दृष्टि आईएएस अब इंदौर में भी! अधिक जानकारी के लिये संपर्क करें |   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


भारतीय अर्थव्यवस्था

मान्यता प्राप्त निवेशक

  • 26 Feb 2021
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने भारतीय प्रतिभूति बाज़ार में 'मान्यता प्राप्त निवेशक' (Accredited Investor) की अवधारणा पेश करने के प्रस्ताव पर संबंधित पक्षों की राय मांगी है।

सेबी, सेबी अधिनियम, 1992 के प्रावधानों के अनुसार स्थापित एक वैधानिक निकाय है। इसका मुख्यालय मुंबई में स्थित है। इसका एक कार्य प्रतिभूतियों में निवेशकों के हितों की रक्षा करना, प्रतिभूति बाज़ार को बढ़ावा देना तथा उनका विनियमन करना है।

प्रमुख बिंदु

  • पृष्ठभूमि:
    • वर्तमान में भारतीय बाज़ारों में योग्य संस्थागत खरीदारों (Qualified Institutional Buyer) की अवधारणा मौजूद है, इसमें म्यूचुअल फंड, बीमा कंपनियाँ या अन्य पोर्टफोलियो निवेशक शामिल होते हैं। इन निवेशकों को बाज़ार में अधिक पहुँच प्राप्त है।
    • हालाँकि एक व्यक्तिगत निवेशक QIB का दर्जा प्राप्त नहीं कर सकता है। मान्यता प्राप्त निवेशक की अवधारणा व्यक्तिगत निवेशकों को QIB जैसी स्थिति प्रदान करेगी।
      • योग्य संस्थागत खरीदार: ये संस्थागत निवेशक होते हैं। इनको पूंजी बाज़ार में निवेश और मूल्यांकन करने में विशेषज्ञता प्राप्त होती है।
  • मान्यता प्राप्त निवेशक के विषय में:
    • मान्यता प्राप्त निवेशकों को योग्य निवेशक या पेशेवर निवेशक भी कहा जाता है जो विभिन्न वित्तीय उत्पादों और उनसे जुड़े जोखिम तथा रिटर्न को समझते हैं।
    • ऐसे निवेशक अपने निवेश के विषय में सोच-समझकर निर्णय लेने में सक्षम होते हैं। इनको विश्व स्तर पर कई प्रतिभूति तथा वित्तीय बाज़ार नियामकों द्वारा मान्यता दी जाती है।
    • इनको प्रतिभूतियों का व्यापार करने की अनुमति होती है, लेकिन ये प्रतिभूतियाँ वित्तीय प्राधिकरण के साथ पंजीकृत नहीं हो सकती हैं।
      • वे अपनी आय, निवल मूल्य, संपत्ति का आकार आदि के विषय में संतोषजनक ढंग से ज़रूरतों को पूरा करके इस विशेषाधिकार तक पहुँच के हकदार हैं
  • सेबी की योजना:
    • सेबी ने भारतीयों, अनिवासी भारतीयों और विदेशी संस्थाओं के लिये पात्रता मानदंड निर्धारित किये हैं।
    • इनकी मान्यता की वैधता एक वर्ष (सेबी से मान्यता प्राप्त करने के दिन से) की होगी।
    • इस तरह की मान्यता को 'प्रत्यायन एजेंसियों' (Accreditation Agency) के माध्यम से पूरा किया जाना चाहिये, जो बाज़ार की बुनियादी ढाँचा संस्थाएँ या उनकी सहायक कंपनियाँ हो सकती हैं।
  • महत्त्व:
    • मान्यता प्राप्त निवेशक की अवधारणा निवेशकों और वित्तीय उत्पाद/सेवा प्रदाताओं को लाभ प्रदान कर सकती है, जैसे:
      • न्यूनतम निवेश राशि में लचीलापन।
      • विनियामक आवश्यकताओं में लचीलापन और विश्राम।
      • मान्यता प्राप्त निवेशकों को विशेष रूप से पेश किये गए उत्पादों/सेवाओं तक पहुँच।

स्रोत: द हिंदू

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow