया है।

भारत तथा मॉरीशस के बीच वाणिज्यिक संबंध:

  • वर्ष 2005 से भारत, मॉरीशस के सबसे बड़े व्यापारिक साझेदारों में से एक रहा है।
  • वित्तीय वर्ष 2022-2023 के लिये मॉरीशस को भारतीय निर्यात 462.69 मिलियन अमेरिकी डॉलर का था, जबकि भारत को मॉरीशस का निर्यात 91.50 मिलियन अमेरिकी डॉलर का था, जिसमें कुल व्यापार 554.19 मिलियन अमेरिकी डॉलर का था।
    • भारत एवं मॉरीशस के बीच व्यापार में पिछले 17 वर्षों में 132% तक की वृद्धि हुई है।
  • वर्ष 2019 के मध्य तक पेट्रोलियम उत्पाद, भारत से मॉरीशस को निर्यात की गई मुख्य वस्तु थी। मॉरीशस को अन्य भारतीय निर्यातों में फार्मास्यूटिकल्स, अनाज, कपास, झींगा एवं गोजातीय मांस आदि शामिल थे।
  • मॉरीशस से भारत में निर्यात की मुख्य मदों में वेनिला, चिकित्सा उपकरण, सुइयाँ, एल्युमीनियम मिश्रधातु, स्क्रैप पेपर, परिष्कृत ताँबा एवं पुरुषों हेतु सूती वस्त्र शामिल हैं।
  • वर्ष 2000 से 2022 के बीच मॉरीशस से भारत में 161 बिलियन अमेरिकी डॉलर का संचयी FDI प्राप्त हुआ, जो मुख्य रूप से DTAA के कारण था।
  • मॉरीशस और भारत ने 2021 में व्यापक आर्थिक सहयोग तथा भागीदारी समझौते (CECPA) पर हस्ताक्षर किये।
    • CECPA किसी अफ्रीकी देश के साथ भारत द्वारा हस्ताक्षरित पहला व्यापार समझौता है।
  • वर्ष 2024 में मॉरीशस में यूनिफ़ाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) एवं RuPay कार्ड सेवाएँ भी लॉन्च की गईं।
    • मॉरीशस एवं भारत में उपयोगकर्त्ताओं को RuPay तथा UPI को अपनाने से घरेलू के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लेन-देन करने में सुविधा प्राप्त होगी।

दृष्टि मुख्य परीक्षा प्रश्न:

प्रश्न. ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस को बढ़ावा देने तथा विदेशी निवेश को आकर्षित करने के भारत के प्रयासों पर वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) द्वारा APA हस्ताक्षरों में वृद्धि के प्रभाव का मूल्यांकन कीजिये।

प्रश्न. कर चोरी को रोकने तथा भारत एवं मॉरीशस के बीच निष्पक्ष कराधान प्रथाओं को सुनिश्चित करने हेतु किये गए संशोधन के उद्देश्यों का मूल्यांकन कीजिये।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स

प्रश्न. अप्रवासी सत्त्वों द्वारा दी जा रही ऑनलाइन विज्ञापन सेवाओं पर भारत द्वारा 6% समकरण कर लगाए जाने के निर्णय के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं? (2018)

  1. यह आय कर अधिनियम के भाग के रूप में लागू किया गया है।
  2. भारत में विज्ञापन सेवाएँ देने वाले अप्रवासी सत्त्व अपने गृह देश में "दोहरे कराधान से बचाव समझौते" के अंतर्गत टैक्स क्रेडिट का दावा कर सकते हैं।

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2

उत्तर: (d)

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2